Maharana Pratap: महाराणा प्रताप के एक ही वार से हो गए थे इस मुगल के घोड़े और सैनिकों के दो टुकडे़

Apr 08, 2024

महान योद्धा महाराणा प्रताप और मुगलों के बीच हुए युद्ध को हर कोई जानता है.

महाराणा प्रताप ने मुगल सल्तनत के सामने कभी हार स्वीकार नहीं की थी और वह अपनी मिट्टी के लिए आखिरी दम तक लड़ते रहे थे.

महाराणा प्रताप और अकबर के बीच हुए हल्दीघाटी युद्ध में महाराणा प्रताप ने अपनी बहादुरी दिखाई थी.

महाराणा प्रताप ने 1583 में विजयादशमी पर अपने सैनिकों के साथ मेवाड़ को आजाद करने का अभियान छेड़ा था.

महाराणा प्रताप ने अपनी सेना को दो हिस्सों में विभाजित करके युद्ध का बिगुल फूंक दिया था.

एक सेना का नेतृत्व महाराणा प्रताप के हाथों में तो वहीं दूसरी सेना का नेतृत्व उनके बेटे अमर सिंह कर रहे थे.

वहीं अमर सिंह ने मुगल सेना के सेनापति पर भले से इतना जोरदार वार किया था कि भाला सेनापति के शरीर और उसके घोड़े को चीरता हुआ जमीन में जा धासा.

उसके बाद बहलोल खान मुगल पर महाराणा प्रताप ने तलवार से वार किया था और मुगल समेत उस घोड़े को भी काट दिया.

दिवेर के इस युद्ध ने मुगलों का मनोबल इस तरह से तोड़ दिया था कि उन्हें मेवाड़ के सभी ठिकानों को छोड़कर जाना पड़ा था.

इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य जानकारियों पर आधारित है जी मीडिया इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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