कुतुब मीनार दिल्ली के महरौली में स्थित है. कुतुब मीनार का निर्माण लाल बलुआ पत्थरों से हुआ है.
238 फीट की ऊंचाई वाले कुतुब मीनार को भारत का सबसे ऊंचा पत्थरों का संतभ कहा जाता है.
इसका निर्माण सन् 1199 से 1220 के दौरान किया गया था. कुतुब मीनार का निर्माण कार्य भारत में गुलाम वंश के संस्थापक ने शुरू किया था.
गुलाम वंश के संस्थापक का नाम कुतुबद्दी ऐबक है. कुतुब मीनार का निर्माण कार्य कुतुबद्दी ऐबक ने सन् 1199 में शुरू किया था.
वहीं कुतुब मीनार का निर्माण कार्य का इलतुतमीश ने सन् 1220 में पूरा करवाया था.
ऐसा कहा जाता है कि 14वीं और 15वीं सदी में बिजली गिरने और भूकंप से कुतुब मीनार को नुकसान पहुंचा. फिरोज शाह तुगलक ने इसके शीर्ष दो मंजिलों की मरम्मत करवाई थी.
वहीं 1505 में सिकंदर लोदी ने बड़े पैमाने पर कुतुब मीनार की मरम्मत कराई थी और इसकी ऊपरी दो मंजिलों का विस्तार भी करवाया था.
1803 में आए भूकंप से मीनार को फिर से नुकसान पहुंचा. तब साल 1814 में ब्रिटिश-इंडियन आर्मी के मेजर रॉबर्ट स्मिथ ने इसे रिपेयर कराया था.
4 दिसंबर 1981 को कुतुब मीनार में बच्चों समेत 50 लोगों ने जान गंवा दी थी.
इस दिन को दिल्ली का ब्लैक फ्राइडे कहा जाता है. इस दिन कुतुब मीनार के अंदर लाइट अचानक लाइट बंद हो गई थी, जिससे भगदड़ मचने से लोगों की मौत हो हो गई थी.
इस हादसे के बाद से ही कुतुब मीनार के ऊपरी हिस्से को आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया.