सन, मून और मार्स मिशन तो ठीक है, लेकिन जुपिटर पर कभी क्यों नहीं उतर सकता इंसान

Zee News Desk
Sep 02, 2023

Successful Landing of Chandrayaan-3

चंद्रयान-3 की सक्सेसफुल लैंडिंग के बाद इंसान अब अंतरिक्ष के रहस्यों को खंगाल रहे हैं.

All The Planets of The Solar System

चांद, सूरज, मंगल और शुक्र गृह समेत सौरमंडल के सभी ग्रहों पर जीवन की तलाश जारी है.

Spacecraft

कई ग्रहों की सतह पर अलग-अलग देश स्पेसक्राफ्ट उतर चुके हैं. लेकिन बृहस्पति ग्रह पर किसी स्पेसक्राफ्ट का उतरना मुश्किल है.

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बृहस्पति ग्रह को सौरमंडल का वैक्यूम क्लीनर भी कहा जाता है.

Powerful

उल्का पिंडों बृहस्पति का गुरुत्वाकर्षण बल इतना शक्तिशाली है कि बाहरी उल्का पिंडों को अपनी तरफ खींचकर दूसरे ग्रहों पर उनके हमले से बचाता है.

A Group of Gases

शनि, अरुण और वरुण ग्रह की तरह बृहस्पति ग्रह भी गैसों के एक समूह से बना हुआ है.

It is Not Possible for Humans to Land

बृहस्पति की अपनी कोई सतह ना होने के कारण इस पर स्पेसक्राफ्ट या फिर किसी इंसान का उतरना ना मुमकिन माना जाता है.

Jupiter Made of Gases

यही नहीं बृहस्पति हमारे सौरमंडल का सबसे बड़ा प्लेनेट है नासा की एक रिसर्च के द्वारा बताया गया है कि गैसों से बने बृहस्पति ग्रह का आकार इतना बड़ा है कि इसके अंदर 1300 पृथ्वी आराम से समा सकती है.

Photo From a Distance of 23,500 kilometers

नासा का मिशन जूनो 2016 से ही बृहस्पति की परिक्रमा कर रहा है और यह वायुमंडल, अतिरिक्त चुंबकीय क्षेत्र का पता लग रहा है. जूनो ने 2019 में 23,500 किलोमीटर की दूरी से तस्वीर भेजी थी.

Big Dust Storms

नासा की ओर से जारी की गई तस्वीरों में बृहस्पति ग्रह पर धुलों के बड़े-बड़े गुबार नजर आते हैं.

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