हिंदू धर्म में साधु-संतों को ईश्वर की प्राप्ति का माध्यम माना जाता है.
Sadhu Sant
साधु संतों की वेशभूषा अलग होती है और वे संसारिक शुख का त्याग कर सत्य व धर्म के रासते पर निकल पड़ते हैं.
Naga cloths
ज्यादातर साधु-संत लाल, पीला या केसरिया रंग के वस्त्र में नजर आते हैं, लेकिन वहीं नागा साधु कभी कपड़े नहीं पहनते हैं.
Naga sadhu in winter
नागा साधु कंपकंपाती ठंड में भी हमेशा नग्न अवस्था में ही रहते हैं. वे अपने शरीर पर भस्म लपेट कर घूमते हैं.
Importance
नागा साधु प्रकृति और प्राकृतिक अवस्था को महत्व देते हैं. इसलिए भी वे वस्त्र नहीं पहनते हैं. इनका मानना है कि इंसान निर्वस्त्र जन्म लेता है. इसी भावना का आत्मसात करते हुए साधु हमेशा निर्वस्त्र रहते हैं.
Yoga
ऐसा माना जाता है कि नागा साधुओं को कभी ठंड नहीं लगती इसके पीछे का कारण है योग. नागा साधु तीन प्रकार के योग करते हैं. वे अपने विचारों और खान पान पर भी संयम रखते हैं.
Naga Sadhu Facts
नागा साधु बनने की प्रक्रिया में 12 साल लग जाते हैं, जिसमें 6 साल के बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. ये नागा पंथ में शामिल होने के लिए जरूरी जानकारियों को हासिल करते हैं.
Kumbh mela
इस दौरान ये लंगोट के अलावा और कुछ नहीं पहनते. कुंभ के मेले में प्रण लेने के बाद वह लंगोट को भी त्याग देते हैं और जीवनभर नग्न अवस्था में ही रहते हैं.
Puja
नागा साधु बनने के लिए सबसे पहले इन्हे ब्रह्मचार्य की शिक्षा प्राप्त करनी होती है. इसमें सफल होने के बाद उन्हे महापुरुष की दीक्षा दी जाती है और फिर यज्ञोपवीत होता है.
Pind daan
इसके बाद वे अपने परिवार और स्वंय का पिंडदान करते हैं. इस प्रक्रिया को बिजवान कहा जाता है. इसी वजह से नागा साधुओं के लिए सांसारिक परिवार का कोई महत्व नहीं होता है.
Naga Sadhu life Facts
नागा साधु एक दिन में 7 घरों में ही भिक्षा मांग सकते हैं. एक दिन में अगर इन्हें किसी भी घरों में भिक्षा नहीं मिली तो इन्हें भूखा ही रहना पड़ता है.