हिटलर भी था मेजर ध्यानचंद का फैन, जब देश के लिए ध्यानचंद ने ठुकरा दिया था हिटलर का ये बड़ा प्रस्ताव
Zee News Desk
Aug 29, 2023
National Sports Day
आज मेजर ध्यानचंद जन्मदिन है. हर साल उनके जन्मदिन के मौके पर भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है.
Pages of History
भारतीय हाकी टीम के जादूगर मेजर ध्यानचंद का नाम ऐसे लोगों में शुमार होता है, जिन्होंने अपने क्षेत्र में महारत हासिल की हो. उनका नाम हमेशा के लिए इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया.
Wizard of Hockey
हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की हॉकी में ऐसा जादू था, जिसे देखकर विरोधी टीम घबरा जाती थी.
Checked By Breaking the Stick
एक बार नीदरलैंड में एक टूर्नामेंट के दौरान उनकी हॉकी स्टिक को तोड़ कर जांचा गया कि इसमें चुंबक तो नहीं लगी हैं.
Magic in Hand
हालांकि स्टिक को तोड़ने के बाद भी उनके हाथ कुछ नहीं लगा. क्योंकि जादू हॉकी स्टिक में नहीं उनके हाथों में था.
Wrestling Was My Favorite
बचपन में उनका रुझान पहलवानी को ओर था. उन्होंने प्रयागराज में पहलवानी के दांव पेच भी सीखें. लेकिन उनके पिताजी सेना में थे. उनके पिता का ट्रांसफर झांसी में होने के बाद ध्यान चंद भी झांसी चले गए. वहां जाने के बाद उनका रुझान हॉकी की तरफ हो गया.
Real Name Dhyan Singh
मेजर ध्यानचंद का असली नाम ध्यान सिंह का था. वह 16 साल की उम्र में भारतीय सेना में सिपाही के रूप में शामिल हो गए थे और वह सेना में मेजर के पद पर रिटायर हुए थे.
Practice in The Moonlight
ऐसा कहा जाता है कि सेना की ड्यूटी पूरी करने के बाद ध्यान सिंह रात को चांद की रोशनी में अभ्यास किया करते थे. इसलिए उन्हें चांद नाम से पुकारा जाने लगा. फिर धीरे-धीरे वह चांद से चंद और फिर ध्यानचंद बन गए.
Won The Gold Medal Three Times in a Row
मेजर ध्यानचंद ने भारत को लगातार तीन बार (1928 एम्सटर्डम, 1932 लॉस एंजेलिस और 1936 बर्लिन) हॉकी में स्वर्ण पदक भी दिलाया.
Rejected Hitler's Offer
ऐसा कहा जाता है कि ओलंपिक में जीत हासिल करने के बाद हिटलर ने ध्यानचंद को डिनर पर बुलाकर पूछा कि तुम खेलने के अलावा और क्या काम करते हो. तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि में भारतीय सेना में सैनिक हूं. यह सुनने के बाद हिटलर ने उन्हें जर्मनी की सेना में उच्च पद पर भर्ती होने का प्रस्ताव दिया, लेकिन मेजर ध्यानचंद ने उनके प्रस्ताव को ठुकरा दिया.