Navratri 2023: वेश्याओं के आंगन की मिट्टी से क्यों बनाई जाती है मां दुर्गा की प्रतिमा, जानें वजह

Divya Agnihotri
Oct 13, 2023

Navratri 2023

15 अक्टूबर से नवरात्रि की शुरुआत होगी, देशभर में दुर्गा उत्सव का ये पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा.

पंडाल

दुर्गा उत्सव के दौरान जगह-जगह पंडाल बनाकर मां की प्रतिमा स्थापित की जाती हैं.

प्रतिमा

मां की प्रतिमा बनाने के लिए 4 चीजों का इस्तेमाल करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है.

4 चीजें

मां की प्रतिमा बनाने के लिए गंगा की मिट्टी, गोमूत्र, गोबर और वेश्यालय की मिट्टी का उपयोग किया जाता है.

वेश्यालय की मिट्टी

अक्सर लोगों के मन में ये सवाल उठता है कि आखिरी मां की मूर्ति बनाने के लिए वेश्याओं के आंगन की मिट्टी का इस्तेमाल क्यों किया जाता है.

मान्यता

ऐसी मान्यता है कि जब कोई व्यक्ति वेश्यालय जाता है तो वह अपने पुण्य कर्म और पवित्रता को वहीं छोड़ आता है. यही वजह है कि वैश्यालय की मिट्टी पवित्र मानी जाती है और मां दुर्गा की मूर्ति बनाने में उसका इस्तेमाल किया जाता है.

पौराणिक मान्यता

पौराणिक मान्यता के अनुसार 'एक बार वेश्याएं गंगा स्नान के लिए जा रही थीं, जिसके रास्ते में एक रोगी बैठा हुआ था और वह सबसे स्नान करवाने की बात कह रहा था. किसी ने उसकी मदद नहीं की, लेकिन वेश्याओं ने उसे गंगा स्नान कराया. ये रोगी कोई और नहीं भगवान भोलेनाथ थे.

वरदान

भगवान शिव ने वेश्याओं से प्रसन्न होकर उन्हें वरदान मांगने के लिए कहा, तब उन्होंने वरदान मांगा की मां दुर्गा की प्रतिमा बनाने के लिए हमारे आंगन की मिट्टी का प्रयोग किया जाए.

परंपरा

उसके बाद से ये परंपरा लगातार चली आ रही है, मां की प्रतिमा को बनाने के लिए वेश्याओं के आंगन से मिट्टी लाई जाती है.

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