Shardiya Navratri 2023: नवरात्रि में जौ का रंग बताएगा कैसा होगा आने वाला समय, जानें शुभ-अशुभ संकेत

Nikita Chauhan
Oct 16, 2023

कलश स्थापना-

नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना की जाती है और उसके कुछ नियम है, जिनके साथ जौ बोने की भी परंपरा है.

जौ बोने की परंपरा-

नवरात्रि के पहले दिन मिट्टी के बर्तन में जौ बोने की परंपरा हैं और 9 दिनों तक इनकी देखभाल की जाती है. ताकि जौ अच्छे से उगे, क्योंकि जौ का रंग शुभ व अशुभ संकेत देता है.

शुभ या अशुभ-

नवरात्रि में बोए जाने वाले जौ बताएंगे कि नवरात्रि के दिनों में आपके जीवन में खुशियां आएगी या परेशानियों तो चलिए जानते हैं जौ के रंग का शुभ व अशुभ संकेत.

जौ बौने का महत्व-

नवरात्रि में जौ बोने की परंपरा बेहद ही पुरानी है और इसके पीछे कई महत्वपूर्ण मान्यता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जौ को सृष्टि की पहली फसल माना गया है.

आशीर्वाद-

जौ को अन्नदेवी या अन्नपूर्णा का प्रतीक माना जाता है. नवरात्रि के दिनों में जौ बोने से मां दुर्गा और मां अन्नपूर्ण का आशीर्वाद मिलता है.

क्यों बोए जाते हैं जौ?

कहते है कि जौ बोने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है. इसे नवरात्रि के पहले दिन मिट्टी के बर्तन में बोया जाता है. इसलिए नवरात्रि की शुरुआत जौ बोने के साथ होती है.

शुभ संकेत-

अगर नवरात्रि के दिनों में विधि-विधान के साथ जौ को सही तरीके से देखरेख की जाए तो ये शुभ संकेत देते हैं.

जौ का शुभ रंग-

अगर जौ सफेद या हरे रंग के उगे तो इसका मतलब है कि आपके घर में सुख-समृद्धि का आगमन होने वाला है.

अशुभ संकेत-

जौ को सही से न उगना एक अशुभ संकेत माना जाता है. अगर 9 दिनों में जौ न उगे या पीली पड़ जाए तो यह एक अशुभ संकेत है.

खुशहाली-

इसका मतलब है कि आने वाले समय मे आपके परिवार पर कोई बड़ी समस्या आने वाली है. जौ का 9 दिनों तक बहुत अच्छे से रख-रखाव किया जाता है. ताकि हरे रंग की जीवन में खुशहाली लेकर आए.

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