जिसमें भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनयम हैं.
Amit Shah
गृह मंत्री अमित शाह ने अगस्त 2023 में इन 3 कानूनों में बदलाव का बिल लोकसभा में पेश किया था.आइए जानते हैं इन तीनों कानून के बारे में.
FIR
नए कानून में जीरो FIR है, जिसके तहत कोई भी पिड़ित व्यक्ति किसी भी थाना क्षेत्र में अपनी FIR को दर्ज करवा सकता है. वहीं व्यक्ति को FIR की कॉपी भी दी जाएगी.
Online
अब पुलिस स्टेशन में बिना गए इलेक्ट्रानिक माध्यम से भी आप किसी घटना की रिपोर्ट लिखवा सकते हैं.
Forensic Team
वहीं किसी भी गंभीर मामले की जांच के लिए क्राइम सीन पर फारेंसिक टीम का जाना जरूरी होगा. साथ ही वहां की वीडियोग्राफी भी कर सकते हैं.
Female And Children
महिलाओं और बच्चों से जुड़े अपराध में पुलिस को 2 महीने के अंदर-अंदर जांच पूरी करनी होगी. वहीं 90 दिन के अंदर पीड़िता को केस कहां तक पहुंची इसकी जानकारी भी देनी होगी.
Hosipital
जिन महिला और बच्चों के साथ अपराध हुआ होगा उनको अस्पतालों में फर्स्ट एड या इलाज फ्रि में मिलेगी.
Witness Protection Program
इसके साथ गवाहों की सुरक्षा और सहयोग के लिए हर राज्य की सरकारें विटनेस प्रोटेक्शन प्रोग्राम लागू करेंगी.
Audio-Video Medium
दुष्कर्म पीड़िताओं को आडियो-वीडियो माध्यम से पुलिस के सामने अपने बयान को दर्ज कराने की छूट मिलेगी.
Court
सुनवाई में देरी से बचने और न्याय की जल्दि बहाली के लिए कोई अदालत किसी मामले को 2 बार ही स्थगित कर सकेगी. इसके साथ ही कानूनी कार्यवाही इलेक्ट्रानिक माध्यमों से भी हो सकेगी.
Magistrate
पीड़ित महिला की अदालती सुनवाई महिला मजिस्ट्रेट ही करेगी। अन्यथा संवेदनशील मामले में किसी महिला की उपस्थिति में पुरुष मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज होगा।
Male Magistrate
किसी भी पिड़ित महिला की सुनवाई अब महिला मजिस्ट्रेट ही करेगी. वहीं जब महिला मजिस्ट्रे उपस्थिति नहीं होंगी तो बयान को पुरुष मजिस्ट्रेट दर्ज करेंगे.
Police Station
8 से 15 वर्ष तक के दिव्यांगो व गंभीर रूप से बीमार लोगों को पुलिस स्टेशन में पेश होने से छूट होगी. ऐसे लोगों को मदद अपने निवास स्थान पर ही मिल जाएगी.