जान बचानी है तो खाने में लें नमक की बस इतनी मात्रा, WHO की चौंकाने वाली रिपोर्ट आई सामने
Life Safety Tips: विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि खाने में नमक कम करने को लेकर भारत में बनाई गयी पॉलिसी प्रभावी नहीं है. WHO की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया की 97 प्रतिशत आबादी जरूरत से ज्यादा नमक का सेवन कर जिंदगी के लिए मुसीबत पैदा कर रही है.
नई दिल्ली: आज हम आपको जो आंकड़े बताने जा रहे हैं वो आपके खाने का जायका कम कर सकते हैं, लेकिन ये आंकड़े हम आपकी जान की हिफाजत के लिए जुटाकर लाए हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में हर वर्ष करीब 18.90 लाख लोग ज्यादा नमक खाने की वजह से मारे जा रहे हैं. WHO ने चेतावनी देते हुए ये भी बताया है कि नमक क्यों जानलेवा साबित हो रहा है. इस रिपोर्ट की मानें तो दुनिया की केवल 3% आबादी ही नमक की सही मात्रा का सेवन कर रही है.
18 साल के बाद 5 ग्राम से भी कम नमक खाएं
रिपोर्ट के मुताबिक जरूरत से ज्यादा नमक हाई ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारियों की वजह बन रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक इस समय दुनिया का प्रति व्यक्ति नमक का इस्तेमाल 10.8 ग्राम है, जबकि WHO ने नमक की प्रति व्यक्ति खपत की सीमा अधिकतम 5 ग्राम रखी हुई है, लेकिन अब एक कदम आगे बढ़ते हुए WHO ने सिफारिश की है कि 18 साल से ज्यादा के लोग 5 ग्राम से भी कम नमक खाने की आदत को अपनाएं और बच्चों के मामले में ये मात्रा और भी कम होनी चाहिए.
दो साल में बच सकती है 22 लाख लोगों की जान
WHO के मुताबिक अगर नमक की मात्रा को कम किया जा सका तो हर साल दुनियाभर में दिल की बीमारियों से होने वाली मौतों को काफी कम किया जा सकेगा. WHO के अनुमान के मुताबिक 2025 तक 22 लाख लोगों की जान बच सकती है और कम नमक के इस्तेमाल से 2030 तक करीब 70 लाख लोगों की जान बचाई जा सकेगी. यानी फिलहाल होने वाली मौतों में 3 प्रतिशत तक की कमी लाई जा सकेगी.
स्कोर के आधार पर बांटे गए देश
इस रिपोर्ट में देशों को नमक कम करने की पॉलिसी के आधार पर स्कोर दिया गया है. ये स्कोर 1 से 4 के बीच है. 1 सबसे कम है और 4 सबसे ज्यादा स्कोर है. 1 स्कोर वाले वो देश हैं, जिन्होंने नमक कम करने को लेकर प्रतिबद्धता दिखाई है. 2 के स्कोर में वो देश हैं जिन्होंने नमक कम करने को लेकर कुछ कदम तो उठाए, लेकिन वो कदम वॉलंटरी यानी स्वैच्छिक हैं, अनिवार्य नहीं. साथ ही उन देशों में पैकेट बंद खाने में सोडियम की मात्रा दर्शाई जा रही हो. भारत का स्कोर भी दो है. 3 का स्कोर उन देशों को मिला है, जिन्होंने अनिवार्य नियम बनाकर खाने में नमक कम करने की कोशिश की. इसके अलावा 4 का स्कोर उन देशों का है, जिन्होंने कम से कम दो अनिवार्य नियम बनाए, जिनसे नमक की मात्रा को रेगुलेट किया जा सके. पैकेज्ड फूड में सोडियम की मात्रा दर्शाई.
पैकेज्ड फूड पर वार्निंग का लेबल होना जरूरी
WHO के मुताबिक भारत में पैकेट बंद खाने पर नमक की मात्रा तो लिखी जाती है, लेकिन पैकेट के फ्रंट पर ज्यादा नमक होने की वॉर्निंग वाला लेबल लगाने की प्रैक्टिस अभी तक शुरू नहीं की गई है. दरअसल पैकेज्ड फूड चाहे वो चिप्स हों या नमकीन, उनमें साधारण से ज्यादा नमक डाला जाता है. नमक एक एडिक्टिव यानी आदत लगाने वाला पदार्थ है और जो खाना ज्यादा चटपटा होता है, उसकी लत जल्दी लग जाती है. इसी धारणा के चलते बाजार में ज्यादा चटपटे मसालों वाले चिप्स, नमकीन और बिस्किट्स बेचे जाते हैं.
नमक स्वाद अनुसार नहीं, स्वास्थ्य अनुसार खाएं
आज हम आपकी ये गलतफहमी भी दूर कर देते हैं कि नमक केवल नमकीन चीजों के जरिये आप तक पहुंचता है. दरअसल नमक एक प्रिजरवेटिव भी है. ये खाने को देर तक सुरक्षित रखने के लिए इस्तेमाल किया जाता है और केक, पेस्ट्री यहां तक कि मीठे बिस्किट में भी कुछ मात्रा में नमक होता है. इसलिए कितना नमक खाएं और नमक की मात्रा कैसे कम करें, ये समझने के लिए आज हमने एक विश्लेषण किया है. इसमें नमक की मात्रा उतनी हो जो आपके जीवन को सेहतमंद बनाने में मददगार हो. नमक अब स्वाद अनुसार नहीं, स्वास्थ्य अनुसार खाएं.
बाजार को सेहत से ज्यादा मुनाफे की परवाह
बीएलके मैक्स अस्पताल, दिल्ली के नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ सुनील प्रकाश का कहना है कि ग्राहक बाजार का राजा होता है और ये राजा किसे मिलेगा इसके लिए तरह तरह के पैंतरे आजमाए जाते हैं. खाने में स्वाद बनाने के लिए चाट मसाला, तेज नमक ये बाजार का वो पैंतरा है, जो सदियों से आजमाया जा रहा है, क्योंकि बाजार को आपकी सेहत से ज्यादा मुनाफे की परवाह है. आपको पता भी नहीं चल रहा और आपके साथ जानलेवा नमकीन साजिश हो रही है. इसीलिए WHO ने अपनी नई रिपोर्ट में नमक को सफेद जहर माना है.
ज्यादा नमक के सेवन से होती हैं ये समस्याएं
बीएलके मैक्स अस्पताल के हार्ट सर्जन डॉ राम जी मेहरोत्रा का कहना है कि 30 ग्राम का एक छोटा सा चिप्स का पैकेट भी आपकी दिनभर की जरूरत का दोगुना नमक आपको दे जाता है. नमक के ज्यादा सेवन से हाई ब्लड प्रेशर, दिल और किडनी की बीमारी हो सकती है. हड्डियां कमजोर हो सकती हैं. बाल झड़ने लगते हैं. त्वचा खराब होने लगती हैं. भारत में दिल के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी करने में भारत के नमक वाले स्वाद का भी हाथ है, लेकिन खाने में नमक न हो तो स्वाद नहीं आता. इसलिए लोग घरों में हर तरह के नमकीन ऑप्शन्स रखते हैं.
जान की सलामती के लिए क्या है जरूरी
याद रखें कि आपको दिनभर में सिर्फ 5 ग्राम नमक खाना है. अगर 5 ग्राम का हिसाब लगाना मुश्किल लगे तो समझ लीजिए कि एक छोटा चमच्च नमक आपको दिनभर में खाना है.
जाने अनजाने हम खा लेते हैं इतना नमक
100 ग्राम चिप्स के पैकेट में तकरीबन 2.5 ग्राम नमक होता है.
100 ग्राम पापड़ में 2 ग्राम नमक होता है.
100 ग्राम सॉस, कैचप या स्प्रेड में 5 ग्राम नमक होता है.
4. एक प्लेट मसाला डोसा में 4.5 ग्राम नमक होता है.
एक प्लेट पाव भाजी में 3.54 ग्राम नमक होता है.
छोले भटूरे की एक प्लेट में 3.91 ग्राम नमक होता है.
(Source – George Institute for global Health)