Yamuna Expressway: ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे को यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए बनने वाले इंटरचेंज का इंतजार अब खत्म हो गया है. ये परियोजना छह साल से अटकी पड़ी थी. किसान 64.7 फीसदी अतिरिक्त मुआवजा और आबादी को लेकर कोर्ट चले गए थे.  प्राधिकरण के काफी प्रयास व प्रभावित किसानों को 64.7 फीसदी अतिरिक्त मुआवजा दिए जाने के बाद अब इंटरचेंज के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. यह इंटरचेंज 123 करोड़ रुपये की धनराशि से बनकर तैयार होगा, जो लगभग 18 माह में बनकर तैयार हो जाएगा.


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प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने ग्राम जगनपुर अफजलपुर के पास ईस्टर्न पेरिफेरल पर उतार-चढ़ाव के लिए इंटरचेंज के कार्य का शुभारंभ पूजा अर्चना कर नारियल तोड़कर कर किया. इस मौके पर उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने कहा कि इस इंटरचेंज के बनने से नोएडा हवाई अड्डे की कनेक्टिविटी और सुगम होगी. ट्रैफिक की समस्या से राहत मिलेगी और धन और समय की भी बचत होगी. इंटरचेंज की डिजाइन में कुछ परिवर्तन किया गया है.


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यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि कुल चार इंटरचेंज बनेंगे. दो उतरने के लिए होंगे और दो ही चढ़ने के लिए होंगे. इसके अलावा बराबर वाली 60 मीटर और 30 मीटर वाली सड़क को भी इससे जोड़ा जाएगा, जिसका फायदा यहां के निवासियों को मिलेगा. इससे यहां के सेक्टर भी एक्सप्रेसवे से जुड़ जाएंगे. ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे हरियाणा के सोनीपत से पलवल तक बना है.


लेकिन, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे का यमुना एक्सप्रेसवे से अभी तक कोई लिंक नहीं है. इस वजह से ईस्टर्न पेरिफेरल पर आगरा से जाने वाले वाहन चालको को 15 से 20 किमी का चक्कर लगाना पड़ता है. इंटरचेंज के बन जाने से आगरा की तरफ से आने वाले लोग बागपत,  गाजियाबाद, सोनीपत व फरीदाबाद आसानी से पहुंच जाएंगे.


(इनपुटः प्रणव भारद्वाज)