कुलवंत सिंह/ यमुनानगर : जठलाना गांव जमीन हड़पकर चार बेटों ने 75 साल के बुजुर्ग को घर से निकाल दिया. मजबूर बाप करता भी तो क्या. एक धर्मशाला के बाहर उन्हें खुले आसमान के नीचे बुढ़ापा काटने के लिए जगह मिली.दो वक्त की रोटी के लिए बुजुर्ग हर आते जाते व्यक्ति की ओर उम्मीदभरी निगाहों से देखता रहता था.


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इस दौरान बुजुर्ग के चारों बेटे अपनी-अपनी जिंदगी आराम से जीते रहे, लेकिन फिर आसपड़ोस के लोगों को उन चारों बेटों का अपने पिता के प्रति व्यवहार खटकने लगा. पुलिस को सूचना दी गई. इसके बाद पुलिस की गाड़ी बुजुर्ग के एक बेटे को धर्मशाला पहुंची.  तब जाकर एक बेटा रात के अंधेरे में पिता को लेने धर्मशाला के गेट के बाहर आया और बुजुर्ग पिता को अपने साथ ले गया.


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यमुनानगर जिले के जठलाना गांव के रहने वाले 75 साल के टीकाराम के चार बेटे हैं. बाकि लोगों की तरह ही शायद टीकाराम ने भी सोचा होगा कि बेटे बुढ़ापे में उनका सहारा बनेंगे, लेकिन ऐसा हो नहीं सका. बेटों पर लालच ऐसा हावी हुआ कि मिलकर पिता से उनकी ही जमीन हड़प ली और उसके बाद बुजुर्ग को दर-दर की ठोकरें खाने के लिए छोड़ दिया.


बेटों द्वारा घर से बेघर किए जाने के बाद बुजुर्ग ने अग्रवाल धर्मशाला के गेट पर खुले आसमान के नीचे आसरा ले लिया. इस दौरान न ही बुजुर्ग के बेटों और न ही आसपास से गुजर रहे लोगों के पास इतना वक्त था, जिसे बुजुर्ग अपनी व्यथा सुनाता. इधर बुजुर्ग के आसपास रहने वालों को बेटों का अपने पिता के प्रति यह व्यवहार खटकने लगा. किसी ने पुलिस को सूचना दे दी.


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जब डायल 112 की गाड़ी बुजुर्ग के घर पहुंची तो आसपास के लोग एकत्र हो गए. पुलिस ने बेटों से पिता को घर से निकालने का कारण पूछा. इस बीच जब पुलिसकर्मी धर्मशाला के बाहर पहुंचा. उसने करीब 3 महीने से धर्मशाला के बाहर चारपाई पर वक्त को धकेल रहे बुजुर्ग से उनकी व्यथा के बारे में पूछा तो टीकाराम की आंखें भर आईं.


बेटों और बहुओं के व्यवहार से तंग बुजुर्ग की आपबीती सुनकर वहां मौजूद लोगों का कलेजा फटने को तैयार था. इधर दुनिया के तानों और समाज में थूका फजीहत होने के बाद चार में से एक बेटा रात के अंधेरे में धर्मशाला पहुंचा और पिता को अपने साथ घर ले गया. आरोप है कि जिस धर्मशाला के बाहर बुजुर्ग ने आसरा लिया. बुजुर्ग के बेटों ने धर्मशाला के प्रधान हीरा लाल बंसल को भी डराया धमकाया.