Yamunanagar News: जान देकर भी आशा वर्कर्स की नहीं जगी उम्मीद, AAP नेता बोले- घमंड में डूबी सरकार के जाने का वक्त नजदीक
Condolence Meeting of Asha Workers Parul Sharma: विधानसभा के घेराव के दौरान तबीयत बिगड़ने के बाद इलाजद के दैरान आशा वर्कर की मौत हो गई थी, जिसको लेकर आज शोर सभा का आयोजन किया गया. जहां आम आदमी पार्टी के नेता ललित त्यागी ने कहा कि मनोहर सरकार घमंड में चकनाचूर हो चुकी है. अब इस सरकार के हरियाणा से जाने के दिन आ चुके हैं.
Yamunanagar Asha Worker Protest: हरियाणा में आशा वर्कर्स की हड़ताल को 37 दिन हो चुके हैं, लेकिन न तो बीजेपी का कोई नेता और न ही कोई अधिकारी उनकी सुद्द लेने के लिए धरना स्थल पर पहुंचा है, लेकिन आज आशा वर्कर्स पारुल शर्मा की शोक सभा में कई विपक्षी पार्टियों के नेता पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि दी. बता दें कि विधानसभा के घेराव के दौरान तबीयत बिगड़ने के बाद इलाजद के दैरान आशा वर्कर की मौत हुई. वहीं आज अनिल विज का घेराव करने जा रही आशा वर्कर्स को पुलिस ने हिरासत में ले लिया.
हरियाणा में अपनी मांगों को लेकर आशा वर्कर्स 37 दिन से हड़ताल पर हैं. हरियाणा के तमाम जिलों में वेतन बढ़ोतरी को लेकर आशा वर्कर्स प्रदर्शन कर रही हैं. जगाधरी अनाज मंडी में यमुनानगर के अलावा कई जिलों से आशा वर्कर्स इकट्ठी हुई. आशा वर्कर्स पारुल शर्मा की शोक सभा में पहुंचकर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि दी. तमाम आशा वर्कर्स की आंखें नम दिखाई दीं. जैसे ही पारुल शर्मा का परिवार शोक सभा में पहुंचा तो माहौल गमगीन हो गया. यमुनानगर आशा वर्कर्स की प्रधान नीरू बाला ने कहा कि सरकार हमारी मांगों को लेकर बिल्कुल भी संवेदनशील नहीं है. उन्होंने साफ किया जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होती हम हड़ताल खत्म करने वाले नहीं है. नीरू बाला ने कहा कि पारुल शर्मा के परिवार को सरकारी नौकरी और 25 लाख रुपये मुआवजा दिया जाए.
पारुल शर्मा की शोक सभा में श्रद्धांजलि देने के लिए कई संगठनों के अलावा कई राजनीतिक दलों के नेता भी पहुंचे. आम आदमी पार्टी के नेता ललित त्यागी ने कहा कि मनोहर सरकार घमंड में चकनाचूर हो चुकी है. अब इस सरकार के हरियाणा से जाने के दिन आ चुके हैं. कांग्रेस नेता निर्मल चौहान ने कहा कि हमारी आशा वर्कर्स बहनों के साथ अंबाला में लाठी चार्ज हो रहा है और अनिल विज खुद को गब्बर बताते हैं. ऐसी सरकार को शर्म आनी चाहिए जो हमारी बहनों की मांगों को भी नहीं सुनते.
प्रदर्शनकारी आशा वर्कर्स ने अब खुले तौर पर चेतावनी दे दी है. अगर हमारी मांगे नहीं मानी जाती तो हम हड़ताल बिल्कुल भी खत्म नहीं करेंगे. वहीं दूसरी तरफ आशा वर्कर्स का आक्रोश उस वक्त ज्यादा बढ़ गया जब अंबाला में आशा वर्कर्स को हिरासत में लिया गया. हालांकि यमुनानगर में भी आशा वर्कर्स ने सड़क जाम करने की चेतावनी दी थी, लेकिन प्रशासन ने उन्हें पहले ही मना लिया.
INPUT: KULWANT SINGH