Haryana Panchayat Election: एक तरफ जहां पूरे हरियाणा में सरपंच सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. कहीं मुख्यमंत्री के पैरों में सरपंच महिलाअपनी चुन्नी रख रही है तो कहीं पर सरपंचों ने गांव में  विकास करवाना बंद कर दिया. वहीं यमुनानगर के गांव दुसानी के सरपंच ने फर्जी दस्तावेज पर सरपंची का इलेक्शन जीत लिया. जब इसकी इंक्वायरी की गई तो शिक्षा से जुड़े सभी प्रमाण पत्र फर्जी निकले. इस मामले की जांच के बाद सरपंच के खिलाफ कार्रवाई होगी या नहीं. इसके लिए गांववालों ने मिलकर पुलिस अधीक्षक और उपायुक्त को शिकायत दी.


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बता दें कि 2 नवंबर 2022 को यमुनानगर में सरपंच पद के चुनाव हुए थे. जिसको लेकर यमुनानगर के गांव दुसानी में सरपंच सुनिता रानी ने अपने डॉक्यूमेंट के आधार पर नामांकन किया और सरपंच का चुनाव भी जीता. गांववालों ने सरपंच के शिक्षा से जुड़े कागजात पर आशंका जाहिर करते हुए उन्होंने सीएम विंडो पर एक शिकायत लगाई. जहां से इंक्वायरी होते हुए शिक्षा विभाग तक पहुंची तो शिक्षा विभाग ने इस सरपंच के सभी दस्तावेज को प्रमाणित करवाने के लिए जांच शुरू की. जांच में सामने आया कि इस सरपंच महिला के शिक्षा से जुड़े सभी दस्तावेज फर्जी पाए गए. जैसे ही शिकायतकर्ता जिला उपायुक्त के दरबार में यह शिकायत लेकर पहुंचे तो शिकायतकर्ता पर ही उल्टा मुकदमा दर्ज करवा दिया और कहने लगा कि इन्होंने मुझे देसी कट्टा दिखाकर मारने की कोशिश की है.


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यह तो वही कहावत हुई उल्टा चोर कोतवाल को डांटे. अब ग्रामीण इकट्ठा होकर जिला उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक से मिलने के लिए पहुंचे हैं. जहां उन्होंने अपनी शिकायत देते हुए कहा कि सही जांच की जाए. जो भी दोषी हो उसके खिलाफ जल्द सख्त कार्रवाई की जाए.


यमुनानगर के गांव दुसानी के सरपंच ने जिस तरह से लोगों के साथ धोखाधड़ी कर फर्जी दस्तावेजों पर चुनाव जीत लिया तो वहीं पर प्रशासन और सरकार के नियमों के विपरीत भी गलत कार्य किया है. जिससे चुनाव पर सरकार के राजस्व को नुकसान भी हुआ है. गांववालों ने मांग की है कि धोखाधड़ी से जीते गए चुनाव को लेकर सरपंच के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए. इनका कहना है कि उनको डराया जा रहे है, धमकाया जा रहा है. उनके बच्चे और महिलाओं को तंग किया जा रहा है.


Input: कुलवंत सिंह