Yamunanagar Poisonous Liquor Scandal: यमुनानगर में जहरीली शराब मामले में गांव मंडेबरी, सारण, फूंसगढ़, पंजेटे का माजरा और मंगलौर में 18 लोगों की मौत के बाद अब आबकारी विभाग हरकत में आ गया है. आबकारी अधिकारी सरोज देवी ने बताया कि विभाग ने आरोपित ठेकेदारों के 22 ठेके और 37 उप ठेके सील कर दिए हैं. ये सभी ठेके 11 जोन में हैं. इनकी नीलामी दोबारा की जाएगी.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इनका लाइसेंस बरेहडी निवासी महेंद्र सिंह के नाम है. जो जहरीली शराब कांड में जेल में बंद है. उस पर ढाई करोड़ का जुर्माना भी लगाया जा चुका है जो की अभी जमा नहीं हुआ है. इसलिए अब उसकी प्रापर्टी अटैच कर उसको वसूल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही उसके नाम से चल रहे एल-13 का लाइसेंस भी रद्द कर दिया गया है.


ये भी पढ़ेंः Yamunanagar Crime: पुलिस ने किया सांप तस्करों को गिरफ्तार, अंतरराष्ट्रीय बाजार में है करोड़ों की कीमत


पुलिस जांच में सामने आया है कि इन 11 जोन के ठेकों में कांग्रेस नेता मांगेराम मारूपुर, जजपा नेता बुबका निवासी गौरव बुबका, भाटली निवासी सुशील उर्फ टिंकू कांबोज व नाचरौन निवासी अमरनाथ साझीदार हैं. यह आबकारी विभाग से डिफाल्टर हैं. फिलहाल सभी आरोपित जेल में हैं. महिंदर के जेल जान के बाद उसके गोदाम को सील किया गया था.


इस गोदाम की जांच में 10 हजार 500 पेटियां देसी शराब की कम मिली थी. यह अंतर मिलने के बाद आबकारी विभाग की टीम ने चार नवंबर को इस गोदाम को सील कर दिया था. इसका भी जुर्माना जमा नहीं कराया गया. वहीं पिछले दिनों स्टाक वेरिफिकेशन में एल-13 गोदाम में 3987 देसी शराब व एल वन गोदाम में 2041 अंग्रेसी शराब की पेटियां कम मिली थी.


(इनपुटः कुलवंत सिंह)