Yogi Adityanath: उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के दौरान दुकानदारों को अपनी दुकान के बाहर साफ-साफ अपना नाम लिखने के आदेश के बाद अब योगी सरकार इसे लेकर सख्त कानून ला सकती है. राज्य सरकार उत्तर प्रदेश छद्म एवं सौहार्द विरोधी क्रियाकलाप निवारण एवं थूकना प्रतिषेध अध्यादेश 2024 और यूपी प्रिवेंशन ऑफ कंटेमिनेशन इन फूड (कंस्यूमर राइट टू नो) अध्यादेश 2024 लाकर इस पर पूरी तरह अंकुश लगाने की तैयारी में है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सरकारी आवास पर मंगलवार को विधि आयोग, गृह विभाग, पुलिस और खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक हुई. इसमें खाद्य पदार्थों में थूकने, फर्जी नाम से बेचने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने से जुड़ा अध्यादेश लाने पर चर्चा हो सकती है. 


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दरअसल राज्य सरकार उपभोक्ताओं को दुकानदार की पहचान जानने का अधिकार देने के लिए अलग से अध्यादेश लाने की तैयारी में है. कांवड़ यात्रा के दौरान नॉनवेज परोसे जाने और खाने की चीजों में थूकने के मामले सामने आने के बाद यूपी सरकार ने दुकानदारों को अपनी पहचान दर्शाने का आदेश दिया था, जिस पर बवाल मच गया था तो जान लेते हैं कि खाने पीने की दुकान का लाइसेंस देता कौन है, इसके लिए क्या प्रावधान है. 


केंद्र और राज्य दोनों ही अपने अंतर्गत आने वाले खाने-पीने के प्रतिष्ठानों को लाइसेंस देती हैं. गाजियाबाद समेत यूपी के प्रत्येक जिले में सहायक खाद्य सहायक आयुक्त खाद्य (द्वितीय) यह लाइसेंस जारी करते हैं. इस लाइसेंस में दुकान या प्रतिष्ठान का नाम, मालिक का नाम और पूरा पता लिखा होता है. खाद्य प्रतिष्ठानों को अपने लाइसेंस की असली कॉपी दुकान में किसी ऐसी जगह लगाना अनिवार्य है जो उपभोक्ता की नजर में आसानी से आए. अगर दुकानदार प्रतिष्ठान का नाम बदलता है तो लाइसेंस अथॉरिटी को उसकी जानकारी देनी होगी.शर्तों का उल्लंघन करने पर लाइसेंस निरस्त करने के साथ भारी जुर्माना भी लगाया जा सकता है.


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