Delhi NCR AQI: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण (Delhi Pollution) का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है और कई इलाकों में फिलहाल स्थिति एक गैस चैंबर (Delhi Gas Chamber) जैसी हो गई है. वायु प्रदूषण ने लोगों की मुसीबत बढ़ा दी है और सांस से जुड़ी बीमारियों समेत कई बीमारियों का खतरा मंडराने लगा है. प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर काबू पाने के लिए दिल्ली में ग्रैप का दूसरा चरण लागू कर दिया गया है, लेकिन इसके बाद भी वायु गुणवत्ता (AQI) में सुधार नहीं हो रहा है. ऐसे में अगर आपको भी घर से बाहर निकलना पड़ रहा है तो खास ख्याल रखें.


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दिल्ली के आनंद विहार में AQI 400 के पार


दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) फिलहाल बेहद खराब की श्रेणी में बना हुआ है और ओवरऑल की बात करें तो मंगलवार शाम को 7 बजे यह 335 दर्ज किया गया. सबसे खराब हालात आनंद विहार में है, जहां एक्यूआई 412 पहुंच गया. इसके अलावा मंगलवार शाम को जहांगीरपुरी में एक्यूआई 384, सोनिया विहार में 363, वजीरपुर में 356, विवेक विहार में 353, अशोक विहार में 353, बवाना में 370, बुराड़ी क्रॉसिंग में 360, द्वारका सेक्टर 8 में 332, आईजीआई पर 325, आया नगर में 319 दर्ज किया गया.


जहांगीरपुरी में AQI पहुंचा 414


राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मंगलवार शाम को खतरनाक स्तर पर पहुंचने के बाद प्रदूषण का कहर अब भी जारी है और कई इलाकों में एक्यूआई बुधवार सुबह को भी 350 के करीब बना हुआ है. फिलहाल, जहांगीरपुरी में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है और एक्यूआई 414 पहुंच गया है. इसके साथ ही आनंद विहार में भी लोगों को प्रदूषण से राहत नहीं है और एक्यूआई 403 बना हुआ है. इसके अलावा अलीपुर में 366, बवाना में 388, द्वारका में 360, मुंडका में 370, नरेला में 354, रोहिणी में 384, सोनिया विहार में 383, विवेक विहार में 393 और वजीरपुर में 381 दर्ज किया गया है.


दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण बढ़ने के कारण?


- खस्ताहाल सड़कें और उड़ने वाली धूल
- सड़कों पर वाहनों की बढ़ती संख्या
- पुरानी गाड़ियों से निकलने वाला धुआं
- फैक्ट्री से निकलने वाला धुआं और डस्ट
- खुले में लकड़ी और कोयले को जलाना
- निर्माणाधीन इमारतों से निकलने वाली धूल


प्रदूषण का क्या होता है सेहत पर असर?


- सांस से जुड़ी बीमारियों का खतरा
- किडनी खराब हो सकती है
- हार्ट अटैक और हाइपरटेंशन का खतरा
- बुज़ुर्गों के दिमाग पर बुरा असर
- गर्भवती महिलाओं को सांस लेने में दिक्कत
- प्री-मेच्योर डिलीवरी का खतरा
- त्वचा में रूखापन और जलन


खतरनाक प्रदूषण से कैसे बचें?


- जितना हो सके घर के भीतर ही रहें
- जब भी बाहर जाएं तो मास्क लगाएं
- हवा साफ करने वाले पौधे लगाएं
- फेफड़े सुरक्षित रखने के लिए भाप लें
- दिनचर्या में योग को शामिल करें
- पोषक तत्वों से भरपूर खाना खाएं
- पीने के लिए गुनगुना पानी इस्तेमाल करें  
- सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करें


दिल्ली में ग्रैप-2 के तहत क्या-क्या पाबंदियां?


1 डीजल जनरेटर चलने पर रोक.
2 प्राइवेट गाड़ियों के इस्तेमाल को कम करने के लिए पार्किंग फीस में बढ़ोतरी.
3 सीएनजी-इलेक्ट्रिक बसों और मेट्रो की सर्विस बढ़ी.
4 RWA अपने सिक्योरिटी गार्ड को हीटर देंगी, ताकि वे गर्माहट के लिए कूड़ा, लकड़ी या कोयला न जलाएं.
5 नैचुरल गैस, बायो गैस, एलपीजी से चलने वाले जेनरेटर चल सकेंगे.
6 800kwa से अधिक क्षमता वाले जेनरेटर तभी चल सकेंगे, जब वह रेट्रोफिटिंग करवाएंगे.