आतिशी ने CM का पदभार संभाला, लेकिन उस कुर्सी पर नहीं बैठीं, जिस पर बैठते थे केजरीवाल; क्यों किया ऐसा
दिल्ली के मुख्यमंत्री आतिशी (Atishi) ने जब पदभार ग्रहण किया, तब वो उस कुर्सी पर नहीं बैठीं, जिस पर मुख्यमंत्री रहते हुए अरविंद केजरीवाल बैठते थे. उन्होंने कहा कि भरत की तरह वो अगले 4 महीने मुख्यमंत्री का पद संभालूंगी.
Atishi takes charge as Chief Minister: दिल्ली के मुख्यमंत्री आतिशी (Atishi) ने शपथग्रहण के बाद सीएम का पदभार सोमवार को ग्रहण कर लिया. आतिशी ने पदभार तो ग्रहण कर लिया, लेकिन उस कुर्सी पर नहीं बैठीं, जिस पर मुख्यमंत्री रहते हुए अरविंद केजरीवाल बैठते थे. आतिशी ने अपनी मुख्यमंत्री की कुर्सी के बगल में एक खाली कुर्सी रखकर पदभार संभाला. बता दे कि आतिशी ने शनिवार (21 सितंबर) को अपने मंत्रिमंडल के साथ दिल्ली की आठवीं मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी.
जिस तरह भरतजी ने खड़ाऊं रखकर...: आतिशी
मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि आज मैंने दिल्ली के मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाला. आज मेरे मन की वही व्यथा है जो कि भरत जी की थी. जिस तरह से भरत जी ने भगवान श्रीराम के खड़ाऊं रखकर काम किया, वैसे ही मैं अगले 4 महीने मुख्यमंत्री का पद संभालूंगी. ये कुर्सी अरविंद केजरीवाल जी की है. मुझे भरोसा है कि फरवरी में होने वाले चुनाव में दिल्ली की जनता अरविंद केजरीवाल को जिताकर फिर से मुख्यमंत्री बनाएगी. तब तक अरविंद केजरीवाल जी की ये कुर्सी यहीं रहेगी.
आतिशी का बीजेपी और केंद्र सरकार पर हमला
सीएम का पदभार ग्रहण करने के साथ ही आतिशी (Atishi) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) और केंद्र सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने राजनीति में गरिमा और नैतिकता की मिसाल कायम की है, लेकिन पिछले 2 साल से भाजपा ने केजरीवाल पर कीचड़ उछालने और उनकी छवि बिगाड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी. 6 महीने के लिए जेल में डाला. कोर्ट ने भी कहा कि अरविंद केजरीवाल को एजेंसी ने दुर्भावना से गिरफ्तार किया.
आतिशी ने अपने पास 13 विभागों को रखा
आतिशी (Atishi) ने उन 13 विभागों को बरकरार रखा है, जो अरविंद केजरीवाल सरकार के समय उनके पास थे. इनमें शिक्षा, राजस्व, वित्त, बिजली और लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) शामिल हैं. इससे पहे सौरभ भारद्वाज ने शनिवार को ही कार्यभार संभाल लिया था. आतिशी के बाद सबसे ज्यादा आठ विभागों की जिम्मेदारी भारद्वाज के पास है. नए मंत्री मुकेश अहलावत को श्रम, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति, रोजगार और भूमि एवं भवन विभागों का प्रभार मिला है.
गोपाल राय को विकास, सामान्य प्रशासन विभाग, पर्यावरण और वन का प्रभार दिया गया है. गोपाल राय के पास केजरीवाल सरकार में भी इन्हीं विभागों की जिम्मेदारी थी. कैलाश गहलोत के भी पिछले विभागों- परिवहन, गृह, प्रशासनिक सुधार, महिला और बाल विकास को बरकरार रखा गया है. आतिशी के नेतृत्व वाले नए मंत्रिमंडल में लंबित परियोजनाओं, योजनाओं और नयी पहलों की एक लंबी सूची है, जिन्हें अगले साल फरवरी में दिल्ली में होने वाले चुनावों से पहले अगले कुछ महीनों में शुरू किया जाना है.
(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी भाषा)