Delhi New CM Atishi Marlena: दोपहर 12 बजे दिल्ली के नए सीएम का ऐलान होने वाला था लेकिन आधे घंटे पहले ही एक मुस्कुराता चेहरा अचानक टीवी चैनलों पर फ्लैश होने लगा. जी हां, शिक्षा मंत्री आतिशी दिल्ली की अगली मुख्यमंत्री होंगी. मौजूदा सीएम अरविंद केजरीवाल ने शाम को इस्तीफा देने से पहले उन्हें अपना उत्तराधिकारी चुना. इसके लिए बाकायदे विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी और केजरीवाल ने आतिशी के नाम का प्रस्ताव रखा. इसका सभी ने समर्थन किया.


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इस तरह से सुषमा स्वराज, शीला दीक्षित के बाद दिल्ली के लोगों को तीसरी महिला मुख्यमंत्री मिलने जा रही है. वैसे, रेस में केजरीवाल की पत्नी सुनीता का भी नाम था लेकिन आतिशी पर ही अंतिम सहमति बनी.


सुनीता को क्यों नहीं बनाया सीएम


दरअसल, जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद जिस तरह से केजरीवाल ने इस्तीफा देने का ऐलान कर विरोधियों को चुप करा दिया, अब वह नहीं चाहते थे कि भाजपा या दूसरे दलों को घेरने का दूसरा मौका मिले. अगर उनकी पत्नी सीएम बनतीं तो उसका मैसेज परिवारवाद से जोड़ा जाता. कयास लगाए जाने लगे तो आज सुबह दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने साफ कहा कि सुनीता केजरीवाल सीएम बनने की इच्छुक नहीं हैं.


1. भ्रष्टाचार के आरोप नहीं


सिसोदिया पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. ऐसे में केजरीवाल को एक साफ-सुथरे चेहरे की तलाश थी. आतिशी पर भ्रष्टाचार के आरोप नहीं हैं और महिला होने के नाते दिल्ली की जनता में एक अलग संदेश भी जाएगा.


2. सरकार में मजबूत चेहरा


आतिशी दिल्ली सरकार की सबसे ताकतवर मंत्री हैं. केजरीवाल और उनके डिप्टी सिसोदिया के जेल जाने के बाद उन्होंने ही पार्टी को पूरी ताकत से संभाला. 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर जब तिरंगा फहराना था तो सीएम केजरीवाल ने आतिशी के ही नाम की सिफारिश की थी. केजरीवाल को यह भी पता है कि सीएम फेस ऐसा होना चाहिए जो दिल्ली एलजी से अक्सर चलने वाली तकरार का सामना कर सके. 43 साल की आतिशी ऐसे तमाम पैरामीटर पर फिट बैठती हैं.


3. महिला चेहरा


कालका जी से विधायक हैं आतिशी. महिला चेहरा होने के साथ ही उनकी साफ-सुथरी छवि है. सफल मंत्री के रूप में दिल्ली में पहचान बनी है. आतिशी फिलहाल 10 से ज्यादा मंत्रालयों की जिम्मेदारी देख रही हैं. अब साफ हो गया है कि अगले चुनाव तक दिल्ली के मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी वही संभालेंगी. इससे केजरीवाल पार्टी के विस्तार खासतौर से हरियाणा विधानसभा चुनाव पर फोकस कर सकेंगे.


4. AAP को नई पहचान दिलाने की पहल


अब तक आम आदमी पार्टी को सिर्फ अरविंद केजरीवाल केंद्रित माना जाता रहा है लेकिन इस फैसले से केजरीवाल ने खुद पार्टी को व्यापक आयाम देने की कोशिश की है. वह पार्टी को नई पहचान देना चाहते हैं.


5. विश्वासपात्र
आम आदमी पार्टी के नजरिए से देखें केजरीवाल ने मास्टरस्ट्रोक चला है. महिला कार्ड खेला, वो भी ऐसी महिला पर, जो काफी एक्टिव हैं. स्कूल एजुकेशन पर वे क्रेडिट लेते रहे हैं, उस पर आतिशी ने काफी काम किया है. वह अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया दोनों की विश्वासपात्र हैं. बिहार और झारखंड में जिस तरह सीएम पद को लेकर टेंशन हुई उससे भी केजरीवाल दूर रहना चाह रहे होंगे.


कौन हैं आतिशी? कभी थीं सिसोदिया की सलाहकार, अब संभालेंगी दिल्ली की कुर्सी


केजरीवाल ने रविवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के अपने फैसले की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि वह तभी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठेंगे जब लोग उन्हें ‘ईमानदारी का प्रमाणपत्र’ दे देंगे. आतिशी पार्टी और सरकार का प्रमुख चेहरा हैं और वित्त, शिक्षा एवं पीडब्ल्यूडी (लोक निर्माण विभाग) समेत कई विभागों का कार्यभार संभाल रही हैं.


कितनी पढ़ी-लिखी हैं दिल्ली की होने वाली सीएम आतिशी मार्लेना?


आतिशी के राजनीतिक करियर की बात करें तो उन्होंने भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के दौरान राजनीति में सबसे पहली बार कदम रखा था. वह 2015 से 2018 तक दिल्ली के डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की सलाहकार के रूप में काम कर चुकी हैं. यह तेजतर्रार 'आप' नेता पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी यानी पीएसी की मेंबर भी रह चुकी हैं. आतिशी ने 2019 में लोकसभा चुनाव में भी अपनी किस्मत आजमाई थी, लेकिन उन्हें गौतम गंभीर के हाथों हार का सामना करना पड़ा था.


आतिशी का जन्म 8 जून 1981 को हुआ था. उनके माता पिता दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर रह चुके हैं. पढ़ाई दिल्ली की स्प्रिंगडेल स्कूल से की. उन्होंने सेंट स्टीफन्स कॉलेज से मास्टर्स की डिग्री पूरी की. इसके बाद, उन्होंने चिवनिंग स्कॉलरशिप पर ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया. वहां उन्होंने मास्टर्स की दूसरी डिग्री हासिल की.