सुनंदा पुष्कर मामला : सही समय आने पर सारी जानकारियों का खुलासा करेंगे- दिल्ली पुलिस
दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट में कहा गया है कि सुनंदा पुष्कर ने खुदकुशी नहीं की थी, बल्कि उनकी हत्या की गई थी. पुलिस के जिस सीक्रेट रिपोर्ट को लेकर बवाल मचा हुआ है, रिपोर्ट की वह कॉपी जी न्यूज के सहयोगी अखबार `डीएनए` के पास है.
नई दिल्ली: सुनंदा पुष्कर की मौत का मामला अभी पूरी तरह से सुलझा भी नहीं है कि इस मामले से जुड़े दिल्ली पुलिस के पुराने डॉक्यूमेंट्स को लेकर विवाद शुरू हो गया है. दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट में कहा गया है कि सुनंदा पुष्कर ने खुदकुशी नहीं की थी, बल्कि उनकी हत्या की गई थी. सुनंदा पुष्कर मामले से जुड़े ताजा विवाद को लेकर दिल्ली पुलिस के CPRO दीपेंद्र पाठक ने कहा, 'यह मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है. दिल्ली पुलिस अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करेगी. फिलहाल इस मामले को लेकर कुछ भी कमेंट करना ठीक नहीं होगा. पुलिस अपना काम कर रही है. सही समय आने पर जानकारियों का खुलासा किया जाएगा.'
17 जनवरी 2014 को हुई थी सुनंद पुष्कर की मौत
पुलिस की जिस सीक्रेट रिपोर्ट को लेकर बवाल मचा हुआ है, उसकी वह कॉपी जी न्यूज के सहयोगी अखबार 'डीएनए' के पास है. रिपोर्ट्स के मुताबिक सुनंदा पुष्कर के शरीर पर चोट के कई निशान थे. रिपोर्ट तत्कालीन ज्वॉइंट कमिश्नर को सौंपी गई है. रिपोर्ट में बताया गया है कि झगड़े की वजह से सुनंदा पुष्कर के शरीर पर जख्म के निशान थे. दिल्ली पुलिस की पहली रिपोर्ट में सुनंदा पुष्कर के हत्या की बात कही गई थी. सुनंदा पुष्कर ने कांग्रेस नेता शशि थरूर से 2010 में शादी की थी. 17 जनवरी 2014 को दिल्ली के एक पांच सितारा होटल में सुनंदा पुष्कर रहस्यमयी हालत में मृत पाई गई थी.
दिल्ली पुलिस की पहली रिपोर्ट में हत्या का जिक्र
सुनंदा पुष्कर केस में तत्कालीन पुलिस उपायुक्त बीएस जायसवाल के नेतृत्व में दिल्ली पुलिस द्वारा तैयार पहली रिपोर्ट में यह साफ तौर पर कहा गया कि वसंत कुंज के सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट आलोक शर्मा जिन्होंने लीला होटल में घटनास्थल का निरीक्षण और कानूनी जांच पड़ताल की कार्रवाई की थी, ने कहा था कि यह खुदकुशी नहीं है. रिपोर्ट के मुताबिक, शुरुआती जांच से असंतुष्ट सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट ने सरोजिनी नगर के स्टेशन हाउस ऑफिसर को आदेश दिया था कि इस केस की जांच हत्या के तौर पर करे.
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पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत की वजह जहर बताई गई थी
ऑटोप्सी रिपोर्ट के बाद यह फैसला लिया गया, जिसमें कहा गया था, 'मेरी जानकारी में मौत जहर खाने से हुई है. परिस्थितिजन्य साक्ष्य Alprazolam Poisoning की ओर इशारा करती है. जितनी भी चोटों का जिक्र किया गया है वे सभी सामान्य तौर पर मारपीट के थे. सिवाए चोट नंबर 10 और 12 के. चोट नंबर 10 जोकि इंजेक्शन की वजह से थी और चोट नंबर 12 पर दांतों के काटने के निशान थे. 1 से 15 तक जितने भी अलग-अलग चोट के निशान थे, वे सभी 12 घंटे से लेकर 4 दिनो तक के लिए थे.' रिपोर्ट में स्पष्ट तौर पर जाहिर किया गया है कि इंजेक्शन के निशान ताजा थे.
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रिपोर्ट में पुष्कर से मारपीट का दावा
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सुनंदा पुष्कर के शरीर पर मारपीट/हाथापाई के निशान थे. ऐसा लगता है कि सुनंदा पुष्कर और उनके पति शशि थरूर के बीच झगड़े की वजह से यह निशान थे, जैसा कि उनके निजी सहायक नारायण सिंह ने अपने बयान में कहा था.' इस रिपोर्ट को दक्षिण दिल्ली क्षेत्र के तत्कालीन पुलिस ज्वॉइंट कमिश्नर विवेक गोगिया को दिया गया था, जिन्हें इस केस को व्यक्तिगत तौर पर मॉनिटर करने के लिए कहा गया था. इस रिपोर्ट को बाद में गृह मंत्रालय को सौंप दिया गया था.