नई दिल्‍ली : दिल्‍ली में वायु प्रदूषण का स्‍तर गंभीर स्‍तर पर पहुंच गया है. बुधवार को राजधानी-एनसीआर के सभी इलाकों में पॉल्‍यूशन लेवल बेहद गंभीर स्‍तर पर दर्ज किया गया. इस वजह से सुबह के वक्‍त जहां दृश्‍यता का स्‍तर बेहद कम था. हालात यह थे कि सड़कों पर 10 मीटर तक भी वाहन नहीं दिखाई दे रहे थे. पॉल्‍यूशन लेवल 'गंभीर स्‍तर' पर पहुंचने की वजह से लोगों को स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी समस्‍याओं का भी सामना करना पड़ रहा है. बुधवार की सुबह दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय और उसके आसपास के इलाकों में वायु प्रदूषण का स्‍तर गंभीर दर्ज किया गया.


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पढ़ें- दिल्‍ली : प्रदूषण का स्‍तर बेहद खतरनाक, जानिये- क्‍या करें, क्‍या ना करें


पृथ्‍वी विज्ञान मंत्रालय की वेबसाइट सफर इंडिया के अनुसार, जानिए बुधवार को दिल्‍ली-NCR में प्रदूषण का स्‍तर कहां, कितना रहा...


धीरपुर


पीएम 10- 459
पीएम 2.5- 473 


पीतमपुरा


पीएम 10- 624
पीएम 2.5- 570


बुधवार की सुबह दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय और उसके आसपास के इलाके में वायु प्रदूषण का स्‍तर गंभीर दर्ज किया गया. (स्‍त्रोत : SAFAR-India)

दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय


पीएम 10- 669
पीएम 2.5- 609


पूसा


पीएम 10- 537
पीएम 2.5- 521


लोधी रोड


पीएम 10- 601
पीएम 2.5- 581


इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (टर्मिनल 3)


पीएम 10- 585
पीएम 2.5- 541


मथुरा रोड


पीएम 10- 555
पीएम 2.5- 626


आया नगर


पीएम 10- 580
पीएम 2.5- 531


गुड़गांव


पीएम 10- 583
पीएम 2.5- 536


नोएडा


पीएम 10- 600
पीएम 2.5- 575


स्‍मॉग का कहर: प्रदूषण के लिए जिम्‍मेदार PM आखिर क्‍या है? एमजीसीएम और एक्यूआई का क्या मतलब है?  


मॉनिटरिंग स्टेशन पर प्रदूषण एमजीसीएम (माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर) में मापा जाता है. सभी स्टेशनों के स्तर का औसत निकाल एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (एक्यूआई) बनता है.


प्रदूषण का सामान्य स्तर क्या है? 


प्रदूषक तत्व यानी पार्टीकुलेट मैटर (धूल, धुएं में शामिल महीन कण) मुख्य रूप से दो तरह के होते हैं. एक पीएम 2.5, दूसरा पीएम 10. पीएम 2.5 अगर 60 एमजीसीएम है तो सामान्य है. पीएम 10 का सामान्य स्तर 100 एमजीसीएम है. पीएम 2.5 मंगलवार को 856 था और पीएम 10 का स्तर 1300 निकला.


वायु गुणवत्ता का स्तर और प्रभाव...


0 से 50 : स्वास्थ्य पर कोई असर नहीं.


51 से 100 : स्वास्थ्य पर कोई असर नहीं.


101 से 150 : थोड़ी जलन हो सकती है. मैराथन से बचें.


151 से 200 : आउटडोर अभ्यास कम करें, कोई खेल न खेलें.


201 से 300 : स्कूल और अन्‍य जगहों पर बाहरी क्रियाकलाप बंद करें, साइकलिंग, जॉगिंग और दौड़ बिल्‍कुल न लगाएं. फेफड़े व दिल के रोगियों को नुकसान हो सकता है.


300 : बाहरी क्रियाकलाप बंद करें. लंबी वॉक न करें. फेफड़ों को नुकसान हो सकता है.


400 : बाहर न जाएं, घर के अंदर अपनी सक्रियता सीमित करें, हल्की शारीरिक गतिविधि से भी स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है.