Delhi Water Crisis: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के निवासियों को इस भीषण गर्मी में जल संकट का भी सामना करना पड़ रहा है. शहर के कई इलाकों में टैंकरों से पानी भरने के लिए लोगों की लंबी-लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं और कई इलाकों में तो लोगों को मूलभूत जरुरतों के लिए भी पानी नहीं मिल रहा है. जैसे-जैसे तापमान 50 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंचा है वैसे ही पानी की मांग काफी बढ़ गई है, जिससे कई लोग हताश और निराश हो गए हैं. दिल्ली के कई इलाकों में लोग प्लास्टिक के कंटेनर लेकर पानी के टैंकरों का बेसब्री से इंतजार करते हुए नजर आ रहे हैं.


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बूंद-बूंद को तरस रहे लोग


गीता कॉलोनी की निवासी विभा देवी ने अपनी परेशानी साझा करते हुए कहा, 'मैं पानी भरने के लिए सुबह चार बजे से कतार में खड़ी हूं, लेकिन भीड़ के कारण मैं पानी के टैंकर तक नहीं पहुंच पा रही हूं...पानी मिलना मुश्किल है.'


यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें पानी मिल पाता है, इसके जवाब में उन्होंने कहा, 'कभी-कभी हमें पानी मिल जाता है और कभी-कभी नहीं मिलता है. जब नहीं मिलता तो हमें बाहर से पानी खरीदना पड़ता है और उसका किफायती ढंग से उपयोग करना पड़ता है.'


पानी के टैंकरों की अपर्याप्त आपूर्ति के बारे में बात करते हुए एक अन्य स्थानीय निवासी गजेंद्र प्रताप सिंह ने कहा, 'हमारे क्षेत्र में टैंकर आता तो है, लेकिन यह आधा ही भरा होता है क्योंकि उन्हें बाकी आधा पानी कहीं और पहुंचाना होता है और इस आधे टैंकर पानी के लिए हमें सुबह से ही कतार में खड़े रहकर इंतजार करना पड़ता है.'


पानी के लिए निवासियों में निराशा स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है. उन्हें टैंकर के आते ही पानी के लिए धक्का-मुक्की करनी पड़ती है.


अपनी समस्याओं के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए एक अन्य स्थानीय निवासी नीलम ने कहा, 'हमारे पास पीने के लिए भी पानी नहीं है. हर दिन लोगों को पानी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है क्योंकि हजारों लोग तीन से चार घंटे तक लाइन में इंतजार कर रहे हैं, लेकिन तब भी उन्हें पानी नहीं मिल पाता है.’


कई लोग अपने क्षेत्रों में पानी की समस्या के बारे में शिकायत करने के लिए सोशल मीडिया का भी सहारा ले रहे हैं.


दक्षिण दिल्ली में रहने वाले बैंकर नितेश सिंह ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर सरकार को टैग करते हुए जल सकंट की परेशानी को उठाया. उन्होंने लिखा, 'प्रिय महोदय, मैं दक्षिण दिल्ली में स्थित जवाहर पार्क के खानपुर से हूं. हम पानी की आपूर्ति के संकट का सामना कर रहे हैं, यहां तक कि हमें एक टैंकर भी नहीं मिल रहा है. यह बहुत दर्दनाक है. हम नियमित रूप से दिल्ली जल बोर्ड के संबंधित कर्मियों को फोन करते हैं, लेकिन वे हमारी बात नहीं सुनते हैं. इससे मेरी सोसायटी और कई परिवार दिल्ली छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं.'


Bengaluru Water Crisis: बेंगलुरू में क्या हुआ था?


बीते पांच सालों से बेंगलुरु गंभीर जल संकट का सामना कर रहा है क्योंकि बहुत कम बारिश होने की वजह से बोरवेल सूख गए हैं. इसी साल 5 मार्च को राज्य के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार (DK Shivkumar) ने कहा था कि सरकार किसी भी कीमत पर बेंगलुरु (Bengaluru) को पर्याप्त मात्रा में पानी की आपूर्ति के लिए काम करेगी. तब मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा था कि बेंगलुरु के सभी इलाके जल संकट का सामना कर रहे हैं. और यहां तक कि उनके घर का बोरवेल भी सूख गया है. डिप्टी सीएम ने कहा कि हम गंभीर जल संकट का सामना कर रहे हैं लेकिन किसी भी कीमत पर शहर में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करेंगे.


पानी के टैंकर वसूल रहे ज्यादा पैसे


बेंगलुरु गंभीर जल संकट का सामना कर रहा है क्योंकि बहुत कम बारिश होने की वजह से बोरवेल सूख गए हैं. आवासीय सोसायटीज में निवासियों को रोजमर्रा की जरूरतों के लिए पानी के उपयोग में सावधानी बरतने की सलाह दी है. मई के महीने में हालात खराब हैं. सरकारी दावे नाकाफी साबित हुए हैं. ठीक यही समस्या दिल्ली में भी है.


नेता कर रहे बयानबाजी


एकबार फिर से दिल्ली के जलसंकट की बात करें तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार पर भ्रष्टाचार, कुप्रबंधन और पानी की बर्बादी का आरोप लगाया.


सचदेवा ने दावा किया, 'हरियाणा पानी उपलब्ध करा रहा है लेकिन जब तक यह दिल्ली पहुंचता है तो कुप्रबंधन के कारण 53 प्रतिशत पानी बर्बाद हो जाता है.'


भाजपा नेता ने कहा कि सरकार जानती है कि दिल्ली को गर्मी के मौसम में ऐसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी सवाल किया कि सरकार इस समस्या से निपटने के लिए ग्रीष्मकालीन कार्य योजना क्यों नहीं लेकर आई.


आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र और भाजपा से अपील की कि वे उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकारों से दिल्ली की पानी की मांग को पूरा करने में मदद करने का अनुरोध करें.


उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, 'इस बार पूरे देश में अभूतपूर्व गर्मी पड़ रही है जिसकी वजह से देश भर में पानी और बिजली का संकट हो गया है. पिछले वर्ष, दिल्ली में बिजली की 7438 मेगावाट मांग थी. इसके मुकाबले इस साल यह बढ़कर 8302 मेगावाट तक पहुंच गयी है. पर इसके बावजूद दिल्ली में बिजली की स्थिति नियंत्रण में है और अन्य राज्यों की तरह बिजली कटौती नहीं हो रही है.'


मुख्यमंत्री ने कहा, 'पर इतनी भीषण गर्मी में पानी की मांग बहुत बढ़ गयी है और जो पानी दिल्ली को पड़ोसी राज्यों से मिलता था, उसमे भी कमी कर दी गयी है. यानी मांग बहुत बढ़ गयी लेकिन आपूर्ति कम हो गयी. हम सबको मिलकर इसका निवारण करना है. मैं देख रहा हूं कि भाजपा के साथी हमारे खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. इससे समस्या का समाधान नहीं निकलेगा.'


उन्होंने कहा, 'मेरी सभी से हाथ जोड़ कर विनती है कि इस वक़्त राजनीति करने के बजाय, आइये मिलकर दिल्ली के लोगों को राहत दिलवायें. यदि भाजपा हरियाणा और उत्तर प्रदेश की अपनी सरकारों से बात करके एक महीने के लिए दिल्ली को कुछ पानी दिलवा दे तो दिल्ली वाले भाजपा के इस कदम की खूब सराहना करेंगे. इतनी भीषण गर्मी किसी के हाथ की बात नहीं. लेकिन हम सब मिलकर काम करें तो लोगों को इस से राहत तो दिलवा सकते हैं.'


(इनपुट: पीटीआई भाषा)