Delhi Pollution: सबसे साफ सर्दियां लेकिन फिर भी प्रदूषण से दिल्ली का हुआ ऐसा हाल, आंकड़े दे रहे गवाही
Delhi Pollution Today: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट यानी सीएसई के सालाना आकलन के मुताबिक, 2022 अक्टूबर से जनवरी 2023 तक सर्दी के सीजन में मौसम की मेहरबानी और प्रदूषण के स्तर का सही आकलन करके जो कदम उठाए गए, इन दोनों की वजह से प्रदूषण का स्तर काबू में रहा.
Delhi Pollution Level Today: प्रदूषण के मामले में 2022 की सर्दी दिल्ली वालों के लिए थोड़ी सी राहत लेकर आई. 2018 के बाद 5 साल में पहली बार प्रदूषण अपने सबसे न्यूनतम स्तर पर रहा, उसके बावजूद पूरे एनसीआर रीजन में सबसे प्रदूषित शहर के मामले में दिल्ली ने ही बाजी मारी.
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट यानी सीएसई के सालाना आकलन के मुताबिक, 2022 अक्टूबर से जनवरी 2023 तक सर्दी के सीजन में मौसम की मेहरबानी और प्रदूषण के स्तर का सही आकलन करके जो कदम उठाए गए, इन दोनों की वजह से प्रदूषण का स्तर काबू में रहा. CSE के मुताबिक, सर्दियां शुरू होते ही बारिश हो गई, जिसकी वजह से घना कोहरा नहीं हो पाया. इस साल लगातार 10 दिन ऐसे रहे, जब प्रदूषण के लिहाज से हवा अति गंभीर की श्रेणी में रही. इसके अलावा एक साथ चार दिन घने कोहरे वाले भी रहे. पूरे एनसीआर रीजन में दिल्ली के अलावा फरीदाबाद गुरुग्राम और नोएडा में प्रदूषण से हालात काफी खराब है. जबकि एनसीआर के बाकी शहर में हालात इस बार बेहतर रहे.
दिल्ली-NCR के सबसे प्रदूषित हॉट स्पॉट
जहांगीरपुरी- पीएम 2.5 लेवल ऑफ 201 µg/m³.
आनंद विहार (196 µg/m³),
वजीरपुर (185 µg/m³),
मुंडका (185µg/m³),
रोहिणी (182 µg/m³) and
बवाना (179 µg/m³).
बहादुरगढ़ with 105 µg/m³,
गुरुग्राम-फरीदाबाद 133 µg/m³
पराली ने इस साल भी घोंटा दिल्ली का दम
इस बार पराली जलाने की 55846 घटनाएं हुईं, जिसकी वजह से दिल्ली में करीब 53 दिनों तक पराली के धुएं का असर रहा. यह पिछले वर्षों के मुकाबले कम है. हालांकि पराली के धुएं की वजह से दिल्ली में अक्टूबर से दिसंबर तक 4 टन धुआं कम हुआ है. यह एनालिसिस पीएम 2.5 के स्तर के आधार पर किया गया. पीएम 2.5 इस साल 2018 के मुकाबले 17% कम खतरनाक रहा. इस बार पीएम 2.5 का औसत 160 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर था.
दिल्ली में 3 नवंबर 2022 को पीएम 2.5 का स्तर 401 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रहा जो कि सबसे ज्यादा था. पिछले 5 वर्षों के मुकाबले में यह भी 27% कम रहा. 2019 में पीएम 2.5 का पीक 542 माइक्रोग्राम पर क्यूबिक मीटर रहा. इस बार 10 दिन हवा अति गंभीर श्रेणी में रही. जबकि पिछले साल 24 दिन ऐसे रहे थे. 2018-19 में ऐसे 33 दिन रहे थे, जब हवा बेहद गंभीर की श्रेणी में रही.
पहली बार सर्दियों में गुड एयर डेज
पिछले साल अक्टूबर के महीने में दिल्ली में 5 दिन गुड एयर क्वॉलिटी वाले रहे. जबकि इससे पहले पिछले 5 वर्षों में ऐसा एक बार भी नहीं हुआ था. इस बार गुड एयर क्वॉलिटी (Good Air Quality Days) बारिश होने की वजह से दिल्ली को मिले हैं. इस बार पूर्वी दिल्ली के शाहदरा इलाके में हवा बेहतर हुई है. जबकि आरके पुरम,द्वारका और शादीपुर जैसे इलाकों में हवा पिछले वर्षों के मुकाबले खराब हुई है.
सीएसई के मुताबिक दिल्ली का लैंड लॉक होना सबसे बड़ी समस्या है. दिल्ली में क्लीन फ्यूल को बढ़ावा दिए जाने की जरूरत है. इलेक्ट्रिक कारों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है. कूड़े का निपटारा भी बेहतर तरीके से किए जाने की जरूरत है.
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