नई दिल्ली: कृषि संबंधित विधेयकों को लेकर कांग्रेस (Congress) ने रविवार को सरकार पर हमला तेज कर दिया और आरोप लगाया कि वह न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को कानूनी जिम्मेदारी देने से दूर भाग रही है.


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इन विधेयकों को ‘कृषि विरोधी काला कानून’ करार देते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने भी सवाल किया कि कृषि उपज विपणन समिति या किसान बाजार खत्म होने पर एमएसपी कैसे सुनिश्चित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि एमएसपी की कोई गारंटी क्यों नहीं है? गांधी ने ट्वीट किया, 'मोदी जी किसानों को पूंजीपतियों का गुलाम बना रहे हैं, जिसे देश कभी सफल नहीं होने देगा.' 



एक अन्य ट्वीट में राहुल गांधी ने कहा, 'जो किसान धरती से सोना उगाता है, मोदी सरकार का घमंड उसे खून के आंसू रुलाता है. राज्यसभा में आज जिस तरह कृषि विधेयक के रूप में सरकार ने किसानों के खिलाफ मौत का फरमान निकाला, उससे लोकतंत्र शर्मिंदा है.



सुरजेवाला का सवाल- MSP की जिम्मेदारी कौन लेगा?
विधेयकों को राज्यसभा में रखे जाने से पहले कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार व्हिप के जरिए राज्यसभा से ‘तीन काले विधेयक’ पारित करवाएगी. सुरजेवाला ने कहा, 'लेकिन इस सवाल का जवाब नहीं है कि कैसे 15.5 करोड़ किसान एमएसपी हासिल करेंगे? मंडी के बाद एमएसपी की जिम्मेदारी कौन लेगा?' 


उन्होंने कहा कि सरकार एमएसपी को कानूनी जिम्मेदारी देने से क्यों भाग रही है. मंडी के बाहर एमएसपी की जिम्मेदारी कौन लेगा. इन विधेयकों का किसान संगठन एवं सत्तारूढ़ गठबंधन के अंदर से भी कड़ा विरोध किया जा रहा है. शिरोमणि अकाली दल की नेता एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर ने पिछले सप्ताह इस मुद्दे पर इस्तीफा दे दिया था.


कृषि मंत्री ने MSP पर विपक्ष के बयान को बताया गलत
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा से पारित इन विधेयकों को आज राज्यसभा में पेश किया. राज्यसभा में ये विधेयक पारित हो गए. तोमर ने कहा कि किसानों से कृषि फसल की एमएसपी आधारित खरीद जारी रहेगी और इसका इन विधेयकों से कोई संबंध नहीं है जिनमें कृषकों को अपनी उपज बेचने की आजादी देने की कोशिश की गई है.


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