Delhi News: राजधानी दिल्ली में एक बार फिर डेंगू का प्रकोप बढ़ा है. दिल्ली वाले तेजी से इसका शिकार हो रहे हैं . हर सोमवार आने वाली एमसीडी की रिपोर्ट्स डरा रही है. आपको जानकर हैरानी होगी,  डेंगू संक्रमण की रफ्तार इतनी तेज है कि बीते चार सालों का रिकॉर्ड टूट गया है.


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बारिश के आने के पहले ही दिल्ली में सफाई की जिम्मेदार एजेंसियां एमसीडी और एनडीएमसी बड़े बड़े दावे करती हैं मगर, बारिश का मौसम आते ही इनकी पोल खुलते देर नही लगती. सितंबर महीने में हुई 3 दिन की लगतार बारिश के बाद दिल्ली में डेंगू के मामले बड़ी तेज़ी से सामने आए.


इस साल यानी 2022 के हर महीने क्या रही डेंगू के मामलों की स्थिति:-
-जनवरी 23 मामले
-फरवरी 16
-मार्च 22
-अप्रैल 20
-मई 30
-जून 32
-जुलाई 26
-अगस्त 75
-सितंबर 693 ( पिछले एक हफ्ते में 412 डेंगू के मामले)


दिल्ली सरकार ये लगातार आरोप लगाती रही है कि गर्मी के बाद भारी बारिश के बावजूद बीजेपी शासित एमसीडी गहरी नींद में सोती रहती है. आप नेता दुर्गेश पाठक के आरोपों के मुताबिक इस साल एमसीडी ने डेंगू से बचाव के लिए छिड़काव की जाने वाली दवाओं की खरीद अभी तक नही की है. आप का कहना है कि सैलरी ना मिलने से एमसीडी कर्मचारी भी अपना काम ढंग से नही कर रहे.


आपको बता दें कि विरोधियों के इस आरोप को लेकर हम एक इलाके में रियलिटी चेक के लिए पहुंचे. ये एनडीएमसी का संजय कैंप इलाका था. यहां के निवसियों के मुताबिक उनके इलाके में बीते कई महीनों से बिजली नहीं आ रही जिसके चलते बड़ी संख्या में बच्चे और बुजुर्ग बीमार हो रहे हैं. बच्चों के चेहरे पर बड़े-बड़े लाल चकत्ते डराने लगे हैं. इलाके के कई बच्चे तेज़ बुखार या डेंगू से पीड़ित हैं. यहां रहने वाले लोगों की शिकायत है कि मच्छरों को खत्म करने के लिए ना तो बारिश से पहले और ना ही बाद में किसी दवा का छिड़काव किया.


एमसीडी का क्या कहना है?
हालांकि एमसीडी के मुताबिक लारवा जांच के लिए गठित टीमें लगातर काम कर रही हैं. कांस्ट्रक्शन साइट पर जलजमाव, कूलर और घरों में जल जमाव होने पर दोषियों पर प्रशासन शुल्क लगाया जा रहा है. प्रत्येक एमसीडी क्षेत्र में फॉगिंग भी करवाई जा रही है.


एमसीडी के मुताबिक उनकी तरफ से अब तक 91462 कानूनी नोटिस जारी किए हैं. निरीक्षण स्थलों पर मच्छरों के प्रजनन के बाद 33226 मामले चलाए हैं. इसके अलावा एमसीडी ने 12659 घरों और इमारतों के मालिकों पर तकरीबन 3068000 रुपये का एडमिनिस्ट्रेटिव चार्ज भी लगाया है.


डेंगू से निपटने के लिए दवाओं और इक्विपमेंट की कमी को लेकर भी एमसीडी ने बताया कि निगम के पास मच्छर रोधी गतिविधियों का संचालन करने के लिए पर्याप्त मात्रा में कीटनाशक दवा, मशीनों और जन जागरूकता सामग्री का भंडार है. निगम के जनस्वास्थ्य विभाग के पास 11035 किलोग्राम डिफ्लूबेंजुरोन, 81046 किलोग्राम टेम्फोस ग्रानुएल्स, 200 लीटर टेम्फोस ईसी, 3780 लीटर एम ए ओ, 3891 लीटर साइफनोथरीन, 250 किलोग्राम मैलाथिओन, 980 हाथ से संचालित होने वाली फॉगिंग मशीनें, 18 वाहन आधारित फॉगिंग मशीनें, 12 पावर स्प्रे टैंकर, 162 पावर स्प्रेयर, 2580 नैपसैक पंप एवं 760 गणेश पंप हैं.


2017 से 2022 में डेंगू के चलते हुई मौतें:-
-2017 में 10 मौतें
-2018 में 4 मौतें
-2019 में 2 मौत
-2020 में 1 मौत
-2021 में 23 मौतें
-इस साल डेंगू से अब तक एक भी मौत नही हुई है.


2022 में दिल्ली में एरिया वाइज डेंगू के मामले:-
-एमसीडी इलाके में 573 मामले
-एनडीएमसी इलाके में 22 मामले
-दिल्ली कैंट इलाके में 33 मामले
-रेलवे इलाके में 3 मामले
-डेंगू के ऐसे मामले जिनके इलाके ट्रेस नही हो सके:- 306


कितने तरह को होता है डेंगू?
डेंगू बुखार दिन में काटने वाले 2 प्रकार के मच्छर एडिज इजिप्टी और एडिज एल्बोपेक्टस से फैलता है. जिसके चार प्रकार के वायरस DEN-1, DEN-2, DEN-3, DEN-4 के नाम से जाने जाते हैं.  डेन-1 और डेन-3 के मुकाबले डेन-2 और डेन-4 कम खतरनाक रहते है. 


क्या हैं डेंगू के लक्षण?
डेंगू बुखार के लक्षण संक्रमण के कुछ दिन बाद ही नजर आते हैं. ब्लड प्रेशर का सामान्य से बहुत कम होना, खून में प्लेटलेटस की संख्या कम होना, अचानक ठंड और कपकंपी के साथ तेज बुखार आ जाना. मिचली, उल्टी जैसा महसूस होना और शरीर पर लाल गुलाबी चकत्ते आ जाना, भूख न लगना, कुछ भी खाने की इच्छा न होना, मुंह का स्वाद या पेट खराब हो जाना, अचानक नींद न आना या नींद में कमी महसूस होना.


डेंगू से बचने के लिए सावधानियां?
डेंगू से बचावन के लिए आस पास पानी जमा ना होने दें. इससे मच्छर पनपने का खतरा बना रहता है. कूलर का पानी हर दिन बदलते रहें. खि‍ड़की और दरवाजे पर मच्छर से बचने के लिए नेट का इस्तेमाल करें. पूरी बांह के कपड़े पहनें या फिर शरीर को जितना हो सके ढंक कर रखें.


डेंगू होने पर क्या उपचार करें
ज्यादा से ज्यादा आराम करें. पानी लगातार पीते रहें. ज्यादा से ज्यादा लिक्विड डाइट लें.


आरोप प्रत्यारोप की राजनीति तो बाद में भी हो जाएगी, मगर सरकार और संस्थाओं की निगाहें अगर जनता के घटते स्वास्थ्य और कटती जेब पर पड़े तो देश का भला ही हो जाए. राजधानी दिल्ली में डेंगू का संक्रमण जितनी तेजी से बढ़ रहा है जिम्मेदार संस्थाओं में उतनी ही जबरदस्त सुस्ती देखने को मिल रही है.



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