नई दिल्ली: पीएम मोदी ने धनवंतरि जयंती पर शुक्रवार को दो नए आयुर्वेद संस्थान देश को समर्पित किए. पीएम ने कहा कि आयुर्वेद,भारत की विरासत है जिसके विस्तार में पूरी मानवता की भलाई समाई हुई है.


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हमारा ज्ञान दूसरे देशों को भी समृद्ध कर रहा है
पीएम मोदी ने कहा कि किस भारतीय को खुशी नहीं होगी कि हमारा पारंपरिक ज्ञान, अब अन्य देशों को भी समृद्ध कर रहा है. गर्व की बात है कि  WHO ने Global Centre for Traditional Medicine की स्थापना के लिए भारत को चुना है.


पुरखों के ज्ञान को आगे बढ़ाने की जरूरत
प्रधानमंत्री ने कहा कि ये हमेशा से स्थापित सत्य रहा है कि भारत के पास आरोग्य से जुड़ी कितनी बड़ी विरासत है. लेकिन ये भी उतना ही सही है कि ये ज्ञान ज्यादातर किताबों में, शास्त्रों में रहा है और थोड़ा-बहुत दादी-नानी के नुस्खों में. इस ज्ञान को आधुनिक आवश्यकताओं के अनुसार विकसित किया जाना आवश्यक है.


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आयुर्वेद में रिसर्च बढ़ाने पर दिया जा रहा है जोर
आयुर्वेद पर जोर देते हुए पीएम ने कहा कि देश में अब हमारे पुरातन चिकित्सीय ज्ञान-विज्ञान को 21वीं सदी के आधुनिक विज्ञान से मिली जानकारी के साथ जोड़ा जा रहा है, नई रिसर्च की जा रही है. तीन साल पहले ही हमारे यहां अखिल भारतीय आयुर्वेदिक संस्थान की स्थापना की गई थी.


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