Dhirendra Shastri: सनातन को कमजोर करने की साजिश रच रही विदेशी ताकतें.. धर्मांतरण के खिलाफ फिर गरजे धीरेंद्र शास्त्री
Hindutva awareness campaign: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने एक बार फिर धर्मांतरण के मुद्दे पर अपना रुख साफ करते हुए कहा है कि धर्मांतरण भारत की सांस्कृतिक जड़ों पर हमला है.
Hindutva awareness campaign: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने एक बार फिर धर्मांतरण के मुद्दे पर अपना रुख साफ करते हुए कहा है कि धर्मांतरण भारत की सांस्कृतिक जड़ों पर हमला है. उन्होंने इसे देश के लिए गंभीर खतरा बताते हुए कहा कि धर्मांतरण के खिलाफ वे और उनका संगठन सख्त कदम उठाएंगे. उन्होंने कहा कि भोले-भाले लोगों को लालच देकर उनका धर्म बदलने की साजिशें की जा रही हैं, जिसमें विदेशी ताकतों का भी हाथ है.
धीरेंद्र शास्त्री ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया कि उन्होंने छत्तीसगढ़ में विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया और हनुमान जी के मंदिर का भूमि पूजन भी किया. उन्होंने कहा कि बस्तर क्षेत्र में धर्मांतरण को रोकने के लिए वे सनातन धर्म के प्रति जागरूकता बढ़ाने का काम करेंगे. “हम लोगों को हिंदुत्व के प्रति जागरूक करेंगे और उन्हें बताएंगे कि उनकी संस्कृति और धर्म को किस तरह से खतरा है,” उन्होंने कहा.
उन्होंने यह भी बताया कि कांकेर में हाल ही में 11 लोगों की घर वापसी हुई है. शास्त्री ने कहा, “जब उनसे पूछा गया कि धर्म परिवर्तन कब हुआ था, तो किसी ने 2019 कहा, किसी ने 2021, और किसी ने 2020 का साल बताया. यह दुखद है कि भोले-भाले लोगों को बरगलाया गया और धर्मांतरण के इस खेल में विदेशी ताकतें भी शामिल हैं. हम इस धर्मांतरण को रोकने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे.”
बस्तर में बढ़ रहे अपराधों पर भी उन्होंने चिंता जताई. उन्होंने कहा कि शिक्षा का अभाव इन अपराधों की जड़ में है, और यदि शिक्षा का प्रसार किया जाए तो अपराधों में कमी लाई जा सकती है. “प्रदेश में अपराध कम होगा, तो विकास की गति भी तेज होगी,” शास्त्री ने कहा. उन्होंने साफ किया कि शिक्षा के अभाव में ही लोग आसानी से बहकावे में आ जाते हैं और अपराध की राह पकड़ लेते हैं.
धर्मांतरण के नाम पर आदिवासी संस्कृति को खत्म करने के सवाल पर धीरेंद्र शास्त्री ने इसे एक “सुनियोजित साजिश” करार दिया. उन्होंने कहा कि एशिया का सबसे बड़ा चर्च जशपुर में स्थित है, और वहां भी धर्मांतरण के लिए बड़े पैमाने पर प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा, “हम उनके खिलाफ नहीं हैं, लेकिन जो लोग लालच देकर आदिवासियों का धर्म परिवर्तन करवा रहे हैं, हम उनके खिलाफ जरूर हैं.”
महाकुंभ में मुस्लिम दुकानों पर रोक लगाने की मांग पर बोलते हुए शास्त्री ने कहा, “यह हमारा धार्मिक आयोजन है. जैसे अन्य धर्मों के प्रमुख स्थलों पर हमें प्रवेश नहीं मिलता, वैसे ही हमारे कुंभ मेले में भी हमें वही रुख अपनाना चाहिए. यह सनातन धर्म की महिमा है, और हमारे संत जो भी निर्णय लेंगे, हम उसमें सहमत हैं.”
धीरेंद्र शास्त्री ने जोर देकर कहा कि वे किसी धर्म विशेष के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि वे उन मानसिकताओं के खिलाफ हैं जो नफरत और अमानवीय कृत्यों को बढ़ावा देती हैं.
(एजेंसी इनपुट के साथ)