Rampur-Azamgarh Bypoll: अखिलेश ने अपने दम पर कोई चुनाव जीता? ओम प्रकाश राजभर ने फिर सपा प्रमुख पर साधा निशाना
Rampur-Azamgarh Bypoll: उत्तर प्रदेश के रामपुर और आजमगढ़ में हुए लोकसभा उपचुनाव में सपा की हार पर अखिलेश यादव को उनके सहयोगी दल के नेता ने ही सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है.
Rampur-Azamgarh Bypoll: उत्तर प्रदेश में हाल ही में हुए लोकसभा उपचुनावों में सपा को मिली हार सपा प्रमुख अखिलेश यादव के लिए गले की फांस बनती जा रही है. अखिलेश अपनों के बीच ही भरोसा खोने लगे हैं. हार को लेकर एक बार उनके प्रमुख सहयोगी ओमप्रकाश राजभर ने उनपर निशाना साधा है.
ओमप्रकाश राजभर का अखिलेश से सवाल
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने अखिलेश की ओर इशारा करते हुए सवाल किया है कि क्या वह अपने दम पर कोई चुनाव जीते हैं? याद दिला दें कि ओमप्रकाश राजभर की पार्टी ने विधानसभा चुनावों में छह सीटें जीती थीं. राजभर ने कहा कि अखिलेश यादव 2012 में अपने पिता मुलायम सिंह यादव की कृपा के कारण मुख्यमंत्री बने थे. 2012 का चुनाव मुलायम सिंह यादव के मजबूत नेतृत्व में लड़ा गया था.
अपने ही गढ़ में सपा को मिली हार
समाजवादी पार्टी के गढ़ माने जाने वाले आजमगढ़ और रामपुर में हार के बारे में एक सवाल के जवाब में राजभर ने कहा कि इस चुनाव में भी वह (अखिलेश यादव) हार गए. समाजवादी पार्टी खुद को नुकसान पहुंचा रही है. एक पार्टी जिसका मुखिया चुनाव में प्रचार नहीं करता है, वह पार्टी कौन सा चुनाव लड़ेगी? उसे एसी कमरों से बाहर निकलकर जमीन पर जाना चाहिए. अगर आप एसी कमरों में बैठेंगे तो कोई भी आपका साथ नहीं देगा.
राजभर ने अखिलेश पर कसा तंज
पिछले महीने भी राजभर ने अखिलेश यादव पर एसी कमरों का ताना मारा था. हालांकि उन्होंने जोर देकर कहा कि वह गठबंधन नहीं छोड़ेंगे. राजभर ने कहा, 'अखिलेश यादव ने कितने गांवों का दौरा किया है? उन्होंने कितने जमीनी नेतृत्व का निर्माण किया है? उन्हें मुलायम सिंह यादव और (चाचा) शिवपाल यादव से पूछना चाहिए, वे उन्हें (अखिलेश यादव) ब्लॉक और गांवों के बारे में बताएंगे.
भाजपा से अलग हो गए थे ओपी राजभर
बता दें कि राजभर की पार्टी का पूर्वी यूपी में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के बीच काफी प्रभाव है. वह विधानसभा चुनाव से पहले अखिलेश यादव द्वारा अपनी पार्टी के यादव-मुस्लिम मूल आधार को जोड़ने के लिए बनाए गए गठबंधन का हिस्सा थे. 2017 में राजभर ने भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन के हिस्से के रूप में विधानसभा चुनाव लड़ा था. लेकिन उन्होंने अप्रैल 2019 में लोकसभा चुनाव के बीच में नाटकीय रूप से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लखनऊ आवास में सुबह 3 बजे त्याग पत्र के साथ पहुंचे थे. उन्होंने कहा था कि भाजपा द्वारा, विशेष रूप से योगी आदित्यनाथ द्वारा उन्हें अनदेखा किया जा रहा है. चुनाव लड़ने के लिए अपेक्षित सीटें नहीं दिए जाने से पार्टी नाराज है.
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