Bantoge to Katoge: दिवाली के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात पहुंचे और उन्होंने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर उनको श्रद्धांजलि दी. यहां अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने एक लाइन बोली, जो काफी हद तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बंटोगे तो कटोगे से मेल खाली है. 


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चलिए पहले आपको बताते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी ने भाषण में क्या बोला. दरअसल पीएम मोदी स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के पास एक सभा को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने इस दौरान कहा, 'भारत के अंदर और बाहर कुछ ताकतें देश को अस्थिर करने और दुनिया में इसकी नकारात्मक छवि बनाने के लिए अराजकता फैलाने की कोशिश कर रही हैं. वे देश को जाति के आधार पर बांटने की कोशिश कर रहे हैं और विकसित भारत के खिलाफ हैं.'


'अर्बन नक्सलियों का करना होगा पर्दाफाश'


पीएम ने 'अर्बन नक्सलियों' के इस गठजोड़ की पहचान करने की बात कहते हुए कहा कि ये लोग देश को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. पीएम ने कहा, 'जैसे-जैसे जंगलों में नक्सलवाद खत्म हो रहा है, अर्बन नक्सलियों का एक नया मॉडल पनप रहा है. आज अर्बन नक्सली उन लोगों को भी निशाना बना रहे हैं जो कहते हैं कि अगर आप एकजुट रहेंगे तो सुरक्षित रहेंगे. हमें अर्बन नक्सलियों की पहचान कर उनका पर्दाफाश करना होगा.'


यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लोगों से एकजुट होने को कह रहे हैं. इससे पहले अगस्त में हरियाणा चुनाव के दौरान यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी बांग्लादेश के हालातों का हवाला देते हुए लोगों से कहा था कि जो गलतियां वहां हुईं, यहां नहीं होनी चाहिए. कुछ भी देश से बड़ा नहीं है. देश तभी आगे बढ़ेगा, जब हम एकजुट रहेंगे. बटेंगे तो कटेंगे. 


2027 में भी नारे को इस्तेमाल करेगी बीजेपी


सीएम योगी का यह नारा सुपरहिट रहा और अब बीजेपी इसे ना सिर्फ यूपी उपचुनाव बल्कि 2027 के चुनावों में भी इस्तेमाल करना चाहती है. और अब प्रधानमंत्री ने भी एक हैं तो सेफ हैं, कहकर इशारों-इशारों में इस नारे पर मुहर लगा दी है. 


दरअसल बीजेपी नहीं चाहती कि हिंदू वोटों का विभाजन हो. विकास कार्यों का तो बीजेपी हवाला हर चुनाव में देती ही रही है, लेकिन हिंदुत्व के मुद्दे को वह और भुनाने में जुटी हुई है. योगी आदित्यनाथ के इसी नारे के साथ पोस्टर यूपी में अलग-अलग जगहों पर नजर आ रहे हैं. दूसरी ओर समाजवादी पार्टी जैसे विपक्षी दलों ने बीजेपी के इस नारे पर हमला करना शुरू कर दिया है. 


संघ भी लगा चुका है मुहर


जबकि आरएसएस भी योगी आदित्यनाथ के इस बयान को अपना समर्थन देते हुए हिंदू एकजुटता की बात कह चुका है. दरअसल यूपी उपचुनाव बीजेपी और सपा के लिए नाक की लड़ाई बन चुका है. बीजेपी किसी भी कीमत पर 9 सीटों पर होने वाली लड़ाई को जीतना चाहती है. वहीं दूसरी ओर, अखिलेश यादव की सपा भी इन सीटों के लिए पूरी ताकत झोंके हुए हैं. ऐसे में बीजेपी की स्ट्रैटजी यही है कि हिंदू वोट ना बंटें और उसे लोकसभा चुनाव की तरह सूबे में कम सीटों का मुंह ना देखना पड़े. 


दरअसल यूपी में कटेहरी, करहल, गाजियाबाद, मीरापुर, मझवां, सीसामऊ, खैर, फूलपुर और कुंदरकी सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं. इनमें से 8 सीटें ऐसी हैं, जिनके विधायक जीतकर सांसद बन चुके हैं.  


इन सीटों पर होना है उपचुनाव


इन खाली हुई सीटों में से पांच- मिल्कीपुर, कुंदरकी, करहल, कटेहरी और सीसामऊ सपा के पास थीं, जबकि गाजियाबाद, मझवां, खैर, फूलपुर पर बीजेपी का कब्जा था. मीरापुर सीट आरएलडी के पास थी. उपचुनावों के लिए वोटिंग 13 नवंबर को होगी, जिसके नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे. मिल्कीपुर सीट पर फिलहाल उपचुनाव नहीं हो रहा है. 


 बीजेपी चाहती है कि वह इन सीटों पर अपना प्रदर्शन बेहतर करे ताकि सूबे में उसकी स्थिति और मजबूत हो. ऐसे में उसके लिए जरूरी है कि हिंदू जातियां आपस में ना बंटे. इसी वजह से चाहे सीएम योगी हो या पीएम मोदी या फिर आरएसएस, सभी हिंदुओं से एकजुट होने की बात कह रहे हैं. यह नारा यूपी उपचुनाव और फिर 2027 में कितना काम करेगा, यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन फिलहाल तो पीएम मोदी ने योगी आदित्यनाथ के नारे को पास कर दिया है.