Dinesh Pratap Singh: केरल की वायनाड लोकसभा सीट से उम्मीदवार कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के खिलाफ उत्तर प्रदेश में राज्य मंत्री दिनेश प्रताप सिंह द्वारा बुधवार को आपत्तिजनक बयान दिये जाने से विवाद पैदा हो गया. टिप्पणी के विरोध में कांग्रेस के एक पदाधिकारी अनिल यादव ने लखनऊ स्थित सिंह के सरकारी बंगले के गेट पर अपशब्द लिख दिये. राज्य मंत्री ने अपनी टिप्पणी को जायज ठहराते हुए कहा कि उन्होंने अपने 'अधिकार' का इस्तेमाल करते हुए वह टिप्पणी की थी. 


बिना किसी का नाम लिए लिखा


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असल में उन्होंने कांग्रेस के शीर्ष नेताओं को 'पलायनवादी' और 'परजीवी' भी करार दिया. विवाद तब शुरू हुआ जब रायबरेली से ताल्लुक रखने वाले और पहले कांग्रेस में रहे राज्य मंत्री दिनेश सिंह ने ट्विटर पर बिना किसी का नाम लिए एक पोस्ट में लिखा कि 'अन्तत: लड़की लड़ नहीं पायी और भाग ही गई, वहां जहां लड़ना न पड़े. बूढ़ी जो हो गई.'



कांग्रेस नेता ने जवाब में गेट पर कालिख पोत दी


मंत्री की पोस्ट को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पर हमले के तौर पर देखा जा रहा है. इस टिप्पणी के विरोध में कांग्रेस प्रदेश महासचिव संगठन अनिल यादव ने काले स्प्रे पेंट से राज्य मंत्री दिनेश सिंह के लखनऊ स्थित सरकारी बंगले पर उनकी नेम प्लेट पर कालिख पोत दी और गेट पर 'चोर, बेईमान' भी लिख दिया. बाद में संवाददाताओं से बातचीत में यादव ने कहा कि उनकी पार्टी की नेता के खिलाफ ऐसी कोई भी टिप्पणी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. इस संबंध में अब तक कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है.


इस बीच, राज्य मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने अपनी टिप्पणी को जायज ठहराते हुए न्यूज एजेंसी से कहा कि मैंने ट्वीट किया था, यह मेरा अधिकार है. भारत का नागरिक होने के नाते मैंने प्रियंका गांधी से सवाल किया था कि आपके गांधी परिवार का कोई भी व्यक्ति आखिर दिल्ली से चुनाव क्यों नहीं लड़ता है. उन्होंने कहा कि उनको भय है कि दिल्ली में हमारी मुहब्बत की दुकान नहीं चलेगी. इसीलिये ये दुकान नहीं खोलते हैं और कहीं न कहीं चले जाते हैं तो हमने सवाल जरूर किया कि आप तो वायनाड चली गयीं. 


उन्होंने यह भी कहा कि आप तो उत्तर प्रदेश की पार्टी प्रभारी के रूप में यहां पर आयीं और बड़े-बड़े नारे दिए कि मैं लड़की हूं, लड़ सकती हूं, मगर वह इतनी जल्दी पलायन कर गयीं. उम्मीद नहीं थी कि आप उत्तर प्रदेश छोड़ देंगी. मैंने तो एक नागरिक के रूप में सवाल पूछा था जिसका जवाब नहीं देकर पलायनवादी प्रियंका गांधी के कुछ नेता आये और उन्होंने गेट पर स्याही से कुछ लिख दिया. तो मैं यही समझता हूं कि जैसी नेता होंगे वैसे ही कार्यकर्ता होंगे. मैं नहीं समझता कि हमें ऐसे हल्के लोगों पर कोई चर्चा करनी चाहिये.


यहीं नहीं रुके दिनेश प्रताप सिंह..


इतना ही नहीं उन्होंने कांग्रेस के शीर्ष नेताओं को पलायनवादी करार देते हुए कहा कि सोनिया गांधी भी रायबरेली छोड़कर राजस्थान चली गयीं, पलायन किया. प्रियंका गांधी रायबरेली छोड़कर वायनाड चली गयीं. राहुल गांधी भी अमेठी छोड़कर रायबरेली आ गये. तो भागते-भागते हैं, ये लोग पलायनवादी हैं. वैसे ही उनके कार्यकर्ता होंगे जो चुपके से अपना काम करके चले गये. आखिर आप कब तक परजीवी रहेंगी. आपका परिवार कब तक दूसरों की बदौलत परजीवी रहेगा. एक बार खुद को दिल्ली में आजमाएं.


बता दें कि दिनेश सिंह ने इसी साल लोकसभा चुनाव रायबरेली से भाजपा के टिकट पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ लड़ा था लेकिन हार गए थे. उधर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने मंत्री की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये यूपी सरकार में मंत्री और बुरी तरह संसदीय चुनाव हारे हुए भाजपा नेता दिनेश सिंह हैं. महिलाओं के बारे में इनकी भाषा और ख्याल देखिये. महिलाएं चुनाव लड़ने के लिये जब उतरती हैं तो उन्हें सैकड़ों ऐसे बदमाश किस्म के लोगों की घटिया भाषा सुननी पड़ती है.