Prashant Kishor पर दिनेश त्रिवेदी का निशाना, कहा- मेरे Twitter से ट्वीट वे करते थे, बदनामी मेरी हो रही थी
हाल ही में तृणमूल कांग्रेस (TMC) से इस्तीफा देने वाले दिनेश त्रिवेदी (Dinesh Trivedi) ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) और ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ( Abhishek Banerjee) पर निशाना साधा है.
कोलकाता: पूर्व तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता दिनेश त्रिवेदी (Dinesh Trivedi) ने पार्टी से इस्तीफा देने के बाद चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) और ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ( Abhishek Banerjee) पर निशाना साधा है. इसके साथ ही उन्होंने टीएमसी (TMC) छोड़ने की वजहें बताई है और आरोप लगाया कि बंगाल में हिंसा व भ्रष्टाचार सौ गुना ज्यादा बढ़ गई है.
दिनेश त्रिवेदी का प्रशांत किशोर पर आरोप
हिन्दुस्तान टाइम्स से बात करते हुए दिनेश त्रिवेदी (Dinesh Trivedi) ने प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) पर उनका ट्विटर अकाउंट पर कब्जे में लेने का आरोप लगाया और कहा कि उनके हैंडल से अपशब्द ट्वीट वे करते थे, बदनामी मेरी हो रही थी. उन्होंने कहा, 'प्रशांत किशोर की टीम के पास टीएमसी नेताओं के सोशल मीडिया अकाउंट के पासवर्ड तक हैं.'
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क्या प्रशांत की टीम करती थी ट्वीट?
इस सवाल पर दिनेश त्रिवेदी (Dinesh Trivedi) ने कहा, 'मुझे नहीं पता कि कौन ट्वीट करता था, लेकिन कई बार मेरे भी अकाउंट पर मैंने अपमानजनक ट्वीट देखे. इसके बाद मैंने उन्हें हटाने के लिए कहा या मुझे डिलीट करना पड़ा. राज्यपाल ने भी यह महसूस किया कि दिनेश ऐसी अपमानजनक भाषा का उपयोग नहीं कर सकते हैं.' दिनेश त्रिवेदी ने आगे कहा, 'एक दिन उन्होंने हिंदी में ट्वीट किया और पीएम के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल किया. सबसे पहले मैं हिंदी में ट्वीट नहीं करता और यह मेरी भाषा नहीं है. मेरी छवि धूमिल होगी.'
क्या ममता करती हैं अभिषेक बनर्जी की तरफदारी
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के भतीजे अभिषेक बनर्जी के बारे में पूछे जाने पर दिनेश त्रिवेदी (Dinesh Trivedi) ने कहा कि वह बहुत ही अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हैं जो कि संस्कृति के अनुरूप नहीं है. क्या ममता ममता बनर्जी अभिषेक को बढ़ावा देती हैं? इस सवाल पर दिनेश त्रिवेदी ने कहा, 'मैं इस रूट पर नहीं जाना चाहता, लेकिन सोचता हूं कि भारत में वह समय आ गया है कि हमें इस पारिवारिक व्यवसाय से बाहर निकलना चाहिए. आपको वामपंथियों और भाजपा को भी श्रेय देना चाहिए कि उनके पास भाई-भतीजावाद नहीं हैं.