Calcutta High Court: पश्चिम बंगाल फर्जी जाति प्रमाणपत्र ‘घोटाला’ केस में कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय और जस्टिस सौमेन सेन के बीच विवाद का संज्ञान लेते हुए सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने शनिवार के दिन विशेष सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाई कोर्ट में चल रही किसी भी तरह की कार्यवाही पर रोक लगा दी.


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सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस गंगोपाध्याय के सीबीआई जांच के आदेश पर रोक लगाई. इसके अलावा अदालत  ने जस्टिस सौमेन सेन की बेंच में चल रही सुनवाई पर रोक लगाई.


सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार के अलावा इस केस में CBI जांच की PIL दायर करने वाले याचिकाकर्ता को भी नोटिस जारी किया. शीर्ष अदालत में सोमवार को आगे की सुनवाई होगी.


क्या है पूरा मामला?
दरअसल कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने बुधवार सुबह एक आदेश पारित कर पश्चिम बंगाल पुलिस से मामले से संबंधित दस्तावेज सीबीआई को सौंपने को कहा था.


इसके बाद जस्टिस सौमेन की अध्यक्षता वाली हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने 25 जनवरी को जस्टिस गंगोपाध्याय के आदेश को निरस्त कर दिया.


मामला यही खत्म नहीं हुआ. जस्टिस गंगोपाध्याय की सिंगल बेंच ने उसी दिन डबल बेंच के आदेश की उपेक्षा करते हुए सीबीआई को तुंरत जांच करने का आदेश सुना दिया.


यहीं नहीं, जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने जस्टिस सेन पर ‘राज्य में एक राजनीतिक दल विशेष के लिए काम करने’ का भी आरोप भी लगाया.


सुप्रीम कोर्ट ने मसले पर स्वत: संज्ञान लिया
सुप्रीम कोर्ट ने इस मसले पर स्वत: संज्ञान लेकर विशेष सुनवाई की. शनिवार को अदालत  में हुई सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वह इस केस के ज्यादा विस्तार में नहीं जाना चाहते लेकिन सुप्रीम कोर्ट को यह देखना चाहिए कि किस तरह सिंगल बेंच के आदेश की कॉपी और मेमोरेंडम आफ अपील के बिना ही दो जजों की बेंच ने सिंगल जज के आदेश पर रोक लगाई.