DMK में विरासत की जंग : करुणानिधि की विरासत संभालेंगे एमके स्टालिन, बने अध्यक्ष
दिवंगत डीएमके नेता एम. करुणानिधि के बेटे और उनके राजनीतिक वारिस एमके स्टालिन का मंगलवार को डीएमके पद पर चुनाव होना लगभग तय माना जा रहा था.
चेन्नई : चेन्नई स्थित पार्टी मुख्यालय पर द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (डीएमके) की जनरल काउंसिल की बैठक चल रही है. एम.के.स्टालिन को मंगलवार को पार्टी की जनरल काउंसिल की बैठक में निर्विरोध द्रमुक (द्रविड़ मुनेत्र कड़गम) का अध्यक्ष चुना गया. एमके स्टालिन के दूसरे अध्यक्ष हैं. यह पद उनके पिता व पांच बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे एम.करुणानिधि के निधन से खाली हुआ था. उनके दिवंगत पिता एम.करुणानिधि पार्टी के अध्यक्ष के पद पर 49 सालों तक बने रहे.
निर्विरोध चुने गए अध्यक्ष
आम सभा की बैठक में द्रमुक के महासचिव के. अंबाजगन ने कहा कि स्टालिन को निर्विरोध चुन लिया गया है. पार्टी प्रमुख के पद के लिए 26 अगस्त को नामांकन भरने वाले वह एकमात्र उम्मीदवार थे. पार्टी अध्यक्ष और पिता एम. करूणानिधि की मृत्यु के तीन सप्ताह बाद 65 वर्षीय स्टालिन को द्रमुक प्रमुख चुना गया है. करूणानिधि का सात अगस्त को निधन हो गया था.
एम के अलागिरी ने दी थी धमकी
हालांकि स्टालिन के बड़े भाई और द्रमुक से निष्कासित नेता एम. के. अलागिरी ने धमकी दी थी कि यदि उन्हें पार्टी में वापस नहीं लिया गया तो इसके अंजाम सही नहीं होंगे. द्रमुक के प्रधान सचिव दुरई मुरूगन को पार्टी का नया कोषाध्यक्ष चुना गया है. वह स्टालिन की जगह लेंगे, जिनके अध्यक्ष बनने के कारण पार्टी कोषाध्यक्ष का पद रिक्त हो गया है.
करुणानिधि और वाजपेयी को दी श्रद्धांजलि
बैठक की शुरुआत में सभी डीएमके नेताओं और विधायकों ने तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि, देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी, पूर्व टीएन गुवा सुरजीत सिंह बरनाला और पूर्व संयुक्त राष्ट्र सीसी जनरल को दो मिनट मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की.
उनके विरोध में कोई नामांकन नहीं हुआ था. वह पार्टी के एक मात्र अध्यक्ष पद के उम्मीदवार थे.