नई दिल्ली: कई बार आपको ऐसा लगता होगा कि आपका मोबाइल फोन स्लो हो गया है या कई बार आपका फोन हैंग भी हो जाता है. वहीं 3 से 4 घंटे तक इस्तेमाल करने के बाद ही आपको लगता होगा कि मोबाइल फोन की बैटरी खत्म हो जाती है. फिर जब आप अपने मोबाइल फोन (Mobile Phone) को सर्विस सेंटर लेकर जाते होंगे तो वहां यही बताया जाता है कि सबकुछ ठीक है.


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लेकिन हो सकता है कि आप जिस कंपनी का मोबाइल फोन इस्तेमाल कर रहे हैं वो कंपनी जानबूझकर आपके मोबाइल फोन की परफॉर्मेंस को स्लो यानी धीमा कर रही हो. ऐसा ही आरोप आईफोन का निर्माण करने वाली कंपनी एपल (Apple) पर लगा है और अपनी चोरी पकड़े जाने के बाद अब एपल इसके लिए लगभग 837 करोड़ रुपए का जुर्माना देने के लिए तैयार हो गया है. अमेरिका के 30 से अधिक राज्यों ने इसे ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी मानते हुए आईफोन की निर्माता कंपनी एपल के खिलाफ जांच शुरू की थी. 


इस जांच का नेतृत्व अमेरिका के एरिजोना राज्य ने किया और वहां की अदालत में 18 नवंबर को ये फैसला आया है. 



इससे पहले एक और मामले में एपल को लगभग 3 हजार 700 करोड़ रुपए का मुआवजा देना है. इस मामले में भी एपल पर आईफोन को स्लो करने का आरोप था और ये मुकदमा अमेरिका के कैलिफोर्निया की एक अदालत में चल रहा था. अब कुल मिलाकर ये कंपनी 4 हजार 500 सौ करोड़ रुपए का मुआवजा देगी. दुनिया में ये स्कैंडल Battery-Gate के नाम से प्रचलित है और इस बात का खुलासा वर्ष 2017 में हुआ था. आप इसे Apple की बैटरी वाली बेईमानी भी कह सकते हैं.


Apple ने खुद अपने ग्राहकों को ये जानकारी नहीं दी थी
वर्ष 2017 में मोबाइल फोन के प्रोससर की स्पीड मापने वाली एक सॉफ्टवेयर कंपनी ने ये दावा किया था कि जैसे जैसे आईफोन की बैटरी पुरानी होती जाती है. वैसे वैसे आईफोन स्लो होने लगते हैं और इसकी बैटरी जल्दी डिस्चार्ज होने लगती है. कुछ आईफोन तो अचानक बंद भी हो जाते हैं. यानी Apple ने खुद अपने ग्राहकों को ये जानकारी नहीं दी थी.


- Apple ने जवाब में कहा है कि उसने पुराने आइफोन्स को अचानक बंद होने से बचाने के लिए ऐसा किया था.
- हालांकि Apple पर आरोप है कि उसने जानबूझकर ऐसा किया ताकि उसके ग्राहक अपने पुराने आईफोन के बदले नया मोबाइल फोन खरीदने के लिए मजबूर हो जाएं.


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- अब Apple ने iphone को Slow करने के लिए माफी मांगी है और उनकी बैटरी को कम कीमत पर Replace करने के लिए भी तैयार हो गई


- मोबाइल फोन को धीमा करने के आरोप सामने आने के बाद फ्रांस की सरकार भी Apple पर 200 करोड़ रुपये का जुर्माना लगा चुकी है.