लॉकडाउन (Lock Down) की वजह से आप में से बहुत सारे लोग Work From Home कर रहे होंगे. लेकिन आज देश भर के करोड़ों लोगों ने Worship From Home को भी अपनाया. यानी नवरात्रि के पहले दिन देश के करोड़ों लोगों ने आज घरों पर ही पूजा की, प्रार्थना की. क्योंकि कोरोना वायरस (Corona Virus) की वजह से देश के तमाम मंदिर भी लॉकडाउन हैं. इसलिए आज हम आध्यात्म की मदद से भी इस लॉकडाउन के महत्व को समझने की कोशिश करेंगे.महाभारत के युद्ध में पांडवों ने लगातार 18 दिनों तक कौरवों के खिलाफ युद्ध किया था. इस दौरान पांडवों ने संकल्प और संयम का परिचय दिया और अंत में वो विजयी हुए. भारत भी 21 दिनों का एक युद्ध लड़ रहा है लेकिन देशवासियों के सामने कौरव नहीं बल्कि कोरोना वायरस है. आज प्रधानमंत्री मोदी ने भी कहा कि अगर भारतीय 21 दिनों का ये युद्ध पूरी ईमानदारी से लड़ेंगे तो जीत 135 करोड़ भारतीयों की ही होगी.


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नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है और कहा जाता है कि मां शैलपुत्री पिछले जन्म में सती थीं. सती के पिता प्रजापति दक्ष ने एक महायज्ञ का आयोजन किया. लेकिन उसमें शिवजी को आमंत्रित नहीं किया. लेकिन सती इस यज्ञ में जाने के लिए व्याकुल थीं और अपने परिवार से मिलना चाहती थीं. शिवजी ने उन्हें बाहर जाने से मना किया था. सती की जिद के आगे भगवान शिव झुक गए और उन्होंने. उन्हें जाने की अनुमति दे दी. लेकिन अपने पिता के घर उनका अपमान हुआ और शिव जी का भी उपहास उड़ाया गया. इससे व्यथित होकर सती ने यज्ञ की अग्नि में कूद कर अपने प्राण दे दिए. इसके बाद भगवान शिव क्रोध की ज्वाला में जलने लगे और तांडव करने लगे . पूरी प्रृथ्वी पर प्रलय का संकट आ गया. इसके बाद भगवान शिव देवताओं द्वारा विनती किए जाने के बाद शांत हो गए और संकट टल गया.


ये कहानी हम आपको एक संदेश देने के लिए सुना रहे हैं. मां सती अगर उस दिन शिव जी का कहना मानतीं और घर से बाहर नहीं जातीं. तो शायद पूरी पृथ्वी पर विनाश का संकट नहीं आता. ये एक पौराणिक कहानी है. लेकिन इसके ज़रिए आप कोरोना वायरस के खतरे को समझ सकते हैं. अगर आप घर से बाहर कदम रखेंगे तो ये सिर्फ आपके लिए ही नहीं बल्कि आपके परिवार, पूरे देश और यहां तक की पूरी दुनिया के लिए भी खतरा बन जाएगा.


इसलिए नवरात्रि के पहले दिन संकल्प कीजिए कि अगले 21 दिनों आप सयंम और अनुशासन में रहते हुए अपनी और दूसरों के प्राणों की रक्षा करेंगे. अध्य़ात्म की बात हो रही है तो आपको बता दें कि भारत सरकार लॉकडाउन के दौरान दूरदर्शन पर रामायण और महाभारत जैसे सीरियल्स के प्रसारण पर विचार कर रही है. आज दिन भर सोशल मीडिया पर लोग इसकी मांग करते रहे और अब सरकार जल्द ही इस दिशा में कदम उठा सकती है.


जिस दौर में टीवी पर ये सीरियल्स आते थे. उस दौर में सड़कों पर कर्फ्यू जैसी स्थिति हो जाती है. और शायद यही वजह है कि इन सीरियल्स के प्रसारण पर विचार किया जा रहा है. अब आपको 80 के दशक में आए प्रसिद्ध रामायण सीरियल का एक सीन देखना चाहिए. इस सीन में एक बहुत बड़ी सीख भी छिपी है. 21 दिन के लॉकडाउन से देश के सामने बड़ी चुनौतियां हैं. आज केंद्रीय कैबिनेट ने कुछ बड़े फैसले किए हैं. ये जानकारी आपके लिए ज़रूरी है.


Public Distribution System (PDS) के तहत राशन की दुकानों में अब आपको 2 किलोग्राम अतिरिक्त अनाज मिलेगा. पहले सस्ती दरों पर सरकार 5 किलोग्राम अनाज देती थी. अब 7 किलोग्राम अनाज दिया जाएगा. 27 रुपये प्रति किलोग्राम की कीमत वाला गेहूं 2 रुपये प्रति किलोग्राम दिया जाएगा. और 32 रुपये प्रति किलोग्राम की कीमत वाला चावल 3 रुपये प्रति किलोग्राम में मिलेगा.


PDS सिस्टम के ज़रिए देश के 80 करोड़ लोगों को मदद होगी. सभी राज्य एडवांस में केंद्र सरकार से 3 महीने का राशन ले सकते हैं. केंद्र सरकार के पास 435 लाख टन सरप्लसअनाज है. सरकार ने भरोसा दिया है कि किसी ज़रूरी सामान की कमी नहीं होने दी जाएगी. लोगों को ज़रूरत की चीज़ें मिलती रहेगी. इसलिए किसी अफवाह के फेर में ना पड़ें. यहां हम आपको कोरोना वायरस के खिलाफ दुनिया की लड़ाई को लेकर एक अपडेट देना चाहते हैं. कल G-20 देशों की एक वीडियो कॉन्फ्रेंस हैं. जिसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग एक साथ मौजूद रहेंगे और कोरोना वायरस को लेकर बनाई जा रही रणनीति पर चर्चा करेंगे.


भारत में HD की शुरुआत 2010 में हुई थी
आज भारत में Lock Down का पहला दिन है और उस नए युग का भी पहला दिन है. जिसमें आप आज से प्रवेश कर गए हैं. आज से आपकी दुनिया बदल गई है और अब आपको नए तौर तरीके अपनाने ही होंगे. पहला बड़ा बदलाव ये आया है कि अब आप भारत में Online Streaming Platforms पर HD यानी High Definition Quality में Videos नहीं देख पाएंगे. अब अगले 21 दिनों तक आप सिर्फ Standard Definition यानी SD Quality में ही अपनी मन पसंद फिल्में, Series और Documenteries देख पाएंगे. भारत में HD की शुरुआत 2010 में हुई थी और भारत एक ही झटके में 10 साल पीछे चल गया है.


इन्हें OTT यानी Over The Top Media Service भी कहा जाता है. भारत की टेलीकॉम कंपनियों ने दूरसंचार विभाग से आग्रह किया था कि वो इस संबंध में निर्देश जारी करे. टेलीकॉम कंपनियों का कहना है कि Lock Down की वजह से भारत में Internet का प्रयोग बहुत बढ़ गया है और इससे Internet की गति काफी कम हो सकती है . इसलिए HD Quality की जगह SD Quality को अपनाया जाए.


सरकार की एडवाइजरी के बाद देश के बड़े OTT Players ने SD Quality में ही Streaming सुविधा देने का फैसला किया है. इनमें Amazon Prime Video, Youtube, Netflix, Hotstar और Zee 5 जैसे Platforms शामिल हैं. जब आप High Definition पर कोई वीडियो देखते हैं तो ये आमतौर पर 720 से 1080 पिक्सल का होता है. जबकि SD Videos 480 पिक्सल के होते हैं. यानी HD में आप High Resolution पर तस्वीरें देख सकते हैं, जबकि SD में इसकी गुणवत्ता कम हो जाती है.


High Definition और Ultra High Definition के इस्तेमाल से आपके Internet की Speed प्रभावित होती है और ऐसे Videos को Stream करने में समय लगता है . अगर एक साथ करोड़ों लोग HD Quality में Videos देखेंगे तो इंटरनेट पर भारी दबाव पड़ेगा और Internet सेवाएं बाधित भी हो सकती है. इसलिए तमाम OTT कंपनियां कुछ वक्त के लिए HD से SD पर चली गई हैं. अब आपको समझ आ गया होगा कि अगर आप Corona Virus को लेकर Standards यानी मानकों का पालन नहीं करेंगे तो आपको जीवन की गुणवत्ता पर भी इसका असर पड़ सकता है .


अगर आप Lock Down के नियमों का पालन नहीं करेंगे तो सरकार को इसे बढ़ाना पड़ेगा. अगर ऐसा हुआ तो सस्ते Internet जैसी सेवाएं सबको नहीं मिल पाएंगी. DATA महंगा हो जाएगा और सिर्फ कुछ ही लोग इसका इस्तेमाल कर पाएंगे. भारत Internet के मामले में भी 21 साल पीछे जा सकता है. 21 साल पहले भारत में 20 दिनों तक इंटरनेट का इस्तेमाल करने के लिए 25 हज़ार रुपये तक चुकाने पड़ते थे. और स्पीड आती थी सिर्फ 28 KBPS . इस स्पीड से आज अगर आप 50 MB का एक वीडियो भी डाउनलोड करेंगे तो आपको 4 घंटे 9 मिनट लग जाएंगे. 100 MB का वीडियो Download करने में आपको 8 घंटे 19 मिनट लगेंग . 1 घंटे की एक फिल्म आम तौर पर एक GB की होती है और इसे Download करने में आपको 3 दिन 11 घंटे और 13 मिनट लग जाएंगे. इसलिए अगर आप Internet के पाषाण युग में नहीं जाना चाहते तो लॉकडाउन के नियमों का पालन कीजिए. ताकि सबको सस्ता और तेज़ गति वाला इंटरनेट मिलता रहे.


DNA वीडियो:



हमें कोरोना वायरस के खतरे को समझना होगा
हमें कोरोना वायरस के खतरे को समझना होगा. इससे डरना होगा. क्योंकि प्रधानमंत्री ने 21 साल पहले चले जाने वाली बात यूंही नहीं की थी. अभी देश की GDP 204 लाख करोड़ रुपये है, 21 साल पहले GDP सिर्फ 17 लाख करोड़ रुपये थी. अभी देश में प्रति व्यक्ति आय 11 हज़ार 254 रुपये है, 21 साल पहले प्रति व्यक्ति आय सिर्फ 1400 रुपये थी. अभी देश की जनसंख्या 135 करोड़ है, 21 साल पहले देश की जनसंख्या करीब 100 करोड़ थी.  


यानी 21 दिन अगर हमने पूरे संकल्प से लड़ाई नहीं की, तो कोरोना वायरस हमें कंगाल कर देगा. इसमें सिर्फ जनसंख्या वाली बात पर ध्यान दिया जाए तो करीब 35 करोड़ लोग कम हो जाएंगे. ये डराने वाली बात है. जो लोग समझते हैं कि कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा. उन्हें हम एक वीडियो भी दिखाते हैं. तब शायद उन्हें समझ में आएगा कि खतरा कितना बड़ा है और आपकी लापरवाही क्या दिन दिखा सकती है.


लॉकडाउन को हल्के में लेना पड़ेगा पूरे देश पर भारी
कोरोना इतना बड़ा खतरा है कि अगर किसी एक व्यक्ति ने भी लॉकडाउन को हल्के में लिया तो ये पूरे देश पर भारी पड़ सकता है. इसलिए ये हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम लॉकडाउन के नियमों का गंभीरता से पालन करें और जबतक बेहद जरूरी ना हो, अपने घरों से बाहर ना निकलें. और जो अपनी इस जिम्मेदारी से भागेगा. उसे परिणाम भी भुगतना पड़ेगा. जिसका इंतजाम भी सरकार ने कर दिया है. लॉकडाउन के नियम ना मानने वालों पर आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51 के तहत कार्रवाई होगी.


लॉकडाउन तोड़ते पकड़े जाने पर 200 रुपये का जुर्माना और एक महीने की सजा हो सकती है. अगर नियम तोड़ने से किसी की जान जाती है या जान जाने का खतरा होता है तो दोषी पाए जाने पर दो साल तक की जेल हो सकती है. अगर कोरोना वायरस के बारे में अगर आप अफवाह फैलाते पकड़े गए तो एक साल जेल की हवा खानी पड़ सकती है. लोगों की सहायता के लिए दिए गए फंड में घोटाला करने वालों को भी दो साल तक की सजा हो सकती है. इसलिए जरूरी है कि आप लॉकडाउन के नियमों का पालन करें और हो सके तो दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें. और सजा से ना सही. कम से कम कोरोना वायरस से डरिये.