नई दिल्ली: आज हम दुनिया के सबसे बड़े खेल आयोजन टोक्यो ओलम्पिक्स के बारे में बात करेंगे. कल 13 जुलाई को राजनीति के सबसे बड़े खिलाड़ी प्रधानमंत्री मोदी ने ओलम्पिक्स में भाग लेने वाले भारतीय खिलाड़ियों के साथ संवाद किया.


पीएम मोदी का खिलाड़ियों से संवाद


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

प्रधानमंत्री मोदी ने इन खिलाड़ियों से ऐसी ऐसी बातें पूछी, जिनके बारे में आपको भी नहीं पता होगा.


प्रधानमंत्री ने बैडमिंटन खिलाड़ी पी.वी सिंधु से पूछा कि क्या रियो ओलम्पिक्स की तरह उन्होंने इस बार भी आइसक्रीम खानी छोड़ दी है? पहलवान विनेश फोगाट से उन्होंने पूछा कि क्या उन पर भी कोई फिल्म बनने वाली है? बॉक्सर मैरी कॉम से पीएम मोदी ने पूछा कि बॉक्सिंग में उनका सबसे मनपसंद पंच कौन सा है और टेबल टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्रा से पूछा कि वो अपने हाथ में तिरंगा पेंट करके क्यों खेलती हैं?  खिलाड़ियों ने भी इन सवालों के दिलचस्प जवाब दिए.


ओलम्पिक खेलों का इतिहास


अब हम आपको ये बताते हैं कि इस बार के ओलम्पिक्स में भारत के कितने मेडल जीतने की संभावनाएं हैं. इस बार के टोक्यो ओलम्पिक्स में भारत की तरफ से 120 खिलाड़ी खेलेंगे और ये भारत की तरफ से अब तक का सबसे बड़ा दल है. इससे पहले वर्ष 2016 के रियो ओलम्पिक्स में भारत की तरफ से 117 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था और तब भी ये एक रिकॉर्ड था. हालांकि बहुत कम लोगों को पता है कि भारत ने ओलम्पिक खेलों में सबसे कम खिलाड़ी कब भेजे थे.


ये बात वर्ष 1900 की है, जब भारत ने पहली बार ओ​लम्पिक्स में भाग लिया था और उस समय हमारा देश ब्रिटिश हुकूमत का गुलाम था. तब भारत की तरफ से एक खिलाड़ी ने ही इन खेलों में क्वालिफाई किया था और वो खिलाड़ी भी ब्रिटिश मूल के थे. उनका नाम Norman Pritchard था और उस समय उन्होंने पेरिस ओ​लम्पिक्स में दो मेडल जीते थे.


इसके बाद जब भी ओलम्पिक खेलों का आयोजन हुआ, भारत ने उसमें अपने खिलाड़ियों को जरूर भेजा. बड़ी बात ये है कि इस बार ये 120 खिलाड़ी कुल 18 खेलों में खेलेंगे और इनमें भी 102 खिलाड़ियों की उम्र 30 वर्ष से कम है. केवल 7 खिलाड़ी ऐसे हैं, जिनकी उम्र 35 वर्ष से ज्यादा है.


भारत ओलम्पिक खेलों में कितने मेडल जीत सकता है?


डेटा एनालिस्ट कंपनी ग्रेस नोट का अनुमान है कि इस बार भारत ओलम्पिक खेलों में कुल 17 मेडल जीत सकता है, जिनमें 4 गोल्ड, 5 सिल्वर और 8 बॉन्ज मेडल हो सकते हैं.


भारत को सबसे ज्यादा मेडल की उम्मीद तीरंदाजी, कुश्ती, बॉक्सिंग, एथ​लेटिक्स, शूटिंग, वेट लिफ्टिंग और हॉकी में है.



हॉकी में तो भारत अब तक 11 मेडल जीत चुका है, जिनमें 3 गोल्ड मेडल भारत ने तब जीते थे, जब हमारे देश में अंग्रेजी सरकार का शासन था और 8 मेडल आज़ादी के बाद जीते. हालांकि वर्ष 1980 के बाद से ओलम्पिक खेलों में कभी भी भारत को हॉकी में मेडल नहीं मिला और इस खेल में भारत का दबदबा खत्म हो गया.


हॉकी टीम से उम्मीदें


सोचिए, जिस खेल को भारत का राष्ट्रीय खेल माना जाता है, उसमें भारत पिछले 40 वर्षों में एक भी पदक नहीं जीता, लेकिन इस बार भारतीय हॉकी टीम से काफी उम्मीदें हैं. हॉकी में पुरुष और महिला दोनों को मिलाकर कुल 32 खिलाड़ी इस बार टोक्यो जाने वाले हैं. अगर इंडिविजुअल खेलों की बात करें तो सबसे ज्यादा खिलाड़ी एथलेटिक्स में हिस्सा लेंगे और इनमें भी नीरज चोपड़ा से इस बार देश को काफी उम्मीदें हैं. ऐसा कहा जा रहा है कि वो Javelin Throw में भारत के लिए गोल्ड या सिल्वर मेडल जीत सकते हैं.


मेडल के दावेदार 


एथलेटिक्स के बाद इंडिविजुअल खेलों में दूसरे स्थान पर शूटिंग है, जिनमें कुल 15 खिलाड़ी खेलेंगे. इनमें सौरभ चौधरी से देश को मेडल की काफी उम्मीदें हैं. सौरभ चौधरी की उम्र सिर्फ 19 साल है और वो शूटिंग की वर्ल्ड रैंकिंग में इस समय दूसरे स्थान पर हैं. वो 10 मीटर एयर पिस्टल की श्रेणी में खेलते हैं.


इसी श्रेणी में भारत की तरफ से अभिषेक वर्मा भी मेडल के दावेदार माने जा रहे हैं और वो इस समय दुनिया में शूटिंग की वर्ल्ड रैकिंग में पहले स्थान पर हैं. यानी 10 मीटर एयर पिस्टल में दुनिया के दो सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी भारत के हैं. ऐसे में उम्मीद है कि शूटिंग में भारत को इस बार दो गोल्ड मेडल मिल सकते हैं.


बॉक्सिंग में भारत की तरफ से 9 खिलाड़ी


बॉक्सिंग में भी भारत की तरफ से 9 खिलाड़ी खेलेंगे. इनमें 27 वर्षीय शिवा थापा से देश को मेडल जीतने की उम्मीदें हैं. शिवा थापा भारत के तीसरे ऐसे बॉक्सर हैं, जिन्होंने एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीता है. इसके अलावा वो वर्ल्ड बॉक्सिंग चैम्पियनशिप्स में भी मेडल जीत चुके हैं. शिवा थापा के अलावा बॉक्सिंग में देश को अमित पंगहल, विकास कृष्ण यादव, सिमरनजीत कौर और मैरी कॉम भी मेडल दिला सकते हैं.


मैरी कॉम तो 2012 के लंदन ओ​लम्पिक्स में ब्रॉन्ज मेडल भी जीत चुकी हैं और देश की इकलौती ऐसी महिला खिलाड़ी हैं, जिन्होंने बॉक्सिंग में देश को मेडल दिलाया है. यानी बॉक्सिंग में भी भारत इस बार कड़ी टक्कर देगा. बड़ी बात ये है कि पहली बार बॉक्सिंग में भारत की तरफ से सबसे ज़्यादा खिलाड़ी ओलम्पिक्स में खेलने वाले हैं.


कुश्ती में भी मेडल की उम्मीद


इसके अलावा कुश्ती में भी भारत को मेडल की उम्मीद है. कुश्ती में भारत के 7 खिलाड़ी मेडल के लिए मुकाबला करेंगे और इनमें बजरंग पुनिया से सबसे ज्यादा उम्मीदें हैं. बजरंग पुनिया 65 किलोग्राम की कैटेगरी में खेलते हैं और इस श्रेणी में वर्ल्ड रैंकिंग में पहले स्थान पर हैं. ऐसा कहा जा रहा है बजरंग पुनिया कुश्ती में भारत को गोल्ड मेडल भी दिला सकते हैं, जो आज तक नहीं हुआ.



कुश्ती में भारत की तरफ से पहली बार के.डी. जाधव ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था और वो इंडिविजुअल खेलों में ये भारत के लिए पहला मेडल था. अब तक भारत पिछले 121 वर्षों में कुश्ती में 5 मेडल ही जीत पाया है, जिनमें दो मेडल सुशील कुमार ने लगातार जीते थे.


5 खेल, जिनमें भारत की तरफ से सिर्फ एक खिलाड़ी होगा


इसके अलावा इस बार के टोक्यो में 5 खेल ऐसे भी हैं, जिनमें भारत की तरफ से सिर्फ एक खिलाड़ी होगा. ये खेल हैं, घुड़सवारी, फेंसिंग, जिमनास्टिक, जूडो और वेट लिफ्टिंग. इनमें घुड़सवारी में तो 20 वर्षों के बाद पहली बार कोई भारतीय खिलाड़ी भाग ले रहा है. इस खिलाड़ी का नाम फवाद मिर्ज़ा है, जो 29 साल के हैं.


एक और दिलचस्प जानकारी ये है कि 120 खिलाड़ियों के दल में महिला खिलाड़ियों की संख्या 53 है यानी कुल खिलाड़ियों में लगभग 45 प्रतिशत खिलाड़ी महिलाएं हैं और 55 प्रतिशत खिलाड़ी पुरुष हैं. इनमें भी सबसे कम उम्र के खिलाड़ी का नाम दिव्यांश सिंह पंवार है, जो सिर्फ 18 साल के हैं और शूटिंग में भारत के लिए खेलेंगे.