नई दिल्ली: कल हमने आपसे एक सवाल किया था कि अगर चुनाव में आपके सामने एक सख्त डॉक्टर और एक मिठाई वाला खड़ा हो और मिठाई वाला आपसे वादा करे कि वो आपको कुछ भी खाने की छूट देगा, आपको व्यायाम करने के लिए नहीं कहेगा और आपको किसी बात के लिए नहीं टोकेगा और आपको कड़वी गोलियां नहीं खानी पड़ेगी, जबकि दूसरी तरफ अगर डॉक्टर ये कहे कि आपको मीठा खाने से परहेज़ करना होगा, अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा और व्यायाम भी करना पड़ेगा तो शायद हमारे देश में मिठाई वाला आसानी से जीत जाएगा और लोग इसे लोकतंत्र की शानदार जीत बताने लगेंगे.


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लोकतंत्र यानी Democracy, एक ऐसी शासन व्यवस्था है, जो जनता को चुनाव की आज़ादी देती है और इस आजादी को ही लोकतंत्र का आधार माना जाता है. इसी आजादी के सहारे आपने अपने क्षेत्र में किसी न किसी नेता का चुनाव किया होगा, उसे जीत दिला कर कर देश की संसद या विधान सभा में भेजा होगा. हो सकता है आपने अपना चुनाव उस नेता के बारे में जानकारियां जुटाकर नहीं बल्कि सिर्फ अपने मूड के आधार पर कर दिया हो और बाद में आपको इसका अफसोस भी हुआ हो लेकिन चुनाव के बाद अफसोस का कोई फायदा नहीं होता.


और आज हम गलत चुनाव की इस प्रथा को एक नई खबर के जरिए समझने की कोशिश करेंगे.


दुनिया और भारत के लोगों ने इंटरनेट पर क्या सर्च किया?
इंटरनेट सर्च इंजन Google ने एक रिपोर्ट जारी की है.  इस रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्ष 2020 में दुनिया और भारत के लोगों ने इंटरनेट पर क्या सर्च किया. यानी इंटरनेट पर लोगों ने चुनने की आज़ादी का कैसे इस्तेमाल किया.


आपको लग रहा होगा इस साल भारत के लोगों ने कोरोना वायरस की खबरों को इंटरनेट पर ढूंढा होगा लेकिन सच ये है कि भारत के लोगों ने Corona की नहीं, बल्कि IPL की खबरों को इंटरनेट पर सबसे ज्यादा बार सर्च किया.


इस साल IPL का पहला मैच 19 सितम्बर को खेला गया था, उसी दिन भारत में एक दिन में Coronavirus के 92 हज़ार से ज़्यादा नए मामले आए थे. यानी भारत में उस समय स्थिति अच्छी नहीं थी. लेकिन ऐसी स्थिति में भी भारत के लोग इंटरनेट पर सिर्फ IPL के बारे में सर्च कर रहे थे.


आप कई दिनों से किसान आंदोलन की ख़बरें देख रहे हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि भारत के लोग किसानों के विषय पर इंटरनेट पर कितना सर्च करते हैं? वर्ष 2020 में लोगों ने प्रधानमंत्री किसान योजना से ज़्यादा IPL और अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के बारे में इंटरनेट पर सर्च किया.


दिल्ली में इसी वर्ष फ़रवरी महीने में नए नागरिकता कानून के ख़िलाफ़ हुए प्रदर्शनों के दौरान दंगे भड़क गए थे. आपको लग रहा होगा कि इस विषय के बारे में तो लोगों ने इंटरनेट पर दिन रात पढ़ा होगा. लेकिन आप हैरान रह जाएंगे कि इससे ज़्यादा लोगों ने ‘What is Binod’ सर्च किया? Binod सोशल मीडिया पर काफ़ी वायरल हुआ था.  ये एक Meme था, यानी भारत के लोगों ने क़ानून व्यवस्था से ज़्यादा एक Meme को समझने में अपना समय बिताया.


इसी तरह देश के लोग कोरोना वायरस से बचने के तरीके नहीं,  इंटरेनट पर पनीर बनाने की विधियां ढूंढ रहे थे.



इंटरनेट पर Dalgona Coffee सर्च करते रहे लोग
हम आपको कुछ और बातें यहां बताना चाहते हैं. हमारे देश में इस साल इंटरनेट पर How to Prevent Coronavirus  से ज़्यादा How to Make Dalgona coffee सर्च किया गया. यानी लोग कोरोना से बचने के तरीकों को जानने की बजाय इंटरनेट पर ये सर्च करते रहे कि Dalgona Coffee कैसे बनाई जाती है ? Dalgona दक्षिण कोरिया में मिलने वाली एक टॉफी है. इस टॉफी के स्वाद वाली कॉफी को Dalgona Coffee कहते हैं.


इंटरनेट पर अपने आस-पास लोगों ने जिन जगहों को खोजा, उन्हें Near Me, यानी मेरे नज़दीक नामक कैटेगरी में रखा जाता है. Near Me कैटेगरी में भारत के लोगों ने राशन की दुकानों से ज़्यादा Liquor Shops यानी शराब की दुकानों के बारे में इंटरनेट पर सर्च किया.


आपको याद होगा कि जब लॉकडाउन में ढील देते हुए कई राज्यों में शराब की दुकानों को खोल दिया गया था, तो कैसे लोग अपनी जान की परवाह किए बिना शराब लेने के लिए दुकानों के सामने लम्बी लम्बी कतारों में खड़े थे. यानी लोगों को अपने स्वास्थ्य से ज़्यादा शराब की चिंता थी, और इससे पता चलता है कि भारत के लोगों की प्राथमिकताएं क्या हैं.


Google Trends के मुताबिक फिल्मों की कैटेगरी में सबसे ऊपर रही 'दिल बेचारा'. ये सुशांत सिंह राजपूत की आख़िरी फ़िल्म थी. जो उनके निधन के बाद OTT Platform पर रिलीज़ हुई थी.


Google Trends में कोरोना वायरस
दुनिया की बात करें तो Google Trends में कोरोना वायरस के बारे में लोगों ने सबसे ज़्यादा सर्च किया. इस सूची में दूसरे नंबर पर अमेरिका में हुए राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे हैं. इस लिस्ट में तीसरे नम्बर पर अमेरिका के बास्केटबाॅल प्लेयर Kobe Bryant हैं. इसी वर्ष एक विमान हादसे में उनका निधन हो गया था. इस हादसे में उनकी 13 साल की बेटी की भी मौत हो गई थी. दुनियाभर के Top Trends में सुशांत सिंह राजपूत का भी नाम है. जिनकी इस वर्ष मौत हो गई थी, तब ऐसा लगा था कि कम से कम सोशल मीडिया पर तो लोगों ने सुशांत को न्याय दिलाने का सही चुनाव किया है. लेकिन कुछ दिनों बाद लोगों का Mood बदल गया और लोगों ने सुशांत सिंह राजपूत को भुला दिया और देश में दूसरे मुद्दे हावी होने लगे.


इसलिए हम बार बार कह रहे हैं कि चुनाव करना एक Skill यानी कौशल है और इस कौशल के बिना किसी देश के लोगों से सही चुनाव की उम्मीद नहीं की जा सकती.