अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत पर उठ रहे सवाल, जानिए क्यों संदेह के घेरे में है एक शिष्य
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद संतो कें 13 अखाड़ों का एक संगठन है. इसमें निर्मोही अखाड़ा भी शामिल है जिसकी राम मंदिर निर्माण में अहम भूमिका रही है. महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष थे इसलिए उनके निधन की असली वजह हर कोई जानना चाहता है.
नई दिल्ली: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (Akhil Bhartiya Akhada Parishad) के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई है. महंत नरेंद्र गिरी का शव प्रयागराज में बाघमबरी मठ के एक कमरे में पंखे से लटका हुआ मिला. महंत नरेंद्र गिरी का संबध निरंजनी अखाड़े से था.
पुलिस ने दी जानकारी
पुलिस का कहना है कि शव के पास एक सुसाइड नोट भी मिला है. जिसमें एक तरह का वसीयतनामा लिखा था. पुलिस ने ये भी कहा कि महंत नरेंद्र गिरि अपने एक शिष्य से परेशान थे. पुलिस ने इस केस में उनके एक शिष्य आनंद गिरि (Anand Giri) को उत्तराखंड (Uttarakhand) के हरिद्वार से हिरासत में लिया है.
हालांकि जब नरेंद्र गिरी के निधन की खबर आई तब सबसे पहले आनंद गिरी ने ही शक जताया था कि उन्होंने आत्महत्या नहीं की है बल्कि उनकी हत्या हुई है. लेकिन पुलिस का कहना है कि महंत नरेंद्र गिरी के सुसाइड नोट में आनंद गिरि का नाम लिखा था इसी वजह से उन्हे हिरासत में लिया गया है. इस घटनाक्रम के सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश की पुलिस मामले की तहकीकात कर रही है. वहीं प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं.
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद को जानिए
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद भारत में संतो कें 13 अखाड़ों का एक संगठन है. जिसमें वो निर्मोही अखाड़ा भी शामिल है जिसकी राम मंदिर निर्माण में अहम भूमिका रही है. नरेंद्र गिरि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष थे इसलिए उनके निधन की असली वजह हर कोई जानना चाहता है. नरेंद्र गिरि के जिस शिष्य आनंद गिरि को पुलिस ने गिरफ्तार किया है उसने भी कुछ देर पहले Zee News से बात की थी.
गुरु-शिष्य में था विवाद
दरअसल महंत नरेंद्र गिरी और आनंद गिरि के बीच पिछले कुछ समय से विवाद चल रहा था. दोनों ने एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए थे. नरेंद्र गिरी ने आरोप लगाया था कि आनंद गिरी ने संन्यास तो लिया लेकिन अपने परिवार से अपने संबंधों को समाप्त नहीं किया जो अखाड़ा परंपरा का उल्लंघन है. वहीं आनंद गिरी ने अपने गुरू पर अखाड़ा परिषद की जमीन की सौदेबाजी का आरोप लगाया था. इसके बाद महंत नरेंद्र गिरी ने आनंद गिरी को अखाड़े से निकाल दिया था.
इसी साल मई 2021 में आनंद गिरि ने महंत गिरि के पांव पकड़कर सार्वजनिक रूप से माफी मांगी थी. जिसके बाद उन्हें अखाड़े में शामिल कर लिया गया लेकिन आनंद गिरी की गिरफ्तारी से इस मामले में नया मोड़ आ गया है.
वरिष्ठ नेताओं ने जताया शोक
नरेंद्र गिरी के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई बड़े नेताओं ने शोक जताया है. बड़ी बात ये है कि लोग मोक्ष पाने के लिए संतों के पास जाते हैं ताकि वो सांसारिक कष्टों से मुक्त हो पाएं. लेकिन सांसारिक बातों की वजह से एक संत की आत्महत्या ने पूरे देश को हैरान कर दिया है. दूसरी बड़ी बात ये भी है कि उत्तर प्रदेश में चुनाव आने वाले हैं और ऐसे में एक संत की मौत बड़ा चुनावी मुद्दा बन सकती है.