नई दिल्ली: डीएनए (DNA) में अब आपको जापान (Japan) के एक जानलेवा जोकर की कहानी दिखाते हैं. 31 अक्टूबर को दुनिया के कई देशों में हैलोवीन (Halloween) का त्योहार मनाया गया. ये त्योहार मुख्य रूप से उन देशों में मनाया जाता है, जहां ईसाई धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं. ईसाई धर्म में माना जाता है कि हैलोवीन की रात को मृत आत्माएं जीवित हो उठती हैं और वो इंसानों को डराती है. इसी डर को दूर भगाने के लिए लोग खुद राक्षसों और भूत प्रेतों जैसी पोषाक पहन लेते हैं.


हॉलीवुड फिल्मों में जिक्र


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हॉलीवुड (Hollywood) की फिल्मों में इस त्योहार का जिक्र कई बार आता है और इसीलिए अब ये पॉपुलर कल्चर (Popular Culture) यानी लोकप्रिय संस्कृति का हिस्सा बन गया है और अब भारत में भी कई लोग हैलोवीन पार्टीज (Halloween Parties) का आयोजन करते हैं. लेकिन 31 अक्टूबर को रात 8 बजे जापान में कुछ ऐसा हुआ जिसने लोगों को सच में डरा दिया. जापान की राजधानी टोक्यो में एक चलती ट्रेन में एक जोकर ने लोगों पर चाकू से हमला करके 17 लोगों को घायल कर दिया और ट्रेन के एक डिब्बे में आग लगा दी. ये व्यक्ति जोकर की पोषाक में था. 


जो हॉलीवुड की बैटमैन सीरीज (Batman Series) फिल्म का एक मशहूर किरदार है. जोकर एक सुपर विलेन (Super Villain) यानी महा खलनायक है. साल 2019 में इसी नाम से एक हॉलीवुड फिल्म आई थी, जिसमें जोकर इसी तरह से ट्रेन में सवार कुछ यात्रियों पर हमला करता है और कई लोगों को मार डालता है.


 


अचानक टूट पड़ा हमलावर


जापान में जिस 24 साल के व्यक्ति ने चलती ट्रेन में लोगों पर हमला किया, उसका नाम है कयोता हतोरी और वो जोकर के फिल्मी किरदार से प्रभावित था. जिस ट्रेन में ये घटना हुई, वो शिबुआ जिले से टोक्यो लौट रही थी. शिबुआ जिला हैलोवीन स्ट्रीट पार्टियों के लिए मशहूर है, जिसमें बड़ी संख्या में युवा हिस्सा लेते हैं. इसलिए इस ट्रेन में ज्यादातर वो लोग सवार थे, जो हैलोवीन पार्टी से वापस आ रहे थे. इस ट्रेन में सवार कई लोगों ने डरावनी पोषाक पहनी थी. इन्ही लोगों के बीच जोकर की ड्रेस में 24 साल का ये शख्स ट्रेन में चढ़ा उसके हाथ में चाकू था जिस पर खून के नकली निशान थे. 


उसके पास एक ज्वलनशील लिक्विड की बोतल और एक लाइटर भी था. लोगों को लगा कि जोकर बना शख्स भी किसी हैलोवीन पार्टी से लौट रहा है इसलिए किसी को इस पर शक नहीं हुआ. अचानक इसने ट्रेन में सवार लोगों पर हमला शुरू कर दिया और ट्रेन के डिब्बे में आग लगा दी. इसके बाद ट्रेन में सवार लोग अपनी जान बचाने के लिए भागने लगे.


बेरोजगारी बनी वजह


जब पुलिस ने इस व्यक्ति को पकड़ा तो उसने बताया कि कोरोना (Covid 19) महामारी के दौरान वो बेरोजगार हो गया था, जिससे उसके कई दोस्त उससे दूर हो गए थे और उसके रिश्ते भी टूट गए थे. इसलिए वो लंबे समय से लोगों पर हमला करके उनकी जान लेना चाहता था ताकि उसे फांसी की सजा हो जाए. इस साल ओलंपिक्स के आयोजन के दौरान जापान की एक ट्रेन में एक व्यक्ति ने ऐसे ही चाकू मारकर 10 लोगों को घायल कर दिया था और ये व्यक्ति इसी दृश्य को एक बार फिर से दोहराना चाहता था.


अकेलापन बड़ी समस्या


जापान एक ऐसा देश है, जहां अकेले रहने वाले लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है, जापान के ज्यादातर युवा शादी नहीं करना चाहते और वहां बुजुर्गों की आबादी भी तेजी से बढ़ रही है. जापान में अकेलापन एक महामारी में बदल चुका है. इस अकेलेपन से तंग आकर वहां कई बुजुर्ग दुकानों में जाकर चोरी करते हैं ताकि पकड़े जाने पर लोग कम से कम उनसे बात करें.


जिस व्यक्ति ने ट्रेन में 17 लोगों को चाकू मारकर घायल किया, वो बुजुर्ग तो नहीं था लेकिन अकेलेपन का शिकार था.