नई दिल्ली: अब हम आपको अमेरिका (US) के गन कल्चर (Gun Culture) की कहानी दिखाएंगे. अमेरिका का संविधान (Constitution Of US) अपने सभी नागरिकों को बंदूक (Gun) रखने का अधिकार देता है. अमेरिका में दुकानों पर बंदूक उतनी ही आसानी से मिल जाती है, जितनी आसानी से आपको भारत की दुकानों पर फल और सब्जियां मिलती है. इसका का नतीजा ये है कि पिछले 50 वर्षों में अमेरिका में 14 लाख से ज्यादा लोग बंदूक से होने वाली हिंसा में मारे गए हैं.


गन कल्चर की पृष्ठभूमि


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अमेरिका में बन्दूक की संस्कृति उस जमाने से है, जब वहां ब्रिटिश सरकार का राज था. उस दौर में पुलिस और कोई स्थाई सुरक्षा बल नहीं था. इसलिए लोगों को अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा खुद करनी होती थी, इसलिए उन्हें हथियार रखने के अधिकार दिए गए. 19वीं शताब्दी तक अमेरिका को समझ आ गया था कि अमेरिका में गन कल्चर कभी शांति को स्थापित नहीं होने देगा. इसके बावजूद गन लॉबी (Gun Lobby) और कुछ नेताओं के दवाब की वजह से कभी इसके खिलाफ कोई कड़ा कानून नहीं बन सका. इसलिए आज अमेरिका में हर दिन औसतन 100 लोग इसी गन कल्चर की वजह से मारे जाते हैं.


अमेरिका में कुछ दुकानें ऐसी हैं जहां अमेरिकी नागरिक बड़ी आसानी से बंदूकों की शॉपिंग कर सकते हैं. ये खबर आपको ये बताती है कि कैसे अमेरिका के लिए आतंकवादी नहीं बल्कि बन्दूकों का आंतक ही सबसे बड़ा खतरा बन गया है.


'संविधान जितनी पुराना गन कल्चर'


अमेरिकी इतिहास में 5 जनवरी 2016 की तारीख भी बड़े मायने रखती है. उस दिन अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा (Baraq Obama) की आंखों में आंसू थे और इन आंसुओं की वजह थी अमेरिका का गन कल्चर. अमेरिका में गन कल्चर का इतिहास उतना ही पुराना है, जितना पुराना अमेरिका का संविधान है.


वर्ष 1791 में अमेरिका के संविधान में दूसरा संशोधन लागू हुआ था और इसके तहत अमेरिकी नागरिकों को हथियार रखने के अधिकार दिए गए थे. लेकिन इस अधिकार की भी एक कीमत थी. अमेरिका में दशकों तक गन कल्चर की वजह से लाखों लोगों ने अपनी जानें गंवाई और इन मौतों का बोझ अमेरिका की संसद पर समय के साथ बढ़ता चला गया.


230 साल के बाद भी नहीं बदला कानून


230 साल के बाद भी आज अमेरिका इस कानून को बदल नहीं पाया है. अमेरिका की जिस संसद से लोग ये उम्मीद करते हैं कि वहां इसे लेकर सख्त कानून बनाया जाएगा, उस संसद से कुछ ही दूरी पर ऐसी कई दुकानें हैं, जहां आप आसानी से आधुनिक बन्दूकें खरीद सकते हैं


बन्दूक की इस संस्कृति को समझने के लिए हमारी टीम Washington DC के एक Gun Store में भी गई. वहां हमने देखा कि बंदूकों पर ठीक वैसे ही प्राइस टैग (Price Tag) लगा है, जैसे आप भारत में किसी Mobile Phone Store में मोबाइल फोन पर देखते हैं. हम चाहते थे कि इस गन स्टोर को आपको क़रीब से दिखाएं लेकिन इस स्टोर के मालिक ने पॉलिसी का हवाला देते हुए हमसे बात करने से इनकार कर दिया.


'अरबों रुपये का कारोबार'


2019 की एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में 63 हजार Licensed Gun Dealers हैं, जिन्होंने अमेरिकी नागरिकों को 83 हजार करोड़ रुपये की बन्दूकें बेची थीं. ये भारत के इस साल के स्वास्थ्य बजट से भी काफी ज्यादा है. आपको बता दें कि गन की सेल का ये डाटा वर्ष 2018 का है.



अमेरिका भले खुद को दुनिया में लोकतंत्र का चैम्पियन बताता है, लेकिन सच ये है कि वो ना तो दूसरे देशों में अपनी सेनाएं भेज कर आतंक के खिलाफ जंग जीत पाया और ना ही अपने देश में बन्दूक के आंतक को हरा पाया.


'अमेरिकी राष्ट्रपतियों का बंदूक प्रेम'


पिछले 230 साल में अमेरिका गन कल्चर को इसलिए खत्म नहीं कर पाया क्योंकि वहां के पूर्व राष्ट्रपति खुद इससे प्रभावित थे. अमेरिकी इतिहास और वहां से आई तस्वीरें बताती हैं कि अमेरिका के कई पूर्व राष्ट्रपति गन कल्चर से प्रभावित थे. बंदूकों के साथ उनकी कई तस्वीरें मौजूद हैं जैसे पूर्व राष्ट्रपति Theodore Roosevelt को गन के साथ तस्वीर खींचवाना बेहत पसन्द था. वो वर्ष 1901 से 1909 तक अमेरिका के राष्ट्रपति थे. इसी तरह Franklin D Roosevelt, Jimmy Carter, George Bush Senior और George W Bush की तस्वीरें भी आप देख सकते हैं.


इन सभी नेताओं ने राष्ट्रपति रहते हुए गन कल्चर को महिमामंडित किया. वो भी तब जब अमेरिका के चार पूर्व राष्ट्रपति की हत्या के पीछे कहीं ना कहीं गन कल्चर सबसे बड़ी वजह था. अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति Abraham Lincoln और 20वें राष्ट्रपति James A. Garfield की हत्या बन्दूक से ही की गई थी.


आंकड़ों से समझिए अमेरिका का गन कल्चर


वर्ष 2002 से 2011 के बीच अमेरिका में हर साल आंकवादी हमलों में औसतन 31 लोग मारे गए. जबकि गन कल्चर की वजह से हर साल औसतन 11 हज़ार लोगों ने अपनी जान गंवाई. लेकिन अमेरिका ने आतंकवाद के ख़िलाफ़ तो निर्णायक लड़ाई का ऐलान किया लेकिन गन कल्चर को रोकने के लिए वो कभी कुछ नहीं कर पाया.


अमेरिका में 58 प्रतिशत लोगों ने कभी ना कभी Gun Terror का सामना किया है.


वहां हर दिन औसतन 100 लोग बन्दूक से होने वाली हिंसा में मारे जाते हैं.


30 लाख बच्चे हर साल मास शूटिंग या गन कल्चर से संघर्ष करते हैं.


2018 में अमेरिका में Mass Shooting की 27 बड़ी घटनाएं हुई थीं.


अमेरिका की कुल आबादी तो साढ़े 33 करोड़ है लेकिन वहां रहने वाले लोगों के पास लगभग 40 करोड़ बन्दूकें हैं.


जबकि भारत इस मामले में 7 करोड़ बन्दूकों के साथ दूसरे और चीन पांच करोड़ बन्दूकों के साथ तीसरे स्थान पर है.


अमेरिका में हर 100 लोगों पर 120 बन्दूकें हैं, जबकि दूसरे स्थान पर यमन है, जहां हर 100 लोगों पर 52 बन्दूकें हैं.


ये स्थिति भी तब है जब अमेरिका में लगभग 60% लोग चाहते हैं कि गन कल्चर को रोकने के लिए सख्त कानून हो.


अमेरिका दुनिया का इकलौता देश है, जहां गन कल्चर की वजह से लोगों के लिए आत्महत्या करना काफी आसान हैं. 2019 में वहां लगभग 24 हज़ार लोगों ने बन्दूक से गोली मार कर आत्महत्या की थी. अमेरिका में लोगों के लिए बन्दूक खरीदना मुश्किल नहीं है. इसके लिए सिर्फ तीन चीजें चाहिए. पहली ये कि बंदूक खरीदने वाले की उम्र 21 या उससे ज्यादा हो. दूसरी शर्त ये है कि उसका आपराधिक इतिहास (Criminal History) ना हो और तीसरी शर्त ये है कि गन को खरीदने वाला शख्स मानसिक रूप से बीमार ना हो. तो सोचिए जब नियम ही इतने आसान होंगे तो फिर गन का ये कल्चर क्यों नहीं होगा.