नई दिल्ली:  कल 7 अप्रैल को देश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नए रूप में देखा और वो रूप था बच्चों के एक मार्गदर्शक का या यूं कह लीजिए कि एक परिवार में जो भूमिका एक बुजुर्ग की होती है. कल वो उस रूप में दिखे. इसलिए आज हम आपको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सर की ऑनलाइन क्लास के बारे में बताएंगे.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

प्रधानमंत्री ने 'परीक्षा पे चर्चा' की और ये पहली बार हुआ जब उनके और छात्रों के बीच वर्चुअल संवाद हुआ, जिसमें देशभर के साढ़े 10 लाख छात्रों के अलावा लगभग 2 लाख शिक्षकों और 92 हजार अभिभावकों ने भी हिस्सा लिया. प्रधानमंत्री ने कल कई अहम बातें कहीं- 


पहली बात ये कि डर को हराने और परीक्षा में सफल होने का एक ही मंत्र है और वो है तैयारी. अगर तैयारी पूरी है, तो डर अपने आप समाप्त हो जाता है.



दूसरी बात खाली समय किसी खजाने की तरह होता है इसलिए खाली समय का उपयोग नए विचारों और नए कामों को देना चाहिए.



तीसरी बात पहले मुश्किल काम करिए क्योंकि, जब आप सबसे पहले मुश्किल काम करते हैं तो सरल काम को करना और भी आसान हो जाता है.



चौथी बात जब आप कुछ अलग करते हैं तो दूसरों के लिए उसे स्वीकार करने मुश्किल होता है लेकिन ये नामुमकिन नहीं है.



पांचवीं बात अपने सिद्धांतों को थोपने की जगह उन्हें जीकर दूसरों को प्रेरित करने का प्रयास करें.



छठी बात कोरोना वायरस की महामारी से जो सबसे बड़ी सीख हमें मिली. वो ये कि बदलाव के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए.



सातवीं बात Vocal For Local को जीवन का मंत्र बनाएं.



और आठवीं बात ये कि आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर देश में नए विचारों का संचार करें और अपने परिवारों से चर्चा करके नए आईडिया सरकार को दें.



इसके अलावा परीक्षा का तनाव कैसे भगाएं, और बच्चों को कैसे प्रेरित करें ? इस पर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरु मंत्र दिया. इसलिए सबसे पहले आपको प्रधानमंत्री का ये गुरुमंत्र सुनाते हैं, जो परीक्षा में आपके भी काफी काम आ सकता है क्योंकि, परीक्षा सिर्फ स्कूल में ही नहीं होती. परीक्षा जीवन में भी होती है और इससे कभी डरना नहीं चाहिए.


प्रधानमंत्री ने बच्चों को चुनौतियों का सामना करने और सबसे पहले कठिन काम को पहले करने की शिक्षा दी. उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे वो दिन की शुरुआत कठिन समस्याओं को निपटाने से करते हैं.



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खाली समय में क्या करते हैं. ये भी उन्होंने बताया-


-प्रधानमंत्री ने बताया कि कैसे नकारात्मक सोच को कभी अपनाना नहीं चाहिए. उन्होंने इसे एक उदाहरण के जरिए समझाया, जो आपको भी निरंतर बढ़ने की प्रेरणा देगा. 


-पीएम मोदी ने ये भी कहा कि आज परिवार में अच्छे संस्कार देने की जरूरत है क्योंकि, संस्कार कभी भी आपको आपकी जड़ों से दूर नहीं होने देते. 


-पिछले एक वर्ष में भारत ने कोरोना वायरस से क्या सीखा. ये भी प्रधानमंत्री ने बताया.


-परीक्षा पे चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री ने देशभर के छात्रों को एक टास्क भी दिया और वो ये कि आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर छात्र आजादी के नायकों के बारे में पढ़ें और अपने इतिहास के बारे में जानें.