DNA ANALYSIS: कृषि कानूनों को लेकर भ्रम और झूठ के बीच PM मोदी ने किसानों को बताया ये सच
प्रधानमंत्री Narendra Modi ने किसानों से कहा कि यदि उन्हें MSP खत्म करनी होती तो उनकी सरकार, स्वामीनाथन आयोग की कई सिफारिशों को लागू ही नहीं करती. इन सिफारिशों में किसानों को लागत का डेढ़ गुना MSP दिए जाने की बात कही गई थी.
नई दिल्ली: आज हम किसानों के नाम देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के भाषण की बात करेंगे. इस भाषण के दौरान उन्होंने सिर्फ़ 53 मिनटों में देश के किसानों की सारी ग़लतफ़हमियों और आशंकाओं को दूर कर दिया. उन्होंने सिर झुकाकर किसानों के प्रति विनम्रता भी दिखाई और विपक्ष के प्रति आक्रामकता भी दिखाई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष को ये चेतावनी भी दे दी कि वो किसानों के बीच भ्रम फैलाने की कोशिश न करें.
पहले फसलों का MSP क्या था?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP की व्यवस्था लागू रहेगी, APMC मंडिया बंद नहीं होंगी और Contract Farming में सिर्फ फसल का समझौता होता है, किसानों की ज़मीनों का नहीं. प्रधानमंत्री मोदी ने आंकड़ों के जरिए किसानों को ये भी बताया कि वर्ष 2014 से पहले फसलों का MSP क्या था और वो अब बढ़कर कितना अधिक हो गया है.
प्रधानमंत्री ने किसानों से कहा कि यदि उन्हें MSP खत्म करनी होती तो उनकी सरकार, स्वामीनाथन आयोग की कई सिफारिशों को लागू ही नहीं करती. इन सिफारिशों में किसानों को लागत का डेढ़ गुना MSP दिए जाने की बात कही गई थी.
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APMC मंडियों को बंद किए जाने के भ्रम को दूर करने की कोशिश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने APMC मंडियों को बंद किए जाने के भ्रम को दूर करने की कोशिश की और कहा कि देश में कृषि कानून लागू हुए 6 महीने से अधिक समय बीत चुका है. इस दौरान एक भी मंडी बंद नहीं हुई है. APMC मंडियों को बेहतर बनाने के लिए सरकार पांच सौ करोड़ रुपए और खर्च कर रही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंदोलन (Farmers Protest) पर बैठे किसानों को, उनकी सभी आशंकाओं को दूर करने का भरोसा दिया और ये भी बताया कि सरकार हर समय किसानों से बातचीत के लिए तैयार है. प्रधानमंत्री की बातों से साफ है कि कृषि कानून वापस नहीं होंगे लेकिन सरकार इनमें कुछ संशोधन जरूर कर सकती है.
प्रधानमंत्री ने किसानों को एक बार फिर समझाया कि विपक्षी दल उनके बीच कृषि कानूनों के बारे में भ्रम और झूठ फैला रहे हैं.
यानी आज वही राजनीतिक दल कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं, जिन्होंने सत्ता में आने के लिए कृषि सुधारों का वादा किया था. लेकिन कभी इन वादों को पूरा नहीं किया.
25 दिसंबर को प्रधानमंत्री मोदी एक बार फिर देश भर के किसानों से बातचीत करेंगे. इस दौरान देश के करोड़ों किसानों के बैंक खाते में किसान सम्मान निधि की अगली किस्त ट्रांसफर की जाएगी. अब तक इस योजना की सात किस्तें ट्रांसफर की जा चुकी हैं.