DNA ANALYSIS: कोरोना को काबू करने का क्या है मास्टर प्लान?
अब लॉकडाउन में रियायतें दी गईं हैं और सैंपल टेस्टिंग को बढ़ाकर, हर दिन 1 लाख से ज्यादा लोगों की जांच हो रही है.
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के खिलाफ भारत ने अपनी रणनीति में लगातार बदलाव किया. पहले संपूर्ण लॉकडाउन की मदद से संक्रमण को रोका गया. अब लॉकडाउन में रियायतें दी गईं हैं और सैंपल टेस्टिंग को बढ़ाकर, हर दिन 1 लाख से ज्यादा लोगों की जांच हो रही है.
लेकिन अब लॉकडाउन में रियायतें दी गई हैं, तो आपके मन में भी कई तरह के सवाल होंगे कि आने वाले दिनों में क्या होगा और क्या भारत को जल्द इस वायरस से छुटकारा मिलेगा? ये और ऐसे बहुत सारे सवाल हमने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन को भी भेजे थे. जिनके जवाब आज उन्होंने हमें भेजे हैं.
हमारा पहला सवाल था कि स्वास्थ्य मंत्री के नाते और एक डॉक्टर के नाते, वो लॉकडाउन के चौथे चरण को किस तरह से देखते हैं? लॉकडाउन का चौथा चरण 31 मई तक चलेगा, क्या इतने समय में संक्रमण काबू में आ जाएगा?
भारत में संक्रमण के मामले 1 लाख से पार हो चुके हैं, हर दिन औसतन चार से पांच हज़ार मामले आ रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन से हमारा अगला सवाल इसी पर था. हमने उनसे पूछा कि जिस तरह से मामले बढ़ रहे हैं, उससे निपटने के लिए क्या सरकार की पूरी तैयारी है या फिर आने वाले दिनों में कोई बड़ी मुश्किल हो सकती है?
एक तरफ चीन है, जिसने संक्रमण के मामलों पर काबू पा लिया, लेकिन एक तरफ भारत है, जहां संक्रमण के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं. हमने डॉक्टर हर्षवर्धन से इस बारे में भी सवाल पूछा है, कि कब तक हम इस संक्रमण पर काबू पा सकते हैं?
एक सवाल इस समय आप सबके मन में होगा, कि कोरोना वायरस को खत्म करने वाला टीका कब तक आएगा? क्या जल्द ऐसी वैक्सीन या मेडिसिन की उम्मीद की जा सकती है या फिर लोगों को अब कोरोना वायरस के साथ रहना सीखना होगा? इन सारे सवालों के जवाब आप नीचे दिए गए वीडियो में सुन सकते हैं.
इसके अलावा कोरोना के बारे में मुंबई से जुड़ी एक खबर सामने आई है. मुंबई के बारे में कहा जा रहा है कि ये अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर के रास्ते पर जा रहा है. पूरे अमेरिका में सबसे ज्यादा कोरोना वायरस के केस न्यूयॉर्क में हैं और सबसे ज्यादा मौत भी वहीं हुई हैं. भारत में यही हाल मुंबई का भी है.
देखें DNA-
मुंबई में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 22 हजार 746 हो गई है. जबकि वहां अबतक 800 लोगों की मौत हो चुकी है. पिछले 24 घंटे में अकेले मुंबई महानगरपालिका क्षेत्र में 43 लोगों की मौत हो चुकी है. पूरे देश में कोरोना वायरस के जितने मरीज हैं, उनमें करीब 21 प्रतिशत अकेले मुंबई के हैं, इसी तरह पूरे देश में कोरोना से जितनी मौतें हुई हैं, उनमें 25 प्रतिशत मौत अकेले मुंबई में हुई हैं.
अमेरिका में कोरोना के जितने मामले सामने आए हैं, उनमें 13 प्रतिशत से ज्यादा अकेले न्यूयॉर्क में हैं. जबकि कोरोना से अमेरिका में हुई कुल मौत का करीब 22 प्रतिशत आंकड़ा अकेले न्यूयॉर्क में सामने आया है.
क्षेत्रफल के हिसाब से मुंबई न्यूयॉर्क का आधा है. लेकिन मुंबई की आबादी न्यूयॉर्क के मुकाबले डेढ़ गुना ज्यादा है. इसका मतलब ये हुआ कि प्रति वर्ग किलोमीटर मुंबई में न्यूयॉर्क से तीन गुना ज्यादा लोग रहते हैं. न्यूयॉर्क में प्रति वर्ग किलोमीटर 6 हजार 734 लोग रहते हैं. जबकि मुंबई में इतने ही क्षेत्रफल की जनसंख्या 20 हजार 694 हैं.
मुंबई की स्थिति इसलिए भी गंभीर है क्योंकि एशिया की सबसे बड़ी स्लम बस्ती धारावी भी यहीं है. अकेले धारावी में कोरोना वायरस के 1378 केस पाए गए हैं, जबकि इस महामारी से वहां 57 लोगों की मौत हो चुकी है.
न्यूयॉर्क में मुंबई के मुकाबले 9 गुना ज्यादा कोरोना वायरस के मामले पाए गए हैं. जबकि वहां मुंबई की तुलना में 270 गुना ज्यादा लोगों की मौत हुई है. लेकिन, न्यूयॉर्क में अब कोरोना के नए केस कम आ रहे हैं और मुंबई में ये रफ्तार बढ़ती ही जा रही है.
आप डीएनए वीडियो में ग्राफिक्स को देखकर दोनों शहरों का अंतर समझ सकते हैं. इसमें दिखाई दे रही लाल रेखा मुंबई की कोरोना लाइन है, जबकि नीली रेखा न्यूयॉर्क की कोरोना लाइन है. शुरुआत में दोनों लाइनों का फर्क साफ दिख रहा है. न्यूयॉर्क में मुंबई के मुकाबले कोरोना वारयस के मामले तेजी से बढ़े हुए दिख रहे हैं. लेकिन, करीब आधी दूरी तय करने के बाद न्यूयॉर्क में नए केस की संख्या कम होने लगी. यानी वहां की ब्लू लाइन समतल होने लगी. दूसरी ओर मुंबई की रेडलाइन धीरे-धीरे ऊपर की ओर ही बढ़ती जा रही है.
यानी न्यूयॉर्क के आंकड़े अब थम रहे हैं, जबकि मुंबई के आंकड़े अभी भी बढ़ रहे हैं, और यही बात चिंता पैदा करती है.