नई दिल्ली: पिछले दो दिनों में दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) और पाकिस्तानी अभिनेत्री महविश हयात (Mehwish Hayat) के रिश्तों का जो खुलासा ज़ी न्यूज़ ने किया उससे दाऊद और महविश दोनों बुरी तरह से तिलमिला गए हैं. दाऊद ये जानना चाहता है कि आखिर दोनों के रिश्तों की ये खबर बाहर कैसे आई तो महविश हयात कश्मीर को बीच में लाकर इस खुलासे पर पर्दा डालना चाहती है. हमने महविश हयात से उनका पक्ष जानने की कोशिश की लेकिन अपना पक्ष रखने की बजाय उन्होंने कश्मीर पर बयानबाजी करना शुरू कर दिया.


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महविश को लगता है कि वो कश्मीर पर झूठ बोलकर दाऊद से अपने रिश्तों का सच छिपा लेंगी. लेकिन ज़ी न्यूज़ उनकी ये कोशिश सफल नहीं होने देगा और हम दाऊद और उसके करीबियों के खिलाफ इस जंग को अंजाम तक पहुंचाकर रहेंगे. चाहे दाऊद हो, महविश हो या पाकिस्तान की सरकार और वहां की सेना ये सब लोग आपस में मिले हुए हैं और इन सबका एक ही एजेंडा है और वो है बात बात पर कश्मीर को बीच में ले आना.


महविश हयात पर अपने ही देश में उठ रहे सवाल
महविश हयात ने कुछ ट्वीट किए हैं और कहा कि ज़ी न्यूज़ ने दाऊद के साथ उनके रिश्तों की जो खबर दिखाई उसका कोई आधार नहीं है और ये सब एक एजेंडे के तहत किया जा रहा है और वो कश्मीर पर बोलना बंद नहीं करेंगी. महविश हयात ये कह सकती हैं ज़ी न्यूज़ ने जो भी खुलासा किया वो झूठा है. लेकिन हमें झूठा साबित करने के लिए उन्होंने जिस तरीके से कश्मीर कार्ड खेला है. वो खुद ये साबित करता है कि हमारे दावों में कितना दम है.


उन्होंने अपने एक ट्वीट में लिखा है कि वो कश्मीर का मुद्दा उठाती रहेंगी और बॉलीवुड के पाखंड को भी उजागर करती रहेंगी. लेकिन हमारा सवाल ये है कि महविश हयात अगर सच कह रहीं है कि उनका दाऊद के साथ कोई रिश्ता नहीं है तो इसे साबित करने के लिए वो कश्मीर का सहारा क्यों ले रही है. वो ये बात बिना कश्मीर का नाम लिए भी कर सकती थीं. उन्होंने ऐसा नहीं किया और इसके पीछे बहुत बड़ी वजह है.


महविश हयात, कराची के किसी प्रभावशाली व्यक्ति का साथ पाकर रातों रात पाकिस्तान में सेलिब्रिटी बन गईं. लेकिन ज़ी न्यूज़ के खुलासे के बाद अब पाकिस्तान में भी महविश हयात पर सवाल उठ रहे हैं और लोग पूछ रहे हैं कि एक साधारण सी अभिनेत्री को किस आधार पर वहां के राष्ट्रपति ने इतना बड़ा नागरिक सम्मान दिया.



साख बचाने के लिए खेला कश्मीर कार्ड 
तमगा ए इम्तियाज हासिल कर चुकीं महविश हयात की लोकप्रियता अब पाकिस्तान में ही कम होने लगी हैं और उन्हीं के देश के लोग उनकी सफलता को अब शक की निगाह से देख रहे हैं. लेकिन पाकिस्तान में गिरती लोकप्रियता के बावजूद सेलिब्रिटी बने रहने का एक फॉर्मूला है और उस फॉर्मूले का नाम है कश्मीर और महविश हयात इसी फॉर्मूले का इस्तेमाल करके अपनी गिरती साख बचाने की कोशिश कर रही हैं. महविश हयात पर इससे पहले भी जब जब सवाल उठे वो कश्मीर का मुद्दा बीच में ले आईं.


उन्होंने पिछले वर्ष दीवाली के मौके पर ट्वीट करके कहा था कि जब दुनिया दीवाली मना रही है तब कश्मीर के लोगों के जीवन में अंधेरा है. महविश हयात भारत और भारत की सेना पर कश्मीर में अत्याचार करने के निराधार आरोप भी लगा चुकी हैं.


आज जब ज़ी न्यूज़ ने महविश हयात के कश्मीर पर दिए गए नए और पुराने बयानों को ढूंढा तो हमें एक ट्रेंड के बारे में पता चला. ये ट्रेंड बताता है कि जब भी महविश हयात पाकिस्तान में विवादों के बीच घिर जाती हैं तो वो डैमेज कंट्रोल करने के लिए कश्मीर पर बात करने लगती हैं. आज भी स्थिति यही है. दाऊद के साथ उनके संबंधों का जो खुलासा हमने किया. उसके बाद वो अपने ही देश के लोगों के सवालों का सामना कर रही हैं और अब इससे बचने के लिए उन्होंने एक बार फिर कश्मीर पर बयान देना शुरू कर दिया है.


लेकिन भारत में भी कुछ ऐसे लोग बैठे हैं जो महविश के समर्थन में हैं. ऐसे लोग नहीं चाहते कि दाऊद इब्राहिम से जुड़ी कोई भी बात बाहर आए. इनमें से कुछ लोग दाऊद के राजदार भी हैं. कल ही हमने आपको बताया था कि दाऊद का जिंदा पकड़ा जाना जितना खतरनाक पाकिस्तान और ISI के लिए है. उतना ही खतरनाक भारत में बैठे कुछ लोगों के लिए भी हैं क्योंकि अगर दाऊद को जिंदा पकड़ा गया तो ये लोग भी बेनकाब हो जाएंगे. वरिष्ठ वकील और भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे ने भी Zee News के एक कार्यक्रम में ये बात दोहराई और कहा कि दाऊद का पकड़ा जाना कई लोगों को सूट नहीं करता.


अगर आप भी इस पर कोई प्रतिक्रिया देना चाहते हैं तो हमें #DawoodKaKashmirCard पर ट्वीट कर सकते हैं.


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