Women Reservation Bill: `वरना महिला आरक्षण बिल बन जाएगा चुनावी जुमला...`, बीजेपी पर खड़गे ने यूं कसा तंज
Congress on Women Reservation Bill: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल का समर्थन किया. साथ ही, उन्होंने कहा कि सरकार साफ बताए कि महिला आरक्षण कब लागू होगा. सरकार महिला आरक्षण को 2 साल में लागू करेगी, 5 साल में या 10 साल में लागू करेगी.
Mallikarjun Kharge on Women Reservation Bill: महिला आरक्षण बिल राज्यसभा से भी गुरुवार को सर्वसम्मति से पास हो गया. इसके पक्ष में 215 वोट पड़े जबकि विपक्ष में कोई वोट नहीं पड़ा. वोटिंग से पहले इस पर चर्चा हुई, जिसमें कांग्रेस ने बिल का समर्थन किया लेकिन सरकार से तीखे सवाल पूछे.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल का समर्थन किया. साथ ही, उन्होंने कहा कि सरकार साफ बताए कि महिला आरक्षण कब लागू होगा. सरकार महिला आरक्षण को 2 साल में लागू करेगी, 5 साल में या 10 साल में लागू करेगी.
'वरना माना जाएगा जुमला'
उन्होंने कहा कि इसकी तय समय-सीमा बताई जानी चाहिए, नहीं तो इसे महज एक जुमला माना जाएगा. इसके साथ ही मल्लिकार्जुन ने महिला आरक्षण में ओबीसी महिलाओं को आरक्षण दिए जाने की मांग सरकार के सामने रखी.
राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष ने आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि इस बिल का क्लाउज 5 कहता है कि आरक्षण तभी लागू होगा, जब परिसीमन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और परिसीमन भी जनगणना प्रक्रिया पूरी होने के बाद कराई जाएगी. इसका मतलब, महिला आरक्षण लागू होने के लिए लंबा इंतजार करना होगा.
गौरतलब है कि संसद व राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने के लिए यह बिल लाया गया है. खड़गे ने कहा कि महिला आरक्षण से पहले दो अनिवार्य शर्तें रखी गई हैं. पहली शर्त जनगणना है और दूसरी है डिमिलिटेशन यानी परिसीमन यानी ये प्रक्रियाएं पूरी होने तक महिला आरक्षण लागू ही नहीं होगा.
खड़गे ने कहा, 'पहले आपने कहा था कि सबके खाते में 15-15 लाख रुपये देंगे, हर साल 2 करोड़ नौकरियां देंगे. फिर बाद में हमने अखबारों में पढ़ा कि ये तो चुनावी जुमले हैं. हम सब महिला आरक्षण बिल का समर्थन कर रहे हैं, लेकिन बाद में यह जुमला नहीं होना चाहिए.'
'डीलिमिटेशन और जनगणना से जोड़ने की जरूरत नहीं'
उन्होंने कहा, 'महिला आरक्षण को डीलिमिटेशन और जनगणना से जोड़ने की जरूरत नहीं है. आप चाहें तो इसके बिना ही कर सकते हैं. आपने रात के 8 बजे अचानक नोटबंदी कर दी. हमारे विरोध के बावजूद किसान बिल पास किया. इसका विरोध करते हुए 70 किसान मारे गए. लेकिन महिला आरक्षण बिल पर किसी का विरोध नहीं है, तो इसे तुरंत लागू करने के लिए सरकार को प्रावधान करना चाहिए था.'
खड़गे ने कहा कि अभी जो व्यवस्था है, जितने सदस्य हैं, जितनी संख्या है, उसी में महिला आरक्षण दे दीजिए. जब नंबर बढ़ जाएगा, जनगणना होगी, सदस्य भी बढ़ेंगे, उसके साथ-साथ महिलाओं के नंबर भी बढ़ जाएंगे.
उन्होंने महिला आरक्षण बिल में पिछड़े वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षण नहीं होने की बात कही और कहा कि ओबीसी वर्ग की महिलाओं को इसमें आरक्षण देने के लिए अभी प्रावधान किया जाना चाहिए.
'अपनी विचारधारा के लोगों को किया है नियुक्त'
खड़गे ने कहा, 'BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा सदन में हमें ताना मार रहे थे कि, लेकिन एससी एसटी के लोग सरकारी विभागों के सेक्रेटरी भी नहीं बन सकते, प्रिंसिपल सेक्रेटरी भी नहीं बनते यहां तक की जॉइंट सेक्रेटरी के पद पर भी नहीं है. बस अपनी विचारधारा के लोगों को नियुक्त किया गया है.'
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "मैं 128वें संशोधन बिल के समर्थन में खड़ा हूं और इस बिल को संपूर्ण समर्थन करता हूं. हम, हमारी पार्टी के सभी लोग पूरे दिल से इस बिल का समर्थन करते हैं. हमें दो दिन पहले ही पता लगा कि संसद में यह बिल आने वाला है."
उन्होंने सभापति जगदीप धनखड़ से कहा, "लेकिन आपने 4 सितंबर 2023 को जयपुर में कहा था वह दिन दूर नहीं, जब संसद और विधानसभा में महिलाओं को उनका उचित प्रतिनिधित्व मिलेगा. यानी आप तय किए थे और आपको मालूम भी होगा और इसका प्रचार अपने वहां जयपुर में किया."
खड़गे ने एक कविता पढ़ते हुए कहा, "कमजोर नहीं, शक्ति का नाम ही नारी है. जग को जीवन देने वाली मौत भी तुझे से हारी है. सतियों के नाम पर तुझे जलाया गया. मीरा के नाम पर तुझे जहर पिलाया गया. सीता जैसी अग्निपरीक्षा भी हुई. जग में अब तक यह सब जारी है, बहुत हो चुका अब मत सहना, तुझे इतिहास बदलना है, कोमल है तू कमजोर नहीं शक्ति का नाम नारी है."
(पीटीआई इनपुट के साथ)