UPPSC RO/ARO Exam Date: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने छात्रों की मांगों को मानते हुए गुरुवार को समीक्षा अधिकारी (आरओ) और सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) परीक्षा स्थगित कर दी और पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा को पुराने पैटर्न पर आयोजित करने का ऐलान किया. आयोग ने आरओ और एआरओ परीक्षाओं के लिए एक समिति बनाने की भी घोषणा की. पिछले कुछ दिन से पीसीएस और अन्य भर्ती परीक्षाओं को लेकर छात्रों के बीच असंतोष की स्थिति थी. छात्रों की मांग थी कि पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा को एक से ज्यादा पालियों में कराने के बजाय एक ही दिन में पूरा कराया जाए. 


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योगी सरकार ने यह फैसला ऐसे समय पर लिया है, जब 20 नवंबर को सूबे की 9 सीटों पर उपचुनाव होना है. ऐसा लगता है कि अखिलेश यादव के एक ट्वीट के बाद यूपी की सियासत में जबरदस्त टर्न आया है. चलिए पहले आपको बताते हैं कि अखिलेश यादव ने ट्वीट में क्या लिखा.


सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अखिलेश ने कहा, 'भाजपा अगर केवल चुनाव का गणित समझती है तो सुन ले कि PCS/RO/ARO/LOWER SUBORDINATE जैसी अन्य प्रतियोगी छात्रों और उनके परिवार के लोगों को मिला लिया जाए तो ये संख्या लगभग 1 करोड़ होती है. अगर इस ‘महा-संख्या’ को लगभग 400 विधानसभा सीटों से भाग दें तो भाजपा के लगभग 25000 वोट हर विधानसभा सीट पर कम होंगे मतलब भाजपा दहाई के अंक में सिमट जाएगी.  उम्मीद है, इस गणित को ही समझ कर आज ही भाजपा की हृदयहीन सरकार अत्याचार बंद करेगी और आंदोलनकारी युवाओं की लोकतांत्रिक जायज़ मांग को पूरा करेगी.'



अखिलेश ने आगे कहा, 'भाजपा की एक आदत पड़ गयी है, जनाक्रोश से डरकर आखिरकार बात तो वो मानने पर मजबूर होती है, लेकिन तभी जब उसके सारे हिंसक तरीके नाकाम हो जाते हैं और जब उसकी नौकरी विरोधी नकारात्मक राजनीति पूरी तरह फेल हो जाती है. भाजपा हमेशा के लिए ख़त्म होनेवाली है. अभ्यर्थी कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा!


अगर टाइमिंग के हिसाब से देखें तो बीजेपी उपचुनाव से पहले कोई रिस्क नहीं लेना चाहती. खासकर तब जब पिछले दिनों यूपी में पेपर लीक जैसी घटनाएं हो चुकी हैं, जिसे लेकर छात्रों में आक्रोश है. ऐसे में और ज्यादा बवाल बढ़ाना उसके लिए खतरा बन सकता है. 


लिहाजा मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छात्रों की इन मांगों का संज्ञान लेते हुए आयोग को आदेश दिया कि वह छात्रों के साथ संवाद करके जरूरी फैसला ले. इसके बाद आयोग ने छात्रों से बातचीत की और उनकी मांगों पर विचार करते हुए यह फैसला लिया कि पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2024 पूर्व की तरह एक ही दिन में आयोजित की जाएगी.'' 


आयोग के सचिव ने कहा कि हाल के महीनों में देश के कई हिस्सों में पेपर लीक की घटनाओं को देखते हुए प्रदेश सरकार ने चयन परीक्षाओं की शुचिता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने का फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि इसी वजह से आयोग ने दिसंबर में प्रस्तावित पीसीएस और आरओ/एआरओ परीक्षाओं को एक से ज्यादा पालियों में आयोजित करने की घोषणा की थी, हालांकि छात्रों की मांग और मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद अब पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा एक ही दिन में आयोजित की जाएगी.


राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि इस परीक्षा की तैयारी कर रहे लाखों छात्रों को राहत मिलेगी. उन्होंने कहा कि परीक्षा को एक ही दिन में आयोजित करने से छात्रों को परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता व निष्पक्षता का भरोसा मिलेगा, साथ ही आयोग की तरफ से गठित समिति की रिपोर्ट से भविष्य में होने वाली परीक्षाओं की शुचिता को और ज्यादा मजबूती मिलेगी. एक पाली में परीक्षा आयोजित करने की मांग को लेकर बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने यूपीपीएससी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. पीसीएस-प्री परीक्षा पहले की तरह आयोजित करने की घोषणा से कुछ अभ्यर्थियों में खुशी है, वहीं आरओ-एआरओ की तैयारी कर रहे अभ्यर्थी कुछ निराश नजर आए.


(पीटीआई इनपुट के साथ)