नई दिल्लीः  समाजसेवी, मीडिया टाइकून व राज्यसभा सांसद डॉ सुभाष चंद्रा ने आज सांसद पद से प्राप्त हुई अपनी पूरी सेलरी पीएम रिलीफ फंड में दान कर दी. इसके साथ ही एस्सेल ग्रुप के चेयरमैन डॉ.चंद्रा ने यह भी ऐलान किया वो भविष्य में भी सांसद के तौर पर अपनी सेलरी से सिर्फ 1 रुपया ही लेंगे शेष राशि पीएम रिलीफ फंड में दान दी जाएगी.


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डॉ.  सुभाष चंद्रा शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले और उन्हें अपने वेतन का चेक सौंपा. देश की चुनिंदा समृद्ध एवं सुपरिचित हस्तियों में शामिल डॉ. सुभाष चंद्रा अपने डीएससी फाउंडेशन के जरिए लंबे अरसे से सामाजिक और धर्मार्थ कार्य से जुड़े हुए हैं. डॉ.चंद्रा भारत में अपने दम पर कामयाब होने वाले चुनिंदा लोगों में से एक हैं. वह हरियाणा के हिसार जिले के एक छोटे से गांव से 20 साल की उम्र में दिल्ली आए,  उस समय उनकी जेब में मात्र 17 रुपये थे. उसके बाद उन्होंने  अपनी मेहनत और सच्ची लगन के दम पर भारतीय मीडिया में बेहद उल्लेखनीय कामयाबी हासिल की. आज  डॉ. चंद्रा मीडिया और मनोरंजन जगत की प्रमुख हस्तियों में गिने जाते हैं.


डॉ. सुभाष चंद्रा की आत्मकथा 'The Z Factor' के मराठी संस्करण का हुआ विमोचन


देश के पहले सैटेलाइट चैनल जी टीवी और देश में 24 घंटे चलने वाले पहले न्यूज चैनल की शुरुआत करने का श्रेय भी डॉ. सुभाष चंद्रा को ही जाता है. साल 1992 में उन्होंने देश के पहले सैटेलाइट चैनल 'जी टीवी' की शुरुआत की. मीडिया जगत में डॉ. चंद्रा के उत्कृष्ट योगदान को देखते हुए उन्हें न्यूयॉर्क में साल 2011 में अंतर्राष्ट्रीय ईमी डिरेक्टोरेट अवार्ड से भी नवाजा गया. 


मीडिया मुगल कहे जाने वाले डॉ.चंद्रा अपने अनुभवों को 'डॉ.सुभाष चंद्रा शो' के जरिए लोगों तक पहुंचाते हैं. आपको बता दें कि देशभर में यह कार्यक्रम 230 मिलियन से ज्यादा लोगों द्वारा देखा जाता है. डॉ सुभाष चंद्रा ने 'द् ज़ी फैक्टर- माए जर्नी एज द् रॉन्ग मैन एट द् राइट टाइम' नाम से अपनी आत्मकथा भी लिखी है. बेस्ट सेलर यह आत्मकथा अंग्रेजी, हिंदी के बाद अब मराठी में भी उपलब्ध है.