Amroha school Lunchbox: खाने-पीने की चीजों को लेकर आए दिन देश दुनिया में बवाल देखने को मिलता है, खासकर तब जब मामला वेज और नॉन वेज का हो. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के अमरोहा से एक ऐसा ही मामला पिछले कई दिनों चर्चा में है. अब इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अमरोहा के जिलाधिकारी को निर्देश दिया है कि जिन नाबालिग छात्रों को टिफिन में नॉन वेज भोजन लाने के आरोप में स्कूल से निकाला गया था, उनके लिए दो सप्ताह के भीतर किसी अन्य स्कूल में दाखिले की व्यवस्था की जाए. अदालत ने जिलाधिकारी से इस आदेश का पालन सुनिश्चित करते हुए हलफनामा दाखिल करने को कहा है.


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मां की याचिका पर आया फैसला
असल में यह आदेश तीन बच्चों की मां सबरा की याचिका पर दिया गया. हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक बच्चों की मां ने अपनी याचिका में स्कूल के प्रधानाचार्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी. उन्होंने आरोप लगाया कि उनके बच्चों को गलत तरीके से स्कूल से निकाल दिया गया. याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सिद्धार्थ और न्यायमूर्ति एससी शर्मा की पीठ ने यह फैसला सुनाया.


राज्य से मुआवजे की मांग
याचिकाकर्ता ने यह भी मांग की कि बच्चों के शैक्षणिक नुकसान की भरपाई के लिए राज्य सरकार से मुआवजा दिलाया जाए. उन्होंने कहा कि स्कूल प्रधानाचार्य की कथित कार्रवाई से बच्चों की पढ़ाई में बाधा आई है.


सितंबर में स्कूल से निकाला गया
इतना ही नहीं सबरा के मुताबिक, उनका बेटा कक्षा 3 में पढ़ता था और अपने दो भाई-बहनों के साथ सितंबर 2024 में स्कूल से निकाला गया. यह स्कूल सीबीएसई से मान्यता प्राप्त है. आरोप है कि प्रधानाचार्य ने बच्चों को गैर-शाकाहारी भोजन लाने के कारण स्कूल से निकाल दिया.


मामले का वीडियो हुआ वायरल
रिपोर्ट के मुताबिक इस घटना से संबंधित एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. वीडियो में बच्चों की मां और प्रधानाचार्य के बीच बातचीत हो रही है. इस वीडियो ने पूरे मामले को चर्चा में ला दिया था. फिलहाल अब अदालत ने छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए यह महत्वपूर्ण फैसला दिया है. File Photo