म्यांमार में शक्तिशाली भूकंप, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में भी महसूस किये गये झटके
पूर्व और पूर्वोत्तर भारत के कई हिस्सों में आज शक्तिशाली भूकंप का झटका महसूस किया गया जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.8 दर्ज की गयी और उसका केंद्र म्यांमार में था। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अधीन आने वाले राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, भूकंप का केंद्र म्यांमार में था और यह शाम 4 बजकर 04 बजे 58 किलोमीटर की गहराई में आया।
कोलकाता : पूर्व और पूर्वोत्तर भारत के कई हिस्सों में आज शक्तिशाली भूकंप का झटका महसूस किया गया जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.8 दर्ज की गयी और उसका केंद्र म्यांमार में था। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अधीन आने वाले राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, भूकंप का केंद्र म्यांमार में था और यह शाम 4 बजकर 04 बजे 58 किलोमीटर की गहराई में आया।
भारत में भूकंप के झटके बिहार, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों में महसूस किये गये जिससे लोग दहशत में आ गये। हालांकि जान-माल के नुकसान की फिलहाल कोई खबर नहीं है। पूर्वोत्तर भारत दुनिया के सर्वाधिक भूकंप संभावित क्षेत्रों में से एक है।
अमेरिकी भूविज्ञान सर्वेक्षण (यूएसजीएस) ने कहा कि मध्य म्यांमार के प्रमुख पर्यटक स्थल और प्राचीन शहर बगान के दक्षिण में आज 6.8 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया। एजेंसी ने कहा कि भूकंप का केन्द्र 84 किलोमीटर की गहराई में था। एएफपी संवाददाताओं ने खबर दी कि यह झटका थाईलैंड की राजधानी बैंकाक की उंची इमारतों में भी महसूस किया गया।
भूकंप म्यांमार की सीमा से सटे दक्षिण और दक्षिणपश्चिमी बांग्लादेश में भी महसूस किया गया और टेलीविजन फुटेज में लोगों को सड़कों पर निकलते हुए दिखाया गया। ‘एटीएन बांग्ला’ टेलीविजन ने खबर दी कि ढाका के बाहर स्थित सावर औद्योगिक क्षेत्र की एक इमारत से भूकंप की दहशत में इमारत से पहले बाहर निकलने के प्रयास में कम से कम 20 लोग घायल हो गये।
म्यामां की सीमा के निकट चटगांव शहर के नजमुस साकिब ने अपने फेसबुक वाल पर लिखा, ‘हम सभी अपनी दुकानों और घरों को ऐसे ही छोड़कर सड़कों पर उतर आए क्योंकि भूकंप बहुत खतरनाक लगा।’ म्यामां में फिलहाल किसी के हताहत होने की खबर नहीं है लेकिन अधिकारियों ने कहा कि वे देश में कई मंदिरों को नुकसान पहुंचने की खबरों की जांच कर रहे हैं।
भूकंप का केन्द्र म्यांमार के सबसे प्रसिद्ध पुरातत्व स्थल और ढाई हजार से अधिक बौद्ध स्मारकों की नगरी बगान के दक्षिण में करीब 30 किलोमीटर दूर इरावाडी नदी पर बसे एक कस्बे चौक के पास था। बगान के एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि उनकी टीम इन खबरों पर गौर कर रही है कि कई मंदिरों को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा, ‘हमें शुरुआती जानकारी मिली है कि कई प्रसिद्ध मंदिरों को नुकसान पहुंचा है। हमें स्थल पर मौजूद अपनी टीम से और पुष्टि करनी है। हमने किसी के हताहत होने की बात नहीं सुनी।’
मध्य मागवाय क्षेत्र में भूकंप के केन्द्र वाले कस्बे चौक से क्षेत्रीय सांसद सोइ विन ने कहा कि झटके कई मिनटों तक महसूस किये गये। उन्होंने कहा, ‘साथ में कुछ आवाज भी थी। सलाय में एक मंदिर ढह गया और एक अन्य इमारत को भी नुकसान पहुंचा है।’ उन्होंने कहा कि उन्होंने किसी के हताहत होने की खबर अब तक नहीं सुनी है। म्यांमार में भूकंप आना तुलनात्मक रूप से सामान्य बात है। हालांकि 2012 के बाद से देश में कोई बड़ा भूकंप नहीं आया है। पिछला भूकंप का तगड़ा झटका अप्रैल में पास के एक क्षेत्र में महसूस किया गया था और इससे थोड़ा नुकसान हुआ था लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ था