Maharashtra Politics: चुनाव आयोग ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अजित पवार गुट को असली एनसीपी कहा है. चुनाव आयोग के फैसले के बाद एनसीपी का चुनाव चिन्ह घड़ी भी अजित पवार गुट के पास ही रहेगा. पार्टी में टूट के बाद से शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार में पार्टी के नाम और सिंबल पर विवाद चला आ रहा था. चुनाव आयोग के आज के फैसले के बाद यह इस विवाद पर विराम लग गया है.



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शरद पवार को बड़ा झटका


लोकसभा और राज्यसभा चुनाव से पहले यह चुनाव आयोग का यह फैसला शरद पवार गुट के लिए एक बड़ा झटका है. चुनाव आयोग ने मंगलवार को आधिकारिक तौर पर अजित पवार के गुट को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के रूप में मान्यता दे दी. विधायी बहुमत परीक्षण के आधार पर चुनाव आयोग ने यह फैसला अजित पवार गुट के पक्ष में सुनाया.


6 महीने में 10 से अधिक सुनवाई


बता दें कि एनसीपी के दोनों गुटों ने पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह को लेकर चुनाव आयोग का कई बार रुख कर चुके थे. चुनाव आयोग इस मसले पर 6 महीने में 10 से अधिक सुनवाई कर चुका था. आखिरी सुनवाई के बाद चुनाव आयोग ने यह फैसला सुनाया है. चुनाव आयोग ने शरद पवार गुट को पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह तय करे का 7 फरवरी तक का समय दिया है.


लोकतंत्र की हत्या..



शरद पवार गुट ने मंगलवार को कहा कि अजित पवार गुट को असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) घोषित करने का चुनाव आयोग का फैसला दबाव में लिया गया फैसला है. महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि यह लोकतंत्र की हत्या है. जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है. देशमुख ने कहा कि चुनाव आयोग ने यह फैसला दबाव के चलते दिया.


EC के फैसले को सराहा



वहीं, अजित पवार गुट के राकांपा नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि चुनाव आयोग के फैसले से साबित होता है कि पार्टी के अधिकांश कार्यकर्ता और निर्वाचित प्रतिनिधि अजित पवार के साथ हैं