ED Charge Sheet on Senthil Balaji: तमिलनाडु में केंद्रीय अपराध शाखा (Central Crime Branch) द्वारा दर्ज 3 प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी, जिसमें 3 चार्जशीट फाइल किए गए और उन तीनों में वी. सेंथिल बालाजी को मुख्य आरोपी बनाया गया है. इस मामले में उच्चतम न्यायालय ने 16 अगस्त को आदेश जारी किया जिसमें तमिलनाडु राज्य पुलिस को 2 महीने के भीतर आगे की जांच करने और आरोपपत्र दायर करने का आदेश दिया गया था. इसके साथ ही मद्रास उच्च न्यायालय के सिंतबर 2022 के आदेश के माध्यम से जांच पर लगी स्थगन आदेश को हटाते हुए ईडी को जांच आगे बढ़ाने की अनुमति दी थी.


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मंत्री और भाई पर घोटाले का आरोप


ईडी की जांच से पता चला कि तत्कालीन परिवहन मंत्री वी सेंथिल बालाजी ने अपने भाई आरवी अशोक कुमार और अपने व्यक्तिगत सहायकों बी शनमुगम और एमकार्तिकेयन के साथ अपनी आधिकारिक क्षमता का दुरुपयोग करते हुए, राज्य परिवहन उपक्रमों (STU) के तत्कालीन प्रबंध निदेशकों और परिवहन निगम के अन्य अधिकारियों के साथ एक आपराधिक साजिश रची और उम्मीदवारों से परिवहन निगमों में ड्राइवरों, कंडक्टरों, जूनियर ट्रेडसमैन, जूनियर सहायकों, जूनियर इंजीनियर और सहायक अभियंता के रूप में भर्ती करने के लिए अवैध तरीके से पैसे लिए.


बैंक खातों में भारी नकदी जमा


ईडी जांच के दौरान बैंक स्टेटमेंट के विश्लेषण से पता चला कि आरोपी वी सेंथिल बालाजी और उनकी पत्नी एस मेघला के बैंक खातों में भारी नकदी जमा  हुई है. इसके अलावा ईडी ने अपराध जनित आगम के उपयोग का संकेत देने वाले आपराधिक साक्ष्य जुटाए जो कि 'नौकरी के बदले नकदी घोटाला' (कैश फॉर जॉब्स स्कैम ) से जुड़े तार और कार्यप्रणाली को उजागर करते है. जांच के दौरान वी सेंथिल बालाजी को आपराधिक सबूतों  को दिखाया गया, लेकिन वह इसका खंडन करने और कोई भी प्रमाणिक स्पष्टीकरण पेश करने में विफल रहे, बजाय इसके वह जांच कार्यवाही के दौरान असहयोग और टालमटोल करते रहे.


आपको बता दें कि तमिलनाडु की एक अदालत ने राज्य के गिरफ्तार मंत्री वी सेंथिल बालाजी के खिलाफ लंबित धन शोधन मामले को गुरुवार को यहां के सांसदों और विधायकों के लिए एक विशेष अदालत में स्थानांतरित कर दिया.


(इनपुट:  एजेंसी)